ऐतिहासिक चाल चलने के करीब प्रज्ञानानंद

कार्लसन से पहली बाजी रही ड्रॉ, आज होगी खिताबी मुकाबले की दूसरी बाजी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बाकू (अजरबैजान)। भारत के ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंद और दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन के बीच चेस वल्र्ड कप फाइनल की पहली बाजी ड्रॉ रही। 35 चालों के बाद दोनों ही खिलाडिय़ों ने ड्रॉ पर मुकाबला खत्म करने पर सहमति व्यक्त की। अब आज दोनों खिलाडिय़ों के बीच दूसरी बाजी खेली जाएगी। इस मैच को जीतने वाला खिलाड़ी चेस वल्र्ड चैंपियन बन जाएगा। वहीं अगर यह भी ड्रॉ रहती है तो टाईब्रेकर से चैंपियन का फैसला होगा।
भारतीय ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानानंद को पहले राउंड में बाई मिली। दूसरे दौर में 29 साल के फ्रांसी मैक्सिम लेगार्ड और तीसरे में अनुभवी डेविड नवारा को हराया। अगले दौर में, प्रज्ञानानंद ने अमेरिकी ग्रैंडमास्टर और विश्व नंबर 2 हिकारू नाकामुरा को टाईब्रेकर में हराया। दोनों ने चौथे दौर के मुकाबले में अपनी दोनों क्लासिकल खेलों को ड्रॉ किया था। पांचवें दौर में हंगेरियन फेरेंक बर्केस प्रग के खिलाफ थे लेकिन वे भारतीय खिलाडिय़ों को टक्कर नहीं दे पाए। क्वार्टर फाइनल में, प्रग ने हमवतन अर्जुन एरगिस को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। सेमीफाइनल में 31 वर्षीय प्रतिद्वंद्वी, विश्व नंबर 3 फैबियानो कार्वाना को हराकर 2002 में विश्वनाथन आनंद के बाद से फिडे विश्व कप के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए। इस फाइनल मुकाबले से पहले मैग्नस कार्लसन और आर प्रज्ञानानंद के बीच 19 बार मुकाबला हुआ था। क्लासिकल चेस में दोनों एक बार खेल चुके हैं और मुकाबला बराबरी पर समाप्त हुआ। रैपिड/एग्जीबिशन खेलों में कार्लसन प्राग से 7-5 से आगे हैं। उनके बीच खेले गए बाकी रैपिड्स बराबरी पर समाप्त हुए हैं।

फाइनल में पहुंचने की उम्मीद नहीं थी

प्रज्ञानानंद ने फाइनल में जगह बनाने के बाद कहा, ‘‘मुझे इस टूर्नामेंट में मैग्नस से खेलने की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी क्योंकि मैं उससे केवल फाइनल में ही खेल सकता था और मुझे फाइनल में पहुंचने की उम्मीद नहीं थी। मैं बस अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगा और देखूंगा कि क्या होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कैंडीडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करके काफी अच्छा लग रहा है।’’

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