एक देश, एक चुनाव पर कमेटी बनते ही विपक्ष में मची हलचल
नई दिल्ली। इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक मुंबई में चल रही है। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब केंद्र सरकार ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर एक कमेटी बनाई है। पांच दिनों के लिए संसद का स्पेशल सत्र बुलाया है। संभावना है कि इस दौरान सरकार संसद में विधेयक पेश कर सकती है। विपक्षी दलों में इसको लेकर हलचल है। विपक्षी नेता ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को षड्यंत्र बता रहे हैं।
विपक्षी नेताओं की मीटिंग से पहले बातचीत में उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ चुनाव को आगे बढ़ाने की साजिश है। उन्होंने बताया कि आज की मीटिंग में संयोजक पद और समितियों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने कल ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का गुब्बारा छोड़ा है। यह चुनाव न कराने की साजिश है, चुनाव आयोग तनाव में है, इंडिया गठबंधन से वे घबराए हुए हैं, हमारी ही मीटिंग पर उनका (बीजेपी) का ध्यान है।
मुंबई मीटिंग से पहले बातचीत में संसद के विशेष सत्र और सत्र के एजेंडे की अटकलों पर समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव का कहना है कि ‘अगर वे (सरकार) विशेष सत्र बुलाना चाहती थी, तो विपक्षी दलों से बात करनी चाहिए थी। अब इसके बारे में (सत्र का एजेंडा) कोई नहीं जानता लेकिन सत्र बुला लिया गया है। जनता दल युनाइटेड के नीरज कुमार ने कहा कि ‘इंडिया गठबंधन से घबराकर भाजपा यह दांव चलने की कोशिश कर रही है।’ राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि ‘एक देश, एक चुनाव’ इस देश में संभव नहीं है।
‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ को लेकर कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि हमारी मोहब्बत की दुकान है। उन्होंने कहा कि हम जीतेंगे, मैनडेट हमारे साथ है। केंद्र में जो हो रहा है, लोग परेशान हो गए हैं और लोग तंग आ चुके हैं। वन नेशन-वन इलेक्शन चुनाव के दौरान लाकर सरकार मुद्दों को डायवर्ट करने की कोशिश कर रही है। जब भी हो, हम हमेशा रेडी हैं।
हालांकि, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सरकार के कदम का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि ‘देश के हित में एक देश, एक चुनाव के लिए उठाया गया शानदार कदम है! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक कदम है!’ केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने साफ किया है कि संसद के स्पेशल सत्र से विपक्षी दलों को घबराने की जरूरत नहीं है। नए विषय आते रहते हैं और चर्चा होनी चाहिए। विपक्षी नेताओं में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के मुद्दे पर हलचल मची थी। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए 18-22 सितंबर तक संसद का स्पेशल सत्र बुलाया गया है।