इंडिया गठबंधन से घबराई BJP, ठाकरे के आगे टेका माथा !
मुंबई। जितनी-जितनी लोकसभा चुनाव की घड़ी करीब आती जा रही है। उतना-उतना देश के अंदर सियासी हलचल भी बढ़ती जा रही है। नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर हमले बोलना, सियासी तीर छोड़ना और आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है। तो वहीं चुनाव करीब आता देख नए-नए गठजोड़ भी हो रहे हैं। नेताओं द्वारा एक दल से दूसरे दल में जाने का सिलसिला भी लगातार जारी है। तो वहीं नए-नए गठबंधन और नए-नए सहयोगी बनते दिख रहे हैं। इस बीच 48 लोकसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में सियासी उथल-पुथल काफी तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र देश में सबसे अधिक लोकसभा सीटों वाला राज्य है। यही वजह है कि इस राज्य पर हर दल की निगाहें लगी हुई हैं। चाहें सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों ही इस राज्य को साधने में जुटे हैं और महाराष्ट्र में अधिक से अधिक सीटें जीतने की जुगत में लगे हुए हैं।
शायद यही वजह है कि पहले चरण के मतदान में सिर्फ 30 दिनों का ही समय बाकी रह गया है। लेकिन अभी तक सत्ता पक्ष या विपक्ष किसी की भी तरफ से प्रदेश में सीट शेयरिंग को लेकर बात फाइनल नहीं हो पाई है,। हालांकि, दोनों ही पक्षों की ओर से लगातार ये कहा जा रहा है कि बात बिल्कुल फाइनल है बस औपचारिक ऐलान होना बाकी है। लेकिन ये फाइनल बात वाकई में फाइनल नहीं हो पाई है। क्योंकि कई बार ये कहा तो जा चुका है कि बात फाइनल हो गई है। लेकिन अभी तक सीट बंटवारे पर फाइनल ऐलान न सत्ता पक्ष की ओर से हुआ है और न ही विपक्ष की ओर से। लेकिन आए दिन प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो रही है। क्योंकि सियासी गतिविधियां लगातार बदलती जा रही हैं। आए दिन प्रदेश में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। इसी क्रम में आज एक बार फिर प्रदेश में बड़ा सियासी घटनाक्रम देखने को मिला।
दरअसल, पिछले कई दिनों से मनसे प्रमुख राज ठकरे के भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में शामिल होने की चर्चाएं चल रही हैं। हालांकि, इस पर खुलकर कोई बात सामने नहीं आई। लेकिन आज जिस तरह से राज ठाकरे मुंबई से दिल्ली आए और यहां उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव विनोद तावड़े से मुलाकात की। और उसके बाद गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की। उससे महाराष्ट्र का सियासी पारा एक बार फिर हाई हो गया। क्योंकि इन मुलाकातों ने दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक की सियासत में एक नई हलचल पैदा कर दी। जिसके बाद एनडीए में राज ठाकरे के शामिल होने की संभावनाओं को और भी बल मिल गया है। तो वहीं दूसरी ओर जैसे ही राज ठाकरे दिल्ली पहुंचे, वैसे ही महाराष्ट्र में भी सियासी उथल-पुथल तेज हो गई। तुरंत ही मुंबई में डिप्टी सीएम अजित पवार दूसरे डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से मिलने उनके निवास पहुंचे।
तो वहीं इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने निवास पर पार्टी के सांसदों और वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। यानी इससे ये साफ हो गया है कि महाराष्ट्र की सियासत में आने वाले दिनों में कुछ बड़ा होने वाला है। अब वो बड़ा राज ठाकरे का एनडीए में शामिल होना है। या फिर राज ठाकरे के एनडीए में आने से अन्य सहयोगी दलों एनसीपी अजित पवार और शिवसेना शिंदे गुट का बेचैन होना है। या फिर सीट बंटवारे को लेकर एक बार फिर महाराष्ट्र में आपस में ही तलवारें खिंचने वाली हैं। ऐसी कई वजहे हैं। ऐसी खबरें आईं कि सीएम एकनाथ शिंदे ने ठाणे में सांसदों के साथ सीट बंटवारे और मनसे के महायुति (बीजेपी के नेतृत्व वाला गठबंधन) में शामिल होने के बाद के समीकरणों पर चर्चा की। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले 24 से 36 घंटों में शिवसेना (शिंदे गुट) के उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी हो सकती है।
दरअसल, राज ठाकरे के भाजपा के साथ जाने की चर्चाएं तब और जोर पकड़ने लगीं जब भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन पर मुंबई के शिवाजी पार्क में इंडिया गठबंधन की एक विशाल रैली हुई। जिसमें एक बार फिर विपक्षी एकजुटता की ताकत देखने को मिली। रैली में शामिल इंडिया गठबंधन के दलों ने भाजपा व पीएम मोदी पर जमकर निशाना भी साधा। इसी विशाल रैली और विपक्षी एकजुटता को देखकर भाजपा के खेमे में खलबली मच गई। और बीजेपी को महाराष्ट्र में अपनी स्थिति और भी डामाडोल लगने लगी। यही वजह रही कि खुद को मजबूत करने के लिए भाजपा अब राज ठाकरे से भी हाथ मिलाने को तैयार है। ताकि जितने ज्यादा दल एक साथ आ सकेंगे भाजपा को उतनी आसानी हो सकेगी। यानी राज ठाकरे का एनडीए में शामिल होना भाजपा का इंडिया गठबंधन से डर साफ दिखाता है। यही वजह है कि सीट शेयरिंग पर ऐलान से पहले भाजपा अब राज ठाकरे को भी अपने खेमे में शामिल करने पर तुली है।
दरअसल, राज ठाकरे को एनडीए में शामिल करके बीजेपी उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिव सेना यूबीटी को बड़ी चोट देना चाह रही है। सूत्रों के हवाले से कहा ये भी जा रहा है कि राज ठाकरे की महाराष्ट्र नव निर्माण के महायुति में आने पर पार्टी को प्रतिष्ठित मुंबई साउथ लोकसभा सीट भी दी जा सकती है। ऐसी स्थिति में एमएनएस के प्रमुख नेता और शिवडी से विधायक रह चुके बाल नदगांवकर पार्टी चुनाव लड़ सकते हैं। दरअसल, भाजपा राज ठाकरे को साथ लेकर एक तीर से कई निशाने साधना चाहती है। मुंबई साउथ सीट पर जहां महायुति को मजबूत कैंडिडेट मिल जाएगा तो वहीं राज ठाकरे अपनी शैली में महाविकास अघाड़ी के नेताओं पर हमलावर हो सकते है।
बीजेपी के नेताओं को उम्मीद है पार्टी को शिवसेना यूबीटी की उन जगहों पर कमजोर करने में सफलता मिलेगी। जहां पर उद्धव खेमा मजबूत है। बीजेपी मुंबई के साथ महाराष्ट्र की रजनीति में ठाकरे फेस का लाभ उठाना चाहती है। 2006 में मनसे के बनने के बाद पार्टी ने 2009 विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया था। हालांकि, इसके बाद पार्टी अपनी लय बरकरार नहीं रख पाई थी। बीजेपी को उम्मीद है कि राज ठाकरे की भाषण देने की शैली और उनका ठाकरे परिवार से होना पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकता है। इतना ही नहीं मुंबई साउथ समेत कई सीटों पर वह उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना यूबीटी की स्थिति कमजोर कर सकते हैं।
बीजेपी को सबसे अधिक डर उद्धव ठाकरे से इसलिए भी है क्योंकि महाविकास आघाड़ी के तमाम दूसरे नेताओं की तुलना में शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे लोकप्रिय बने हुए हैं। महाराष्ट्र में स्थानीय स्तर पर हुए कई सर्वे में यह बात सामने भी आ चुकी है,, महाविकास अघाड़ी की सीट शेयरिंग में भी उद्धव गुट को अधिक सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है। ऐसे में बीजेपी ठाकरे परिवार से मिल रही चुनौती का जवाब ठाकरे फेस से देना चाहती है। ऐसी स्थिति में बीजेपी को राज ठाकरे में काफी संभावनाएं दिख रही हैं। काफी समय से उन्होंने अपने चचेरे भाई के प्रति कोई बयान नहीं दिया है। अब देखना है कि क्या राज ठाकरे फिर से अपने पुराने तेवरों में लौटते हैं या फिर नहीं। तो वहीं भाजपा विपक्षी एकता से भी घबराई हुई है।
हालांकि, राज ठाकरे किधर जाएंगे इसका भी अभी कोई तय नहीं है। क्योंकि एक ओर जहां राज ठाकरे अमित शाह से मुलाकात कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर एमवीए व इंडिया गठबंधन की ओर से भी राज ठाकरे को ऑफर दिए जा रहे हैं। इस बीच एनसीपी (शरद पवार गुट) की नेता सुप्रिया सुले ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि राज ठाकरे अगर INDIA ब्लॉक में आते हैं तो उन्हें उचित सम्मान मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज ठाकरे अगर दिल्ली गए हैं तो देखते हैं कि वह किसके साथ मुलाकात करते हैं। ये भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ लड़ने का समय है। उन्होंने कहा कि INDIA गठबंधन और महाविकास अघाड़ी सच्चाई के लिए और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे हैं।
आज भले सुप्रिया सुले राज ठाकरे को इंडिया गठबंधन में आने का ऑफर दे रही हैं। लेकिन अभी पिछले महीने ही सुप्रिया सुले और राज ठाकरे शिवाजी और शरद पवार पर एक दूसरे के खिलाफ बयान देकर चर्चा में रह चुके हैं। राज ठाकरे ने कहा था कि शरद पवार अपने भाषणों में कभी छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम नहीं लेते, क्योंकि उन्हें चिंता है कि ये नाम लेने से मुसलमानों के वोट हाथ से निकल जाएंगे। वहीं, सांसद सुप्रिया सुले ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे पर पलटवार करते हुए कहा था कि शरद पवार का नाम लिए बिना वह लोगों का ध्यान अपनी ओर नहीं खींच पाते हैं।
फिलहाल तो ये गठजोड़ की राजनीति जारी है। लेकिन अभी तक महाराष्ट्र में सीट बंटवारे पर सहमति न तो महायुति में बन पाई है और न ही महा विकास अघाड़ी में। जबकि चुनाव अब बिल्कुल मुंहाने पर आ गए हैं। महाराष्ट्र में अब तक भाजपा अपने सिर्फ 20 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। इसमें नितिन गडकरी व पीयूष गोयल समेत पंकजा मुंडे का नाम भी शामिल है। इसमें 6 नए चेहरे हैं, जबकि 14 पुराने चेहरों को रिपीट किया गया है। बीजेपी ने महाराष्ट्र की नागपुर सीट से नितिन जयराम गडकरी, मुंबई नॉर्थ से पीयूष गोयल, बीड से पंकजा मुंडे, नंदुरबार से हिना गावित, धुले से सुभाष रामराव भामरे, जलगांव से स्मिता बाघ, रावेर से रक्षा निखिल खडसे, अकोला सीट से अनूप धोत्रे, वर्धा से रामदास तडस, चंद्रपुर से सुधीर मुंगंटीवार, नांदेड़ से प्रतापराव पाटिल पर भरोसा जताया है।
इसके अलावा जालना सीट से बीजेपी ने रावसाहेब दानवे, डिंडोरी से भारती पवार, भिवंडी से कपिल मोरेश्वर पाटिल, मुंबई नॉर्थ ईस्ट से मिहिर कोटेचा, पुणे से मुरलीधर मोहोल, अहमदनगर (अहिल्यानगर) से सुजय राधाकृष्ण पाटिल, लातूर से सुधाकर तुकाराम शृंगारे, माढ़ा से रणजीत सिन्हा, सांगली से संजय काका पाटिल को उम्मीदवार बनाया गया है। बता दें कि पंकजा मुंडे को महाराष्ट्र के बीड से बहन प्रीतम मुंडे (मौजूदा सांसद) की जगह कैंडिडेट बनाया गया है।
फिलहाल अब ज्यादा वक्त बाकी नहीं रह गया है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए बेहतर होगा कि सीट बंटवारे पर जल्द ही फैसला लेकर इसका औपचारिक ऐलान कर दें। लेकिन जिस तरह से राज ठाकरे को लेकर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है और भाजपा राज ठाकरे को अपने पाले में करने की जल्दबाजी दिखा रही है। उससे ये साबित होता है कि मुंबई के शिवाजी पार्क में हुई इंडिया गठबंधन की रैली से भाजपा काफी घबराई हुई है। और उसे अब अपने हाथ से महाराष्ट्र निकलते हुए दिख रहा है। फिलहाल देखना ये है कि महाराष्ट्र की सियासत अब किस करवट बैठती है।