अपनी भाषा को संयमित रखें सांसद: पीएम मोदी

बोले- रेवड़ी संस्कृति की वजह से देश को बहुत नुकसान

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए के सांसदों के साथ एक खास मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने सांसदों को चुनाव में जीत का मंत्र भी दिया। सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी ने इस मुलाकात के दौरान सभी सांसदों से कहा कि वो गरीबों के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि एक सांसद के तौर पर हमे अपनी भाषा पर संयम रखने की जरूरत है।
विपक्षी दल आपको उकसाएंगे लेकिन आपको अपनी भाषा और वाणी पर कंट्रोल रखने की जरूरत है। अगर ऐसा कर पाए तो इससे विपक्ष को कोई विवाद पैदा करने का मौका नहीं मिल पाएगा। पीएम मोदी ने सांसदों से कहा कि वह तथ्यों के आधार पर विपक्षी गठबंधन का सामना करें। साथ ही उन्होंने आने वाले समय में दक्षिण भारत के राज्यों पर भी फोकस करने को कहा। सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि विपक्ष की रेवड़ी संस्कृति की वजह से देश को बहुत नुकसान हो रहा है। पीएम ने सभी सांसदों से रेवड़ी संस्कृति का मुकाबला करने की भी नसीहत दी है। पीएम मोदी ने इस बैठक के दौरान सभी सांसदों से समाज के सभी वर्गों के लिए काम करने को भी कहा है. उन्होंने कहा कि सभी सांसदों को चाहिए कि वह अपने अपने लोकसभा क्षेत्रों में लोगों से संपर्क बढ़ाएं. साथ अपने काम का प्रचार करने के लिए कॉल सेंटर भी बनाया जा सकता है.

पीएम व राजनाथ से मिले सिद्धारमैयाा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री से मुलाकात से कुछ घंटे पहले मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की। सिद्धारमैया ने पीएम मोदी को लकड़ी से बनी पारंपरिक हाथी की लघु प्रतिमा और माला भेंट की। पीएमओ द्वारा ट्वीट की गई तस्वीर में पीएम मोदी कर्नाटक की पारंपरिक पगड़ी और शॉल पहने नजर आ रहे हैं।

कपिल सिब्बल की दलील को जज ने किया खारिज

अनुच्छेद 370 मामले पर दूसरे दिन भी सुनवाई जारी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज दूसरे दिन की सुनवाई शुरू की। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत की पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ सोमवार और शुक्रवार को छोडक़र दैनिक आधार पर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
वकील काबिल सिब्बल ने अपनी दलील रखते हुए कहा कि धारा 370 को छुआ नहीं जा सकता। अन्य सभी चीजें हो सकती हैं। जिसके जवाब में जस्टिस खन्ना ने कहा कि यह नहीं कहते कि अनुच्छेद 370 को छुआ नहीं जा सकता! वास्तव में, इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि इसे छुआ जा सकता है। सिब्बल ने कहा कि 370(1)(सी) या अनुच्छेद 3, नहीं कर सकते! एक सीमांत नोट यह नहीं कह सकता कि यह अस्थायी है इसलिए मैंने इसे इस तरह पढ़ा। ऐसा नहीं किया जा सकता। अब आपको भारत के संविधान के प्रावधानों को लागू करना है। और वे सभी क्रम में सम्मिलित हैं। तो 356 वहां आता है, भाग-3, प्रस्तावना, डीपीएसपी- वहां आते हैं लेकिन यह सब सहमति के साथ है। सिब्बल ने कहा कि यह 370 क्या है इसकी वास्तविक समझ का सवाल है। जवाब में न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि यहां अपवाद यह है कि संपूर्ण संविधान को अपनाया गया है, जो कि किए गए संशोधनों के अधीन है।

वनवासियों के अधिकारों को खतरे में डाल रही सरकार: जयराम रमेश

वन विधेयक को लेकर कांग्रेस ने उठाया सवाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने गुरुवार को कहा कि सरकार और उन पार्टियों से सवाल पूछा जाना चाहिए, जिन्होंने वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023 पर मुहर लगाई है। साथ ही उन्होंने कहा कि वनवासियों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए यह एक लंबा संघर्ष होगा। बता दें, मणिपुर मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के विरोध और उनके बहिर्गमन के बीच राज्यसभा ने बुधवार को एक संक्षिप्त बहस के बाद वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023 पारित कर दिया।
विधेयक में देश की सीमाओं के 100 किलोमीटर के भीतर की भूमि को संरक्षण कानूनों के दायरे से छूट देने और वन क्षेत्रों में चिडिय़ाघर, सफारी और इको-पर्यटन सुविधाओं की स्थापना की अनुमति देने का प्रावधान है। बता दें, लोकसभा इस विधेयक को 26 जुलाई को पारित कर चुकी है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि कई पर्यावरणविदों, जो किसी भी तरह से भक्त नहीं हैं ने वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 में संशोधन के समय राज्यसभा का बहिष्कार करने के लिए विपक्ष की आलोचना की है। साथ ही इसके खिलाफ कई लोग आंदोलन कर रहे हैं, कल उस पर चर्चा हो रही थी।

विधेयक का बहिष्कार 26 पार्टियों का सामूहिक निर्णय

रमेश ने कहा कि बहिष्कार का निर्णय भारत की 26 पार्टियों का सामूहिक निर्णय था क्योंकि मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बोलने की हमारी जायज मांग को रोजाना अस्वीकार किया जा रहा है। साथ ही विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि विधेयक को स्थायी समिति या अध्यक्ष के पास नहीं भेजा गया था। इसे एक विशेष संयुक्त समिति के पास भेजा गया, जिसने विधेयक पर बस मुहर लगा दी। विधायी प्रक्रिया का पूरी तरह से मजाक उड़ाया गया।

सभी को सुरक्षा नहीं दे सकती सरकार: खट्टर

सीएम के बयान पर विपक्ष हमलावर, ममता का मिला साथ

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर जहां नूंह हिंसा को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं तो वहीं इस बीच बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने उनका समर्थन किया है। खट्टर ने हरियाणा की आबादी का जिक्र करते हुए कहा कि पुलिस सभी की सुरक्षा कैसे कर सकती है?
सीएम के इस बयान के बाद विपक्ष इसकी आलोचना करने लगा। ममता बनर्जी ने कहा कि मैं इस मुद्दे पर मनोहर लाल खट्टर का सपोर्ट करती हूं, कि वाकई पुलिस महकमा कैसे हर आदमी की सुरक्षा कर सकता है। दरअसल हाल ही में बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा को लेकर ममता विपक्ष के निशाने पर थीं।

मानेसर पर राजस्थान सरकार क्यों नहीं करती कार्रवाई

नूंह हिंसा पर घिरे होने के बीच मोनू मानेसर पर भी सीएम खट्टर ने चुप्पी तोड़ी है। खट्टर ने कहा कि जहां तक मोनू मानेसर की बात है तो उस पर राजस्थान में केस दर्ज हैं, मैं तो राजस्थान सरकार से पूछना चाहता हूं कि वे कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं। हमारी हरियाणा सरकार से मोनू मानेसर को लेकर जो भी मदद चाहिए, हम करने के लिए तैयार हैं। नूंह हिंसा को लेकर खट्टर ने कहा है कि नुकसान की भरपाई विद्रोह फैलाने वाले आरोपियों से ही की जाएगी, जिसके बाद एक बार माना जा रहा है कि क्या वाकई सीएम खट्टर हरियाणा में यूपी का योगी मॉडल अपनाएंगे।

बिहार में जातिगत जनगणना के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। बिहार में जातिगत जनगणना कराने के नीतीश सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। मंगलवार को ही पटना हाईकोर्ट ने जातिगत जनगणना की मंजूरी दी थी। इसी के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है।
गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट ने बिहार में जाति सर्वेक्षण पर चार मई को अस्थायी रोक लगा दी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने कहा था कि जाति-आधारित डेटा का संग्रह संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के तहत एक संवैधानिक आदेश है।इसके बाद हाईकोर्ट ने एक अगस्त को बिहार सरकार द्वारा कराए जा रहे जाति सर्वेक्षण को वैध और कानूनी ठहराया। अदालत ने उन याचिकाओं को भी खारिज कर दिया जो जून 2022 में राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए जाति सर्वेक्षण के खिलाफ दायर की गई थीं।

प्रदर्शन

सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) द्वारा महिलाओं के साथ हो रही हिंसा पर गृहमंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से तीखी नोकझोंक भी हुई।

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