कार्यवाहक डीजीपी नियुक्ति मामला: एसी में अवमानना की याचिका, चीफ जस्टिस की बेंच आज करेगी सुनवाई

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश और पंजाब में कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति दोनों राज्यों के लिए गले की फांस बनते जा रहा है। अब इस मामले में पंजाब और यूपी के मुख्य सचिवों तथा यूपीएससी चेयरमैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच आज यानी सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई करेगी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रकाश सिंह मामले में दिए गए फैसले की अवहेलना का हवाला देते हुए अवमानना की यह याचिका दायर की गई है। याचिका में दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और यूपीएससी चेयरमैन के खिलाफ अवमानना का मामला चलाए जाने की मांग की गई है। अब सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करेगा।
बता दें कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में पिछले करीब 15 महीने से किसी पूर्णकालिक डीजीपी की नियुक्ति नहीं हुई है। कार्यवाहक डीजीपी के भरोसे ही राज्य की सुरक्षा व्यवस्था चल रही है जबकि राज्य में जांबाज पुलिस अधिकारियों की कमी नहीं है। 1987 बैच के ढ्ढक्कस् मुकुल गोयल को डीजीपी पद से हटाए जाने के बाद से अभी तक यूपी में पूर्णकालिक डीजीपी की नियुक्ति नहीं हो पाई है। इनके बाद से अभी तक राज्य को कुल तीन कार्यवाहक डीजीपी मिल चुके हैं।
यही हाल पंजाब का भी है, जहां पिछले करीब एक साल से गौरव यादव कार्यवाहक डीजीपी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। पंजाब की सरकार ने पिछले साल 5 जुलाई को गौरव यादव को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया है। पंजाब की सरकार ने तत्कालीन डीजीपी वीके भावरा के 2 महीने के अवकाश पर जाने के बाद गौरव यादव को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया था। तब से लेकर अभी तक गौरव इस पद पर बने हुए हैं। यहां तक की केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मार्च में पंजाब की मान सरकार को इस संबंध में एक पत्र भी भेजा था और सवाल किया था कि था कि गौरव यादव कार्यवाहक डीजीपी के पद पर क्यों बने हुए हैं? पत्र में गृह मंत्रालय ने राज्य से डीजीपी चयन के लिए आईपीएस अधिकारियों का पैनल यूपीएससी को नहीं और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए राज्य में स्थायी डीजीपी नहीं नियुक्त किया जाने पर जवाब भी मांगा था।

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