अब कासगंज में पुलिस हिरासत में युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
पुलिस का दावा- युवक ने लगाई फांसी, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
- विपक्ष ने हिरासत में मौत के लिए प्रदेश सरकार को बताया जिम्मेदार
- कहा, सरकार की शह पर पुलिस कर रही तानाशाही केंद्र व मानवाधिकार आयोग ले संज्ञान
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। आगरा के बाद अब कासगंज में पुलिस हिरासत में लिए गए एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी है। परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है जबकि पुलिस का दावा है कि आरोपी युवक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। वहीं इस मामले पर विपक्ष ने प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष ने कहा कि प्रदेश में हिरासत में मौतों का सिलसिला जारी है और सरकार की शह पर पुलिस तानाशाही कर रही है। साथ ही उसने मानवाधिकार आयोग से इस मामले को संज्ञान में लेने की मांग की है।
कासगंज की सदर कोतवाली पुलिस ने लड़की भगाने के आरोप में एक युवक को पूछताछ के लिए सोमवार को हिरासत में लिया था। वह कोतवाली की हवालात में बंद था। मंगलवार को युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी। मृत युवक की शिनाख्त सदर कोतवाली क्षेत्र के नगला सय्यैद अहरोली निवासी अल्लाफ पुत्र चांद मियां के रूप में हुई है। अल्ताफ के पिता का कहना है कि उन्होंने सोमवार की शाम खुद अपने बच्चे को पुलिस को सौंपा था और 24 घंटे बाद पता चला कि मेरे बच्चे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है, मुझे लगता है कि पुलिस वालों ने ही फांसी लगाकर हत्या कर दी है।
वहीं पुलिस का दावा है कि युवक ने बाथरूम में जाकर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। मामले के बाद इंस्पेक्टर सहित पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है लेकिन पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठने लगे हैं क्योंकि जिस पाइप से फांसी लगाने की बात की जा रही है, उसकी ऊंचाई महज दो फीट है। ऐसे में सवाल उठता है कि कोई दो फीट ऊंची पाइप पर लटककर कैसे फांसी लगा सकता है। विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
सबसे अधिक हिरासत में मौतें यूपी में हुई हैं। इसके लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री की नीतियां जिम्मेदार हैं। पुलिस निदोर्षों की जान ले रही है और बाद में फर्जी जांच कर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है। सरकार की शह पर ही पुलिस तानाशाही रवैया अपना रही है।
आईपी सिंह, राष्टï्रीय प्रवक्ता, सपा
कोई भी व्यक्ति दो फुट ऊंची पाइप के जरिए आत्महत्या कैसे कर सकता है? यह सब पुलिस का पैंतरा है। अब पुलिस प्रशासन और योगी सरकार आरोपियों को बचाने में जुट गयी है। वैसे भी हिरासत में मौतों के मामले में योगी राज में यूपी नंबर वन पर है। केंद्र सरकार और मानवाधिकार आयोग को मामले को संज्ञान में लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
सुरेंद्र राजपूत, प्रवक्ता, कांग्रेस
पुलिस हिरासत में युवक की मौत सरकार और पुलिस प्रशासन की तानाशाही रवैए का परिणाम है। इसके पहले भी हिरासत में मौत की घटनाएं घटती रही हैं लेकिन सरकार हमेशा आरोपियों को बचाने की कोशिश करती नजर आती है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुलिस अभिरक्षा में कोई आत्महत्या कैसे कर सकता है। सरकार को इसका जवाब देना होगा।
नीलम यादव, प्रदेश अध्यक्ष, महिला ङ्क्षवग, आप
प्रदेश में हिरासत में मौतों का सिलसिला बढ़़ता जा रहा है। मृत युवक के परिजनों के आरोप गंभीर हैं। इसकी उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
अनिल दुबे, राष्टï्रीय सचिव, रालोद
क्या कहना है एसपी का
एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे का कहना है कि जब पुलिस पूछताछ कर रही थी तभी उसने पुलिसकर्मी से बाथरूम जाने की बात कही। पुलिसकर्मी ने उसे हवालात के अंदर बने बाथरूम में भेज दिया। कुछ देर तक बाहर न आने पर कर्मचारी द्वारा जाकर देखा गया तो उसने जैकेट के हुड (टोपे) में लगी डोरी को पाइप में बांधकर अपना गला कस लिया था। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां पर कुछ देर उपचार होने के बाद उसकी मृत्यु हो गयी। जांच के दौरान प्रथम दृष्टया लापरवाही बरतने के आरोप में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
पिछले महीने आगरा में पुलिस हिरासत में हुई थी दलित युवक की मौत
पिछले महीने आगरा के थाना जगदीशपुरा के मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी के मामले में हिरासत में लिए गए युवक अरुण वाल्मीकि की मौत हो गई थी। युवक की मां कमला देवी ने पुलिस पिटाई से मौत होने का आरोप लगाया था। तब भी विपक्षी दलों ने इस मामले पर सवाल उठाए थे और सरकार की किरकिरी हुई थी।
कुंडली बॉर्डर पर फंदे से लटकता मिला आंदोलनकारी किसान का शव
4पीएम न्यूज नेटवर्क. सोनीपत। कुंडली बॉर्डर पर सुशांत सिटी के पास आज एक आंदोलनकारी किसान का शव नीम के पेड़ पर फंदे पर लटका मिला है। मृत किसान भारतीय किसान यूनियन एवं संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल के संगठन का सदस्य था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
गुरप्रीत सिंह पुत्र गुरमेल सिंह (45) निवासी गांव रुड़की, जिला फतेहगढ़ साहिब, पंजाब यहां किसान आंदोलन में शामिल था। वह अंसल सुशांत सिटी के पास ट्रॉली में अकेला ही रहता था। आज सुबह उसे पास के ही नीम के पेड़ पर रस्सी से लटका हुआ पाया गया। साथी किसानों ने मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए सोनीपत के नागरिक अस्पताल में रखवा दिया है। कुंडली पुलिस मामले की जांच कर रही है। किसान की मौत से क्षेत्र में सनसनी फैल गयी है। गौरतलब है कि लंबे समय से किसान संगठन कृषि कानूनों की वापसी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। मृतक आंदोलन में शामिल था।