अशांत होती घाटी सेना और आतंकी

sanjay sharma

सवाल यह है कि आतंकियों के फिर से सक्रिय होने का कारण क्या है? क्या आतंकी पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर सेना पर बड़ा हमला करना चाहते हैं? इन आतंकियों को स्थानीय स्तर पर गोला-बारूद और धन कौन उपलब्ध करा रहा है? क्या कोरोना संकट में पाकिस्तान कश्मीर में एक बार फिर अस्थिरता उत्पन्न करने की कोशिश कर रहा है?

पिछले कुछ महीनों से जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की सक्रियता फिर से तेज हो गई है। वे सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की फिराक में है। वहीं सुरक्षा बल इनको चुन-चुन कर मौत के घाट उतार रहे हैं। एक दिन में सेना ने नौ आतंकियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। हालांकि अभी भी सीमा पार से तमाम आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं और सौ से अधिक आतंकी अभी भी घाटी में सक्रिय हैं। सवाल यह है कि आतंकियों के फिर से सक्रिय होने का कारण क्या है? क्या आतंकी पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर सेना पर बड़ा हमला करना चाहते हैं? इन आतंकियों को स्थानीय स्तर पर गोला-बारूद और धन कौन उपलब्ध करा रहा है? क्या कोरोना संकट में पाकिस्तान कश्मीर में एक बार फिर अस्थिरता उत्पन्न करने की कोशिश कर रहा है? क्या स्लीपर सेल को समाप्त किए बिना घाटी से आतंकवाद का सफाया किया जा सकता है? क्या सेना को अपनी रणनीति में बदलाव की जरूरत है? क्या घाटी को आतंकवाद से मुक्त करने में अभी काफी वक्त लगेगा?
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। वह जम्मू-कश्मीर को अंतरराष्टï्रीय मुद्दा बनाने के लिए तमाम कोशिश करता रहा है। हालांकि इस मामले में उसे मुंह की खानी पड़ी। महाशक्ति अमेरिका समेत विश्व के तमाम देशों ने उसे नजरअंदाज कर दिया। यही नहीं पाकिस्तान और उसके पालतू आतंकियों को कश्मीर के अलगाववादियों का सहयोग भी नहीं मिल पा रहा है। लिहाजा कुछ महीनों तक कश्मीर में आतंकी घटनाओं में काफी कमी दिखी। अब जब भारत कोरोना संकट से जूझ रहा है पाकिस्तान ने एक और नापाक हरकत करनी शुरू कर दी है। वह सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए सीजफायर करता रहता है। साथ ही उसने घाटी में आतंकियों के स्लीपर सेल को फिर से सक्रिय

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