केजरीवाल की अर्जी पर सीबीआई को नोटिस जारी

  • सात दिन में मांगा जवाब 17 जुलाई को होगी सुनवाई

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सात दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने और उसके बाद दो दिनों में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई, 2024 के लिए तय की है।
सीबीआई ने केजरीवाल को 26 जून को गिरफ्तार किया था, जब वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में थे। केजरीवाल को हाल ही में 20 जून को ईडी मामले में ट्रायल कोर्ट ने जमानत दी थी। हालांकि, ईडी द्वारा तत्काल याचिका दायर करने के अगले दिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने जमानत देने पर अंतरिम रोक लगा दी। ट्रायल कोर्ट के जमानत आदेश पर रोक की पुष्टि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 25 जून को की थी। वहीं उच्च न्यायालय ने आबकारी नीति से संबंधित धन शोधन और भ्रष्टाचार मामलों में बीआरएस नेता के कविता को जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मामलों में जमानत मांगने वाली कविता की याचिकाओं को खारिज कर दिया। कविता वर्तमान में सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में न्यायिक हिरासत में है।

स्वाति मालीवाल का केजरीवाल को लिखा पत्र

आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर महिला आयोग की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। चार पेज की केजरीवाल को लिखा पत्र ने स्वाति मालीवाल ने लिखा है कि जब से मैंने दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। तब से दिल्ली सरकार के मंत्रियों और अफसरों ने आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आगे लिखा कि पिछले छह महीने से किसी को सैलरी नहीं दी गई है। बजट 28.5 प्रतिशत कम कर दिया है। 181 हेल्पलाइन वापिस ले ली गई है। अध्यक्ष और दो मेम्बर की पोस्ट भरने के लिए कोई कार्य नहीं किया गया है। साथ ही दलित मेम्बर की पोस्ट डेढ़ साल से खाली है। उन्होंने कहा कि मेरे जाते ही हर संभव कोशिश की जा रही है महिला आयोग को फिर से एक कमजोर संस्थान बनाने की। महिलाओं से दिल्ली सरकार क्यों दुश्मनी निकाल रही है। स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल को लिखा पत्र में जवाब मांगा है।

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