TMC के खिलाफ विज्ञापन पर बवाल, कलकत्ता HC ने बीजेपी को फटकारा
चुनाव के बीच पश्चिम बंगाल में हुए हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की TMC के खिलाफ बीजेपी के विज्ञापन पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।
4PM न्यूज़ नेटवर्क: चुनाव के बीच पश्चिम बंगाल में हुए हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की TMC के खिलाफ बीजेपी के विज्ञापन पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। वहीं इसको लेकर बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आपको बता दें कि बीजेपी का कहना है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने बिना हमारा पक्ष सुने एक तरफा आदेश दिया है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मामले में तुरंत सुनवाई की मांग की है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला सोमवार (27 May) को सुनवाई के लिए लगाने की बात कही है।
दरअसल, हाल ही में लोकसभा चुनाव के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीजेपी को झटका देते हुए TMC के खिलाफ विज्ञापन पर रोक लगा दी थी। आपको बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 22 May को सिंगल बेंच के उस आदेश में रोक लगाने से इनकार कर दिया। जिसमें बीजेपी को आदर्श आचार संहिता (MCC) का उल्लंघन करने वाला कोई भी विज्ञापन प्रकाशित नहीं करने का आदेश दिया गया था।
आपको बता दें कि लोकतंत्र में चुनावी प्रक्रियाओं की पवित्रता वह आधार है, जिस पर शासन की इमारत खड़ी होती है। चुनाव आयोग अपने वैधानिक आदेश के मुताबिक इस पवित्रता का संरक्षक है, जिसे निष्पक्षता और अखंडता के साथ चुनाव कराने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। कलकत्ता हाई कोर्ट की इस हालिया नाराजगी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल है और यह एक ऐसा घटनाक्रम है, जो चिंताजनक और निराशाजनक दोनों है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- यह मामला उस दौरान सामने आया, जब TMC ने चुनाव आयोग के पास कई शिकायतें दर्ज कीं हैं।
- BJP पर चुनावी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले आपत्तिजनक विज्ञापन प्रसारित करने का आरोप लगाया गया
- इन विज्ञापनों में सत्तारूढ़ दल को नकारात्मक रूप में दिखाया गया था। और झूठे आरोप के साथ व्यक्तिगत हमले किए गए।
- इन शिकायतों के बावजूद, चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया में समयबद्धता और प्रभावशीलता दोनों की कमी पाई गई।
- वहीं इस मामले में टीएमसी को न्यायिक हस्तक्षेप की मांग करनी पड़ी।