शर्मिला कडप्पा और तारिक कटिहार से ठोंकेंगे ताल

कांग्रेस ने टिकट दिया, 17 और प्रत्याशी घोषित किए

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए 17 और उम्मीदवार घोषित किए जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर एवं एम एम पल्लम राजू तथा पार्टी की आंध्र प्रदेश इकाई की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला रेड्डी के नाम शामिल हैं। पार्टी की ओर से जारी उम्मीदवारों की 11वीं सूची में आंध्र प्रदेश से पांच, बिहार से तीन, ओडिशा से आठ और पश्चिम बंगाल से एक उम्मीदवार का नाम शामिल है।
पार्टी ने बिहार के कटिहार से एक बार फिर अनवर को उम्मीदवार बनाया है। पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हें जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार दुलालचंद गोस्वामी ने पराजित किया था। एक बार फिर से उनका मुकाबला गोस्वामी से होगा। कांग्रेस ने बिहार की किशनगंज लोकसभा सीट से अपने मौजूदा सांसद मोहम्मद जावेद को टिकट दिया है। भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक अजीत शर्मा को उम्मीदवार बनाया गया है। कांग्रेस बिहार की कुल 40 लोकसभा सीटों में से नौ पर चुनाव लड़ रही हैअ वहीं, 26 सीट पर उसकी सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और पांच सीट पर वाम दल चुनाव लड़ रहे हैं। बिहार में गठबंधन के तहत कांग्रेस के हिस्से में नौ सीट- किशनगंज, कटिहार, पटना साहिब, भागलपुर, सासाराम, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, पश्चिम चंपारण और महाराजगंज आई हैं। पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू को आंध्र प्रदेश की काकीनाड़ा लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। शर्मिला रेड्डी को आंध्र प्रदेश के कडप्पा से उम्मीदवार बनाया गया है।

अनंतनाग-राजौरी से चुनाव लड़ेंगे गुलाम नबी

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। उनकी पार्टी डीपीएपी ने यह घोषणा की। आजाद ने 2022 में कांग्रेस छोड़ दी थी। उन्होंने कांग्रेस के साथ अपने पांच दशक लंबे जुड़ाव को समाप्त करते हुए राजनीतिक संगठन-डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) का गठन किया। डीपीएपी के नेता ताज मोहिउद्दीन ने यहां संवाददाताओं से कहा, आज डीपीएपी की कोर कमेटी की बैठक हुई और हमने फैसला किया कि (पार्टी अध्यक्ष) गुलाम नबी आजाद अनंतनाग-राजौरी सीट से चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले, आजाद ने 2014 का लोकसभा चुनाव उधमपुर संसदीय क्षेत्र से लड़ा था और वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता जितेंद्र सिंह से हार गए थे। अल्ताफ बुखारी क ी अपनी पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना पर मोहिउद्दीन ने कहा कि इस मुद्दे पर कोई प्रगति नहीं हुई है। उन्होंने कहा, हमारे पास समय क म है और वार्ता में बहुत ज्यादा प्रगति नहीं हुई है। इसलिए बेहतर है कि वे अपना प्रयास करें और हम अपना। उनकी वैसे भी अनंतनाग सीट में क ोई दिलचस्पी नहीं थी।
मोहिउद्दीन ने कहा कि कश्मीर की अन्य लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवारों का फैसला अगले कुछ दिन में होगा।

भाजपा ने अरुणाचल में चुनाव जीतने के लिए पैसे बांटे : तुकी

ईटानगर। कांग्रेस की अरुणाचल प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नबाम तुकी ने राज्य के सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर विधानसभा चुनाव जीतने के लिए उनके (कांग्रेस के) उम्मीदवारों को पैसे का लालच देने का आरोप लगाया। तुकी ने दावा किया कि सत्तारूढ़ दल द्वारा भारी धनराशि दिए जाने के बाद कई पार्टी प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए। उन्होंने कहा कि प्रारंभ में इस सबसे पुरानी पार्टी ने 60 विधानसभा सीट में से 44 पर प्रत्याशियों को खड़ा किया था लेकिन अब उसके केवल 19 उम्मीदवार रह गए हैं। तुकी स्वयं अरुणाचल पश्चिम संसदीय सीट से लोकसभा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। उनके पार्टी उपाध्यक्ष बोसीराम सिराम पूर्वी अरुणाचल सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, यह कोई आश्चर्य नहीं है… सत्तारूढ़ दल ने चुनाव जीतने के लिए सभी प्रयास किए हैं। यह खुला सच है कि भाजपा उम्मीदवार हमारे प्रत्याशियों को खरीदने के लिए धनबल का इस्तेमाल कर रहे हैं। यहां पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए पापुम पारे जिले के सांगली क्षेत्र के छह बार के विधायक तुकी ने कहा कि भाजपा भले ही कोई भी साजिश कर ले, कांगेस अधिकतम सीट जीतेगी। उन्होंने कहा, हमें सभी 19 सीट जीतने का विश्वास है जहां हमारे प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं।

राजनीतिक लाभ के लिए दिए जा रहे गैरजिम्मेदाराना बयान : मोइली

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने कच्चातिवु द्वीप के मुद्दे को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव के दौरान राजनीतिक लाभ के लिए सरकार गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रही है। इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर पलटवार करते हुए, विपक्षी नेताओं ने सोमवार को 2015 के एक आरटीआई जवाब का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि 1974 और 1976 के समझौतों में भारत से संबंधित क्षेत्र का अधिग्रहण या उसे सौंपना शामिल नहीं था। उन्होंने कहा कि क्या नरेन्द्र मोदी की सरकार के रुख में में यह परिवर्तन चुनावी राजनीति के लिए है? पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी को जिम्मेदार ठहराने के बजाय दस्तावेजों का सावधानी से अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने कहा, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने भारत की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। चुनाव के दौरान केवल राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना और लापरवाही वाले बयान शोभा नहीं देते और मतदाता इस तरह के गुप्त मकसद को समझ लेंगे, खासतौर पर तब जबकि तमिलनाडु में भाजपा के लिए हमेशा सूपड़ा साफ ही रहा है।

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