ममता बनर्जी के विरोध में साधु निकालेंगे रैली, 24 मई को संत स्वाभिमान यात्रा का आयोजन

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी ने शनिवार को रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के साधुओं को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनके इस टिप्पणी के विरोध नें बंगाल के साधुओं ने 24 मई को कोलकाता में रैली निकालने का फैसला किया है। दरअसल ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि रामकृष्ण मिशन के कुछ भिक्षुओं ने आसनसोल में भक्तों से भाजपा के पक्ष में वोट करने के लिए कहा था। वहीं, भारत सेवाश्रम संघ के एक भिक्षु ने टीएमसी एजेंट को बहरामपुर में एक मतदान केंद्र पर बैठने से मना किया था। बनर्जी का आरोप था कि दोनों मठ भाजपा के निर्देशों के तहत काम कर रहे हैं।
विश्व हंदू परिषद (वीएचपी) और पश्चिम बंगाल में साधुओं की शीर्ष संस्था बंगीय संन्यासी समाज के सदस्यों द्वारा संस्था बंगीय संन्यासी समाज के सदस्यों द्वारा संत स्वाभिमान यात्रा का आयोजन किया जाएगा। वीएचपी नेता सौरिस मुखर्जी ने कहा, वोट वैंक की राजनीति के लिए मुख्यमंत्री ऐसी टिप्पणी कर रही हैं। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। इस टिप्पणी के विरोध में पश्चिम बंगाल के साधु रैली निकालेंगे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर पीएम मोदी ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि टीएमसी रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के खिलाफ झूठ फैला रही हैं। यह हद से पार है। अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए ममता बनर्जी धार्मिक संगठनों को धमका रही हैं।
हालांकि, बाद में ममता ने सफाई पेश करते हुए कहा कि वह किसी संस्था के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन राजनीति में शामिल होने के लिए एक या दो लोगों की आलोचना की है। कुच अज्ञात लोगों ने जलपाईगुड़ी में रामकृष्ण मिशन के परिसर पर हमला किया और साधुओं को बंदुक दिखा कर उन्हें डराने की भी कोशिश की गई।

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