कोरोना के आसान शिकार बन रहे पुरुष, नशे ने भी बढ़ाई मुसीबत

महिलाओं के मुकाबले 70 फीसदी पुरुष हो रहे संक्रमित
घर के बाहर रहने के कारण आसानी से आ रहे चपेट में
बच्चे भी हो रहे संक्रमित, घर में रहने से महफूज हैं महिलाएं

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण की चपेट में पुरुष ज्यादा है। महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में कोरोना के 70 फीसदी लक्षण मिले हैं। नशे के सेवन के चलते पुरुष जल्दी कोरोना की गिरफ्त में आते हैं। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि पुरुष ज्यादातर समय बाहर बिताते हैं। तमाम पुरुष नशे के आदी होते हैं। इन्हीं सब वजहों से वे संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। राजधानी लखनऊ में कुल पुरुष मरीजों की संख्या तकरीबन 70 प्रतिशत है। 25 फीसदी महिलाएं और पांच प्रतिशत बच्चे संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। लखनऊ में अब तक 870 लोग की जान कोरोना वायरस संकट में डाल चुका है। बावजूद शहरवासी लापरवाही बरत रहे है। सोशल डिस्टेंटिंग के मानकों पर लखनऊवासी खरे नहीं उतर रहे हैं जबकि कोरोना ने देश में पांच लाख के आंकड़े को पार कर लिया है।
लोहिया संस्थान के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. देवाशीष शुक्ला के मुताबिक 52 फीसदी पुरुष व 12 प्रतिशत महिलाएं ही धूम्रपान करती हैं। सिगरेट पीने से फेफड़े कमजोर हो जाते हैं। इससे संक्रमण का शिकार होना की आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा सिगरेट पीने के दौरान हाथ बार-बार मुंह के पास भी जाता है। इसलिए भी संक्रमण का खतरा अधिक होता है। डॉ. शुक्ला के मुताबिक लॉकडाउन से लेकर अब तक करीब 1500 लोग फोन पर सलाह ले चुके हैं। इनमें करीब 800 लोगों ने बीडी-सिगरेट, पान मसाला व शराब छोडऩे की इच्छा जाहिर की है। बड़ी संख्या में लोगों ने कोरोना की वजह से मानसिक उलझन बढऩे की परेशानी बताई। घबराहट, बेचैनी और उदासी की भी दिक्कतें बताईं। लोगों ने कोरोना होने की चिंता जाहिर की। उन्होंने बताया कि फोन पर लोगों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। वीडियो कॉल कर बात की जा रही है। कोरोना काल में परिवार संग रहें। मन की बात एक दूसरे से साझा करें। घर में रहकर योग अवश्य करें। किताबे पढ़ें। टीवी देखें। शतरंज, लूडो खेलकर बेहतर समय गुजार सकते हैं। कोरोना का खयाल मन से निकाल दें।

महिलाओं की प्रतिरोधक क्षमता अधिक

कोरोना वायरस उन लोगों पर भी ज्यादा हमला कर रहा है, जिन्हें दिल की बीमारी है। डायबिटीज, गुर्दा, कैंसर व ब्लड प्रेशर समेत दूसरी बीमारी है, वे सावधान रहे। चिकित्सकों का कहना है कि महिलाओं में आतंरिक रूप से पुरुषों से अलग प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएं होती हैं। महिलाओं को ऑटो-इम्यून डिजीज (प्रतिरक्षा तंत्र) ज्यादा बेहतर काम करता है। पुरुष की तुलना में महिलाएं ज्यादा हाथ धुलती हैं। पुरुष हाथ धोने में लापरवाही बरतते हैं। इस कारण भी महिलाओं की अपेक्षा पुरुष ज्यादा संक्रमण का शिकार हो रहे हैं।

राजधानी में संक्रमित महिला-पुरुष के आंकड़े
तारीख महिला पुरुष
20 जून 05 17
21 जून 08 26
22 जून 08 16
23 जून 00 14
24 जून 12 52
25 जून 08 28

20 से 50 साल की उम्र के पुरुष ज्यादा संक्रमित मिले हैं। पुरुष घरों से ज्यादा बाहर निकलते हैं। महिलाओं का वक्त घरों में ज्यादा गुजरता है इसलिए महिलाओं के संक्रमण की चपेट में आने की संभावना पुरुषों के मुकाबले कम है।

  • डॉॅ. केपी त्रिपाठी डिप्टी सीएमओ

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