मंत्री जी यहां कब मारेंगे छापा! बिना डॉक्टर के ही चल रहा मेकवेल हॉस्पिटल

4PM की पड़ताल में खुले अस्पताल के कई राज

 मो. शारिक/4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। एक ओर प्रदेश की योगी सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े-बड़े दंभ भरती है, दूसरी ओर जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक आए दिन अस्पतालों के औचक निरीक्षण में क्या देखने जाते हैं। दरअसल, राजधानी लखनऊ के ही एक अस्पताल में बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। राजधानी शहर के मेकवेल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। हॉस्पिटल के अंदर कोई भी सीनियर डॉक्टर ही नहीं मिला।
शिकायत मिलने पर हॉस्पिटल की जमीनी हकीकत को जानने के लिए जब ४क्करू की टीम अस्पताल पहुंची और डॉक्टर से बात करनी चाही तो काफी देर तक कोई भी डॉक्टर नहीं आया। उसके बाद रिसेप्शन पर बैठे व्यक्ति से पूछा गया कि डॉक्टर कितने देर में आयेंगे तो बोले अभी डॉक्टर मीटिंग में हैं। लेकिन असली खेला तो आगे हुआ, जब पड़ताल करने पर पता चला कि अस्पताल में कोई डॉक्टर हैं ही नहीं और न ही कोई मीटिंग चल रही है।

पूरे अस्पताल में मिले सिर्फ एक वॉर्ड बॉय और नर्स

अस्पताल की पोल खुलते देख और मामले को बढ़ता देख अस्पताल के मालिक आनन फानन में पहुंचे और बोले कि यहां सब कुछ ठीक है। सभी डॉक्टर हॉस्पिटल में मौजूद हैं। लेकिन फिर हॉस्पिटल के मालिक से पूछा गया कि आपके डॉक्टर कहां है, उनसे बात करनी है। तब वो आईसीयू वार्ड में ले गए लेकिन वहां भी कोई डॉक्टर नहीं मिला। सिर्फ नर्स और एक स्टाफ बॉय मिला। हालांकि, इसके बाद एक व्यक्ति ने कहा कि वो डॉक्टर है। लेकिन जब उनसे बात करनी चाही तो वो कैमरे पर कुछ भी बोलने से बचते दिखे।

मरीजों की जिंदगी से हो रहा खिलवाड़

ऐसे अस्पताल सामने आने के बाद सवाल ये ही क्या ऐसे हॉस्पिटल अवैध तरीके से चल रहे हैं और लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। इस दौरान हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के परिवार से बात की गई तो पता चला कि बाराबंकी रामसनेही घाट के पास से एक व्यक्ति द्वारा भेजा गया है। वहीं दूसरे मरीज को लाए जो लोहिया हॉस्पिटल इलाज कराने आया था। जिसको लोहिया हॉस्पिटल के बाहर एक एंबुलेंस चालक ने बताया कि लोहिया हॉस्पिटल में अच्छा इलाज नहीं मिल पाएगा। उसने मेकवेल का नाम बताकर उसे भी यहां भर्ती कराया। इसी तरह से प्राइवेट हॉस्पिटलों का धंधा चल रहा है। सवाल लखनऊ सीएमओ भी पर उठता है कि आखिर ऐसे अस्पतालों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। साथ ही अस्पतालों की ऐसी हालत डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक की सख्त कार्यवाहियों पर भी सवाल उठाते हैं। आखिर कब स्वास्थ्य मंत्री ऐसे अस्पतालों पर एक्शन लेंगे। जो गरीबों से मोटी रकम तो वसूल रहे हैं, लेकिन उन्हें ढंग का इलाज तक नहीं दे पा रहे हैं।

रजत जयंती समारोह

कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित रजत जयंती समारोह में राजधानी स्थित कारगिल स्मृति वाटिका में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शहीदों को श्रद्घांजलि दी। इस मौके पर सीएम योगी ने शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया।

पूर्व विधायक इंदल रावत को पुलिस ने किया गिरफ्तार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर में पुलिस ने पूर्व विधायक इंदल रावत को जालजासी के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। इंदल रावत लखनऊ की मलीहाबाद सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक रहे हैं। पुलिस ने उन्हें करोड़ों रुपयों की ठगी के मामले में गिरफ्तार किया है। उन पर एक रियल स्टेट कंपनी के साथ धोखाधड़ी करके करोड़ों की रकम हड़पने का आरोप लगा है।
पुलिस ने करीब दो घंटे की पूछताछ के बाद इंदल रावत को गिरफ्तार कर लिया। बताया जाता है उन्होंने रियल स्टेट कंपनी राज इंफ्रा हाउसिंग के साथ जिस जमीन का सौदा किया था वो जमीन उनके नाम पर ही नहीं थी। इंदल रावत ने फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर रजिस्ट्री करवाकर कंपनी से ठगी थी। जिसके बाद उन्होंने गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दें कि इंदल रावत साल 2012 से 2017 तक लखनऊ की मलीहाबाद सीट से विधायक रह चुके हैं। पिछले दिनों लोकसभा चुनाव से पहले ही वो समाजवादी पार्टी छोडक़र कांग्रेस में शामिल हुए थे।
इंदल रावत पर रियल स्टेट कंपनी ने फरवरी के महीने में केस दर्ज कराया था। शिकायत में आरोप लगाया कि साल 2014 में उन्होंने कंपनी से संपर्क किया और कहा कि उनके पास बेहटा सबौली स्थित एक जमीन है। जिसके बाद कंपनी ने जमीन का सौदा करते हुए विधायक के साथ एग्रीमेंट कर लिया। इसके एवज में रियल स्टेट कंपनी ने पूर्व विधायक को करोड़ों रुपये चुकाए।

कांवड़ यात्रा मामले में यूपी सरकार ने कोर्ट में दिया जवाब

कहा- यात्रा के दौरान पारदर्शिता कायम रखने के लिए दिया था आदेश
शीर्ष अदालत ने जारी रखा है आदेश पर अंतरिम रोक

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर नामपट्टिका लगाने के अपने आदेश का बचाव किया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए राज्य सरकारों को आज जवाब देने को कहा था। जिसके बाद यूपी सरकार ने अपना जवाब दाखिल किया है। वहीं आज सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने का अपना अंतरिम आदेश जारी रखा।
कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में यूपी सरकार ने कहा कि उसके दिशा-निर्देश कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण समापन और पारदर्शिता कायम करने के लिए उद्देश्य से दिए गए थे। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि निर्देश के पीछे का उद्देश्य कांवड़ यात्रा के दौरान पारदर्शिता कायम करना और यात्रा के दौरान उपभोक्ताओं/कांवडिय़ों को उनके द्वारा खाए जाने वाले भोजन के बारे में जानकारी देना था। ये निर्देश कांवडिय़ों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखकर दिए गए ताकि वे गलती से कुछ ऐसा न खाएं, जो उनकी आस्थाओं के खिलाफ हो।

धरना

उत्तर प्रदेश माध्यमिक तदर्थ शिक्षकों ने सेवा बहाली और विनियमितिकरण की माँग को लेकर पार्क रोड स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर किया प्रदर्शन।

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