सीबीआई हम लोगों को परेशान कर रही: शिवकुमार

वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति निगम घोटाले में सरकार के ईडी-सीबीआई पर आरोप

उपमुख्यमंत्री ने मंत्रियों विधायकों के साथ किया विरोध प्रदर्शन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलुरु। कर्नाटक में इन दिनों महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति निगम में हुआ 187 करोड़ रुपये का कथित घोटाला सुर्खियों में बना हुआ है। सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय के दो अधिकारियों पर केस दर्ज किया गया।
आरोप है कि दोनों अधिकारियों ने राज्य सरकार के एक अधिकारी पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और वित्त विभाग को फंसाने के लिए दबाव डाला था। अब इसी को लेकर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार मंत्रियों और विधायकों के साथ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। डीके शिवकुमार का कहना है कि सीबीआई हम लोगों को परेशान कर रही है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक को सीएम का नाम बताने के लिए मजबूर करने के लिए मंत्रियों सहित सभी विधायक ईडी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मंत्री ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच में सहयोग करने के लिए खुद इस्तीफा दे दिया था। एसआईटी पहले ही 50 प्रतिशत राशि वसूल चुकी है और कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। अब ईडी इसमें शामिल हो गया है और वह समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक को यह कहने के लिए मजबूर कर रहा है कि मुख्यमंत्री इसमें शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा कि मुझे निशाना बनाया गया है। सीबीआई मेरे जैसे लोगों को परेशान कर रही है। एफआईआर दर्ज कर ली गई है। कानून अपना काम करेगा। हम जांच में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते। हम इस पर विधानसभा में भी चर्चा करेंगे।

कर्नाटक सरकार ने किया एसआईटी का गठन

गौरतलब है कि इस बारे में समाज कल्याण विभाग के अपर निदेशक कल्लेश बी ने विल्सन गार्डन पुलिस स्टेशन में दोनों ईडी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। दोनों ही अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक धमकी और शांति भंग करने के इरादे को लेकर मामला दर्ज कराया गया है। कल्लेश ने जिन अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज कराए हैं, उनमें से एक का नाम मुरली कन्नन है, जबकि दूसरे अधिकारी का कुलनाम मित्तल है। कर्नाटक सरकार ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया है। इसके अलावा सीबीआई भी 187 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की जांच कर रही है। आपको बता दें कि इस मामले की जांच प्रक्रिया में प्रवर्तन निदेशालय को भी शामिल किया है। प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व मंत्री बी नागेन्द्र और वाल्मीकि निगम के अध्यक्ष बसनगौड़ा दद्दाल से जुड़े ठिकानों पर भी छापा मारा। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने बी नागेन्द्र को भी गिरफ्तार किया, वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

चुने हुए सीएम की जिंदगी से खेल रही बीजेपी: संजय सिंह

आप सांसदों ने संसद परिसर में किया विरोध प्रदर्शन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र जारी है। इस बीच आम आदमी पार्टी के सांसदों ने आज संसद परिसर में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और उनके स्वास्थ्य पर चिंता जताते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि जेल में अरविंद केजरीवाल को मारने की साजि़श रची जा रही है।
राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि सीएम केजरीवाल का शुगर लेवल कई बार 50 से नीचे आ चुका है। केंद्र की मोदी सरकार ईडी-सीबीआई का दुरुपयोग करके उनको जेल में रखे है। अरविंद केजरीवाल को तुरंत रिहा कराने की मांग को लेकर संसद में आप सांसदों का प्रदर्शन। संजय सिंह ने कहा कि आप दिल्ली के चुने हुए सीएम की जिंदगी से खेल रहे हैं। इससे पता चलता है कि मामला सिर्फ उनकी गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, यह अरविंद केजरीवाल की हत्या की गहरी साजिश है।

21 मार्च को हुई थी गिरफ्तारी

प्रदर्शन के मौके पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा और संदीप पाठक भी मौजूद रहे। बता दें कि सीएम अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। तब से सीएम न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें 26 जून को सीबीआई ने आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार कर लिया था। ईडी के मामले में सीएम केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है। सीबीआई के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है।

मानहानि मामले में आतिशी को मिली बड़ी राहत

मानहानि के मामले में आम आदमी पार्टी की नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी को आज एक बड़ी राहत मिली। राउज एवेन्यू कोर्ट ने आतिशी को 20,000 रुपये के जमानत बॉन्ड पर जमानत दे दी। उन्हें बीजेपी नेता प्रवीण शंकर कपूर की तरफ से दायर मानहानि शिकायत में तलब किया गया था। प्रवीण शंकर कपूर ने मानहानि याचिका में आरोप लगाया था कि आतिशी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से बीजेपी पर आप के विधायकों को पैसे देकर तोडऩे का आरोप लगाया गया। इससे पार्टी की छवि खराब हुई।

मुंह ताकता रह गया यूपी, नहीं मिला कुछ भी

केंद्र सरकार के बजट पर सपा-बसपा ने कसा तंज, कहा- लोस चुनाव के नतीजों का दिखा असर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पेश किए गए आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने उत्तर प्रदेश के लिए कोई ऐलान नहीं किए। हालांकि, लोकसभा चुनाव के पहले पेश किए गए अंतरिम बजट में यूपी को विशेष महत्व मिला था। लेकिन आज पेश किए गए आम बजट में यूपी खाली हाथ रहा। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में उत्तर प्रदेश कहीं कोई जिक्र नहीं किया।

अखिलेश ने उठाए सवाल

बजट के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अगर हम उत्तर प्रदेश को देखें तो निवेश की स्थिति क्या है? इनके जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं वह कभी समय पर पूरे नहीं हुए। अच्छी बात है कि बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष योजनाओं से जोड़ा गया है लेकिन उत्तर प्रदेश जैसा राज्य जो प्रधानमंत्री देता है क्या वहां के किसानों के लिए बजट में कुछ है?

‘गरीबों-किसानों व महिलाओं को मायूस करने वाला बजट’

बसपा चीफ मायावती ने केंद्रीय बजट 2024 पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा कि संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मु_ी भर अमीर व धन्नासेठों को छोडक़र देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु ‘अच्छे दिन’ की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा। देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन तथा यहां के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव।

बजट में नीतीश व नायडू को खुश करने का प्रयास

बिहार के पुल से लेकर बिजली व्यवस्था तक दुरुस्त करने के एलान
आंध्र के लिए चालू वित्त वर्ष में 15 हजार करोड़ और आगामी वर्षों में अतिरिक्त धनराशि देने की घोषणा

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वित्तीय वर्ष 2024-25 का आम बजट पेश कर दिया है। इस बजट पर सबकी निगाहें लगी थीं, लेकिन सबसे ज्यादा उम्मीदें थीं केंद्र में भाजपा को सरकार बनवाने वाले बिहार और आंध्र प्रदेश को, क्योंकि यहां जेडीयू और टीडीपी ने ही नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया है। हालांकि, बिहार और आंध्र दोनों को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को केंद्र ने पहले ही ठुकरा दिया था। ऐसे में अब अपने सहयोगियों को खुश करने के लिए मोदी सरकार ने बजट में बिहार-आंध्र के लिए काफी हद तक पिटारा खोला है।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा तो नहीं मिला, लेकिन केंद्र ने बिहार को कई सौगातें दी हैं वित्त मंत्री ने संसद में बिहार की सडक़-संपर्क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये देने का एलान किया है। इससे पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे का विकास होगा। बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सडक़ संपर्क परियोजनाओं का भी विकास होगा।

नए एयरपोर्ट व मेडिकल कॉलेजों की सौगात

वित्त मंत्री ने कहा कि बक्सर में गंगा नदी पर दो लेना वाला एक अतिरिक्त पुल बनाने में भी मदद होगी। बिहार में 21 हजार 400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। इसमें पिरपैंती में 2400 मेगावॉट के एक नए संयंत्र की स्थापना भी शामिल है। बिहार में नए एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेजों और खेलकूद की अवसंरचना का भी निर्माण होगा। पूंजीगत निवेशों में सहायता के लिए अतिरिक्त आवंटन उपलब्ध कराया जाएगा। बिहार सरकार के बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाह्य सहायता के अनुरोध पर तेजी से कार्यवाही होगी।

गया और बोधगया के इस मंदिर में बनेंगे गलियारे

गया के विष्णुपद मंदिर और बोधगया के महाबोधि मंदिर में गलियारे बनेंगे। राजगीर भी बौद्ध और जैन श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है। राजगीर के तीर्थ क्षेत्रों का भी विकास होगा। नालंदा को भी पर्यटन केंद्र के रूप में मजबूत करने के लिए वहां विकास जाएगा।

बिहार को बाढ़ से बचाव के लिए 11500 करोड़ की मदद

बिहार कई सालों से बाढ़ की त्रासदी झेल रहा है। केंद्र सरकार बाढ़ नियंत्रण पर 11 हजार 500 करोड़ रुपये परियोजनाएं शुरू करेगी। इससे बैराज पर काम, नदी के गाद की समस्या, कोसी नदी पर बाढ़ के बचाव के उपाय, तटबंधों पर काम किया जाएगा।

आंध्र प्रदेश, पूंजीगत निवेश के लिए एक वर्ष तक अतिरिक्त आवंटन

आर्थिक विकास के लिए पूंजीगत निवेश के लिए एक वर्ष तक अतिरिक्त आवंटन। अधिनियम में रायलसीमा, प्रकाशम और उत्तर तटी आंध्र प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों के लिए अनुदान। सीतारमण ने कहा कि अंतरिम बजट में सरकार ने विकसित भारत को रोडमैप को देने का वादा किया था। इसी के साथ उन्होंने सरकार की नौ प्राथमिकताओं पर भी बात की, जिसमें खेती में उत्पादकता, रोजगार और क्षमता विकास, समग्र मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवाएं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, अधोसरंचना, नवाचार, शोध, और विकास, अगली पीढ़ी के सुधार शामिल है।

धरना

भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक)ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए लखनऊ के डालीबाग स्थित गन्ना संस्थान में किया प्रदर्शन।

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