एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर पर मोदी सरकार ने साफ किया रुख, कहा- अंबेडकर के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्पष्ट किया कि डॉ बीआर अंबेडकर द्वारा तैयार संविधान में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण प्रणाली में ‘क्रीमी लेयर’ का प्रावधान नहीं है। विस्तृत जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एससी-एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से शुरू हुई हालिया चर्चाओं को संबोधित किया और कहा कि एनडीए सरकार संविधान का पालन करने के लिए बाध्य है।
अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए कहा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के बारे में फैसला सुनाया और एससी-एसटी आरक्षण के बारे में सुझाव दिया। आज कैबिनेट ने इस मामले पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार बाबा साहब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का पालन करने के लिए बाध्य है। अंबेडकर के संविधान के अनुसार एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है। केंद्रीय मंत्री की यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के कुछ दिनों बाद आई है जिसमें कहा गया था कि राज्यों के पास अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) को उप-वर्गीकृत करने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य एससी और एसटी में से भी क्रीमी लेयर की पहचान करने के लिए नीति बना सकते हैं ताकि उन्हें सकारात्मक कार्रवाई के लाभ से बाहर रखा जा सके। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संविधान में उल्लिखित एससी और एसटी के लिए आरक्षण के उप-वर्गीकरण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विस्तृत चर्चा की।

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