अजय कुमार लल्लू कड़ी लड़ाई में फंसे

लखनऊ। वोटों के बिखराव ने दिग्गज प्रत्याशियों की जीत-हार का समीकरण बिगाड़ दिया है। ज्यादातर दिग्गज त्रिकोणीय लड़ाई में फंस गए हैं। योगी सरकार में कृषि मंत्री व बेसिक शिक्षामंत्री की चुनौती बढ़ी है। वहीं, सपा से चुनाव मैदान में उतरे स्वामी प्रसाद मौर्य और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी अपने-अपने गढ़ में फंसे हैं। कौन जीतेगा या कौन हारेगा, यह कह पाना कठिन हो रहा है। गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 विधानसभा सीटों पर छठवें चरण में कल चुनाव कराए गए। मतदाताओं से बातचीत के बाद जो समझ में आया है, उसके मुताबिक राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी भी जातीय समीकरण में उलझ गए हैं। बताया जा रहा है कि देवरिया की पथरदेवा सीट से चुनाव लड़ रहे भाजपा प्रत्याशी व कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही को कड़ी टक्कर मिली है। इस सीट से सपा प्रत्याशी ब्रह्माशंकर त्रिपाठी मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं। ठीक यही हाल सिद्धार्थनगर की इटवा विधानसभा सीट का है। इस सीट से भाजपा ने बेसिक शिक्षामंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी को उतारा है। सपा से विधान परिषद के पूर्व सभापति माता प्रसाद पांडेय चुनाव लड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि डॉ. सतीश व ब्रह्माशंकर के बीच कांटे की टक्कर हुई है। तमकुही राज से कांग्रेस प्रत्याशी लल्लू को निषाद पार्टी-भाजपा प्रत्याशी डॉ. असीम कुमार राय से कड़ी चुनौती मिली है। सपा प्रत्याशी उदय नारायण गुप्ता भी मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं। लिहाजा लल्लू त्रिकोणीय लड़ाई में फंसे हैं।

स्वामी प्रसाद का खेल बसपा प्रत्याशी ने बिगाड़ा

योगी सरकार में मंत्री रहे और सपा का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य भी कठिन लड़ाई में फंसे हैं। फाजिलनगर सीट से भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र कुशवाहा उन्हें कड़ी चुनौती दे रहे हैं। दरअसल, स्वामी का खेल बसपा ने बिगाड़ा है। बसपा ने इस सीट से इलियास अंसारी को प्रत्याशी बनाया है। इलियास पुराने समाजवादी हैं। समाजवादी पार्टी से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने भाजपा से आए स्वामी प्रसाद मौर्य को प्रत्याशी बना दिया है। इसी का नतीजा रहा कि इलियास ने बगावत कर दी और बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में कूद पड़े।

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