कई साल पीछे चला गया देश: अखिलेश
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- सरकार की गलत नीतियों से बर्बाद हुई अर्थव्यवस्था, जनहितों की हो रही अनदेखी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आम बजट की खामियों पर एकबार फिर बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। सपा मुखिया ने कहा है कि यह बजट लोगों भ्र्रमित करने वाला है।
यादव ने आगे कहा कि मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। देश कई साल पीछे चला गया है। लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए केंद्र सरकार ने लोकलुभावन बजट पेश करने का ढिंढोरा पीट रही है, लेकिन भाजपा सरकार ने महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के बुनियादी मुद्दों को दर किनार कर दिया है। जनता का ध्यान बंटाने के लिए कुछ घोषणाएं करके चुप्पी साध ली है। उन्होंने बृहस्पतिवार को जारी बयान में कहा कि देश की अर्थव्यवस्था पर चंद पूंजीपतियों का कब्जा है। भाजपा राष्ट्रीय संपत्तियों को उन्हीं के हाथों बेच रही हैं। एक बड़े उद्योगपति का सरकारी संरक्षण की बदौलत साम्राज्य खड़ा हो गया। ऑक्सफैम इंटरनेशनल की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में एक फीसदी अमीरों के पास देश की 40 प्रतिशत से अधिक संपत्ति पर कब्जा है। देश की आधी से ज्यादा आबादी का सिर्फ 3 प्रतिशत हिस्सा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2014 में महंगाई कम करने के वादे किए, लेकिन वह यह बात भूल गए हैं। 2024 में जनता भाजपा को 80 सीटों पर हराएगी।
मानस की आपत्तिजनक पंक्तियों के खिलाफ चलता रहेगा अभियान : मौर्य
लखनऊ। श्रीरामचरित मानस पर टिप्पणी को लेकर विवादों से घिरे सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब तक इस महाकाव्य की आपत्तिजनक टिप्पणी संशोधित या प्रतिबंधित नहीं होती है तब तक इसके खिलाफ उनकी मुहिम जारी रहेगी। मौर्य ने यहां संवाददाता सम्मेलन में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर वोट लेने के लिए दलितों और पिछड़ों को हिंदू होने का एहसास कराने और सम्मान देने की बारी आने पर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सिलसिला बंद होना चाहिये। उन्होंने कहा कि सिर काट देने, जीभ काट देने और नाक काट देने की चाहे कितनी भी घुड़कियां मिलें, स्वामी प्रसाद मौर्य इससे डरने वाले नहीं हैं, हमने पिछड़ों और वंचितों के सम्मान की बात उठायी है, जब तक (श्री रामचरितमानस) की आपत्तिजनक टिप्पणी संशोधित या प्रतिबंधित नहीं होती तब तक यह अभियान चलता रहेगा। पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा, हम तो दलितों और पिछड़ों को गाली खाने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं तो गाली देने वालों के पेट में दर्द हो रहा है हम अपमानित किए जाने की व्यवस्था को खत्म करना चाहते हैं तो जो लोग अपमानित करने को अपना धर्म समझते हैं, उनके पेट में दर्द हो रहा है।