संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण, AAP ने किया बहिष्कार

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार (27 जून) लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सदन को संबोधित कर रही हैं। 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति मुर्मू का यह पहला संबोधन है...

4PM न्यूज़ नेटवर्क: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार (27 जून) लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सदन को संबोधित कर रही हैं। 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति मुर्मू का यह पहला संबोधन है। नई लोकसभा का पहला सत्र सोमवार को शुरू हुआ। राज्यसभा का 264वां सत्र आज गुरुवार (27 जून) से शुरू होगा। आपको बता दें कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद संसद के दोनों सदनों में धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाएगा, जिस पर सदस्य चर्चा करेंगे।

राष्ट्रपति अभिभाषण के माध्यम से सरकार अपने कार्यक्रमों और नीतियों की रूपरेखा की बात की है। राष्ट्रपति अपने अभिभाषण में पिछले 10 सालों में मोदी सरकार की नीतियों का उल्लेख करेंगी, जिसमें अर्थव्यवस्था, रक्षा, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सामाजिक कल्याण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियों को शामिल किया जाएगा. आगे का पांच साल का रोडमैप भी बताएगी। प्रेसिडेंट मुर्मू के अभिभाषण के बाद सरकार धन्यवाद प्रस्ताव पेश करेगी जिस पर सदस्य चर्चा करेंगे।सूत्रों के हवाले से बताया कि पीएम मोदी दो या तीन जुलाई को धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे सकते हैं।

AAP ने किया बहिष्कार का ऐलान 

इसके साथ ही राष्ट्रपति के अभिभाषण का आम आदमी पार्टी ने बहिष्कार करने का फैसला किया है। दरअसल शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल CBI की कस्टडी में हैं। सत्ता पक्ष को आप सख्त मैसेज देना चाहती है। आपको बता दें कि आज राष्ट्रपति के अभिभाषण का आम आदमी पार्टी बहिष्कार करेगी। आम आदमी पार्टी के संगठन महामंत्री डॉ संदीप पाठक ने ये जानकारी दी है। ED के बाद बुधवार को CBI ने भी अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया था। इससे आम आदमी पार्टी भड़की हुई है और संसद में इसी को लेकर विरोध प्रदर्शन भी करेगी।

शिवसेना ने AAP के फैसले का किया स्वागत

वहीं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने पर शिवसेना (UBT) का कहना है कि राष्ट्रपति भी तानाशाही के लिए जिम्मेदार हैं। शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा कि मैं आम आदमी पार्टी के फैसले का स्वागत करता हूं। जिस तरह तानाशाही चल रही है, उसकी जिम्मेदार राष्ट्रपति भी हैं। राष्ट्रपति को सरकार को तानाशाही के खिलाफ रोकना चाहिए।

बताया जा रहा है कि राज्यसभा के पहला दिन में कई मुद्दों को लेकर विपक्ष सरकार को घेर सकता है, ऐसे में हंगामे के आसार है। इसके साथ ही कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार को कई मुद्दों को लेकर घेर रहे हैं। आज भी संसद में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ नीट के मामले में, यूजीसी-नेट को रद्द करने, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों, देश में ट्रेन दुर्घटनाओं और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों जैसे कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में जुटी हुई है।

दरअसल, हाल में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 293 सीट जीतकर लगातार तीसरी बार सत्ता बरकरार रखी है। वहीं विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने 234 सीट जीतीं, जिसमें कांग्रेस की 99 सीट शामिल हैं।

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