यूपी चुनाव से पहले दो और जिलों में लागू होगा पुलिस कमिश्नर सिस्टम

चार नामों पर विचार, जिसमें दो पर लगेगी मुहर

लखनऊ। पुलिस कमिश्नर प्रणाली के सार्थक परिणामों को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार दो और महानगरों में इसके विस्तार पर विचार कर रहा है। विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के दो और बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने की घोषणा की जा सकती है। हालांकि इससे पूर्व राजधानी लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर व वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट से अब तक की गईं व्यवस्थाओं और उनसे आए बदलावों को लेकर फीडबैक लिए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अगले चरण में आगरा, मेरठ, प्रयागराज और गाजियाबाद के नामों पर मंथन किया जा रहा है, जिनमें दो शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की जा सकती है।

योगी सरकार ने 13 जनवरी, 2020 को लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की थी। सालों इंतजार के बाद पहली बार प्रदेश में यह व्यवस्था लागू की गई थी। तब पांच शहरों में इस व्यवस्था को लागू किए जाने का विचार चल रहा था, लेकिन केवल दो शहरों में ही यह प्रणाली लागू किए जाने का निर्णय हुआ था। लखनऊ और गौतमबुद्धनगर में इस प्रणाली के बेहतर परिणाम सामने आने के बाद शासन ने पंचायत चुनाव से पूर्व 25 मार्च, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और सूबे की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले कानपुर नगर में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने का निर्णय किया था। सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस अहम प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी, जिसके बाद अब चार शहरों में यह प्रणाली लागू है।

इस प्रणाली के तहत कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, महिला अपराध व यातायात प्रबंधन की समीक्षा के साथ ही नई व्यवस्था के मूल्यांकन की भी व्यवस्था की गई थी। लखनऊ और गौतमबुद्धनगर में इस प्रणाली को लागू किए जाने के छह माह समीक्षा भी की गई थी। लूट, हत्या, डकैती व अन्य तरह के अपराधों में गिरावट के आंकड़े उत्साहित करने वाले थे। एक वर्ष पूरे होने के बाद भी दोनों ही शहरों में पूर्व के वर्षों की तुलना में प्रमुख अपराधों में गिरावट दर्ज की गई थी।

शासन स्तर पर जल्द बैठक
सूत्रों का कहना है कि अब दो अन्य शहरों में इस प्रणाली के विस्तार की तैयारी है। इसे लेकर जल्द शासन स्तर पर एक बैठक भी प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद शासन निर्णय ले सकता है। उल्लेखनीय है कि पुलिस कमिश्नर प्रणाली के तहत पुलिस को 14 प्रशासनिक शक्तियां भी प्रदान की गई हैं। इस व्यवस्था के तहत पुलिस को धारा 144 लागू करने का भी अधिकार प्राप्त है। कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत यह बेहद महत्वपूर्ण है।

15 इंस्पेक्टर का गैर जनपद तबादला, 5 थानेदार भी बदले
लखनऊ में तैनात 15 पुलिस इंस्पेक्टर को चुनाव आयोग के निर्देशानुसार देर रात गैर जनपद तबादला कर दिया गया। इनका लखनऊ में निर्धारित कार्यकाल पूरा हो चुका है। इनमें से पांच इंस्पेक्टर के जाने से खाली हुए लखनऊ के थानों पर नए थाना प्रभारी की नियुक्ति की गई है। पुलिस कमिश्नर डीके डाकुर ने देर रात नए थाना प्रभारियों की लिस्ट जारी की। प्रशांत कुमार मिश्र को गोमतीनगर विस्तार थाना प्रभारी। दिनेश सिंह विष्ट को गौतम पल्ली थाना प्रभारी। धर्मेंद्र सिंह यादव को अलीगंज थाना प्रभारी। दिनेश चंद्र मिश्र को महानगर थाना प्रभारी। वीर सिंह को मड़ियांव थाना प्रभारी बनाया गया है।

ओमप्रकाश राजभर बन गए डीलर, माफियाओं की करते हैं दलाली : अनिल राजभर

आजमगढ़। गृहमंत्री अमित शाह के आगमन से पूर्व कार्यक्रम की तैयारियों व राजभर समाज के प्रवुद्व वर्ग सम्मेलन में पहुंचे पिछड़ा वर्ग दिव्यांग कल्याण विभाग के मंत्री अनिल राजभर ने पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर पर जमकर हमला बोला। उन्होने कहा कि लोडर, लीडर की बात करते-करते ओमप्रकाश राजभर डीलर बन गए। उन्होने कहा मुख्तार अंसारी जैसे माफिया के दलाल बन गए. सुहेलदेव के सम्मान से समझौता करके सैय्यद सलार के अनुयायियों से गठजोड़ कर लगातार बड़बोलापन कर रहे हैं। आज ओमप्रकाश मीडिया के साथियों का मनोरंजन बनकर रह गए हैं।

आजमगढ़ जिले के पार्टी कार्यालय पर पहुंचे मंत्री अनिल राजभर ने कहा अखिलेश यादव और ओमप्रकाश राजभर की हलधरपुर में आयोजित रैली में माफिया मुख्तार अंसारी की ताकत और संसाधन का खुला प्रयोग हुआ। अनिल राजभर ने कहा सपा ने इस कार्यक्रम को प्रायोजित किया और इस पूरे कार्यक्रम में माफियाओं का रुपया लगा। उन्होंने कहा ओमप्रकाश राजभर और अखिलेश यादव के समझौते के सवाल पर कहा कि प्रदेश में जब-जब सपा की सरकार बनती है, सैय्यद सलार की धरती रोशन होती है और सुहेलदेव का अपमान होता है। प्रदेश का राजभर समाज इस बात को बखूबी समझता है। मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पूर्व ओमप्रकाश राजभर ने कहा था किबीजेपी को दो सीटें ही मिलेगी। वे 18 सालों से राजभर समाज को धोखा देने का काम कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि अमित शाह की कृपा से एक बार हल्दी लग गई। 2022 के बाद ओपी राजभर घर बैठ जाएंगे।

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