लखनऊ-कानपुर सहित बड़े जिलों में कांटेक्ट ट्रेसिंग पर सीएम की नजर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। प्रदेश सरकार ने लखनऊ, गाजियाबाद, कानपुर और झांसी जैसे कोरोना से प्रभावित बड़े जिलों में भी सर्विलांस और कांटेक्ट ट्रेसिंग पर जोर दिया है। साथ ही कंटेनमेंट क्षेत्र में सभी लोगों की एंटीजेन टेस्ट करने के भी निर्देश दिए हैं। सीएम योगी का मानना है कि आगरा और मेरठ में स्थिति काबू में है। इसका सारा श्रेय वहां के जिला प्रशासन व स्वास्थ्य महकमे को है, जिसने संक्रमण की रफ्तार पर ब्रेक लगा रखी है। उसी तरह लखनऊ व कानपुर सहित बड़े जिलों में भी संक्रमण को रोकना है।
प्रदेश सरकार के अनुसार 15 दिन पहले तक आगरा, मेरठ और नोएडा में संक्रमित मरीजों की तादाद प्रतिदिन बहुत तेजी से बढ़ रही थी। लेकिन अब प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या भी 10 से 20 के बीच में ही आ रही है। मेरठ में भी एक समय में 1961 संक्रमित मरीज पाए जा चुके थे और 102 मरीजों की मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन अब बड़ी तादाद में मरीज ठीक होकर घर वापस चले गए और अब केवल 364 मामले सक्रिय बचे हैं। कुछ इसी तरह नोएडा के स्थिति भी अब सुधरने लगी है। वहां 4466 मरीजों में अब केवल 910 मरीज ही भर्ती हैं। बाकी डिस्चार्ज हो चुके हैं। इसकी प्रमुख वजह यह रही कि वहां बड़े पैमाने पर सर्विलांस और कांटेक्ट ट्रेसिंग के साथ एंटीजेन टेस्ट भी किए गए। साथ ही कंटेनमेंट क्षेत्र में सख्ती भी बढ़ाई गई।
प्रदेश में 1 लाख टेस्ट प्रतिदिन की कार्ययोजना बनाएं
सीएम योगी ने टीम-11 की बैठक ली। इसमें अफसरों को निर्देश दिए कि कोविड-19 को हराने के लिए जरूरी है कि वायरस से एक कदम आगे का विजन रखा जाए। इसके लिए प्रदेश में 1 लाख टेस्ट प्रतिदिन करने की कार्ययोजना बनाकर उसे क्रियान्वित करें। 30 लाख या अधिक की आबादी वाले जनपदों में रैपिड एन्टीजन टेस्ट के द्वारा 2 हजार टेस्ट प्रतिदन तथा इससे कम जनसंख्या वाले जिलों में कम से कम 1,000 टेस्ट रैपिड एन्टीजन टेस्ट विधि के माध्यम से प्रतिदिन किए जाएं। आरटीपीसीआर के माध्यम से प्रदेश में 35 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाएं। आगामी शनिवार तथा रविवार को सेनिटाइजेशन, फॉगिंग तथा स्वच्छता सम्बन्धी कार्यों को पूरी तत्परता से किया जाए।
सर्वे गतिविधियों को मिशन मोड पर रखा जाए
सीएम योगी ने कहा कि डोर-टू-डोर सर्वे के माध्यम से मेडिकल स्क्रीनिंग का कार्य सघन रूप से किया जाए। सर्वे गतिविधियों को मिशन मोड पर संचालित किया जाए। प्रदेश में टेस्टिंग किट, दवाई, वेंटीलेटर तथा अन्य जरूरी सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने के लिए समय से सभी प्रक्रियाएं पूरी की जाएं। कन्टेनमेंट जोन में व्यवस्थाओं को सुचारु बनाए रखने के लिए एनसीसी के कैडेटों तथा सिविल डिफेंस के लोगों की सेवाएं भी प्राप्त की जाएं। साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावित जनता के लिए राहत सामग्री, चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ पशुओं के लिए चारे आदि की व्यवस्था रहे।