दिल्ली में आप व भाजपा में फिर रार
- प्राइवेट कंपनी से बिजली सब्सिडी को ऑडिट कराने पर हंगामा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली । शराब घोटाले में बुरी तरह उलझी दिल्ली सरकार की बिजली सब्सिडी के मोर्चे पर भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अरविंद केजरीवाल सरकार ने एक निजी कंपनी के जरिए दिल्ली की बिजली कंपनियों का ऑडिट कराने का फैसला लिया है।
लेकिन भाजपा ने आरोप लगाया है कि यह भ्रष्टाचार को छिपाने की कोशिश है क्योंकि इस ऑडिट फर्म को सरकार के जरिए ही भुगतान किया जाएगा, इसलिए इस मामले का सच बाहर नहीं आएगा। पार्टी ने बिजली सब्सिडी का मामला सीएजी से कराने की मांग की है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली सरकार के द्वारा पावर डिस्कॉम को दी गई पावर सब्सिडी का निजी कंपनी से ऑडिट कराने का फैसला बहुत बड़ा छलावा है। उन्होंने कहा कि अब तक केजरीवाल सरकार बिना किसी ऑडिट मैकेनिज्म के पावर डिस्कॉम्स को बिजली सब्सिडी के पैसे देती रही है। इस पॉवर डिस्कॉम में दिल्ली सरकार और निजी कंपनियां बराबर की भागीदार हैं। भाजपा नेता का आरोप है कि डिस्कॉम बोर्ड में आम आदमी पार्टी नेताओं की नियुक्ति की जाती रही है। ऐसे में यह माना जा सकता है कि सब्सिडी के रूप में किया गया भुगतान दूसरे रूट से आम आदमी पार्टी के पास वापस आ जाता है। भाजपा ने शराब घोटाले का हवाला देते हुए कहा कि उसी मॉडल के सहारे बिजली सब्सिडी की रकम को भी भ्रष्ट रास्तों से पार्टी तक पहुंचाया गया है।
सिसोदिया शराब घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता : सीबीआई
नई दिल्ली। सीबीआई ने हाईकोर्ट में कहा कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शराब घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता है। जांच एजेंसी ने कहा कि आप नेताओं के बयान सिसोदिया की रक्षा (बचाव) करने का प्रयास है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध जताते हुए यह तर्क रखा। सीबीआई ने कहा है कि इस मामले में एक गहरी जड़ और बहुस्तरीय साजिश शामिल है। सिसोदिया जांच के दौरान टालमटोल करते रहे हैं। सीबीआई ने कहा कि सिसोदिया को कार्यपालिका और नौकरशाहों के साथ घनिष्ठ साठगांठ का पता चलता है। सीबीआई ने कहा है कि उच्च पद पर आसीन पार्टी के सहयोगी तथ्यात्मक रूप से गलत दावे करना जारी रखते है। वे लोग यह साबित करने में लगे है कि सिसोदिया एक राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार हैं और जांच को प्रभावित करने के लिए हैं।