भाजपा की नीति से चारों ओर त्राहि-त्राहि: अखिलेश
- बोले- लोकसभा चुनाव प्रभावित करने के लिए भाजपा कर रही साजिश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव प्रभावित करने का प्रयास कर रही है। चारों ओर महंगाई से लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं।
इसी के तहत भाजपा देश के बड़ें विपक्षी नेताओं के खिलाफ साजिश और षड्यंत्र कर ईडी व सीबीआइ का प्रयोग कर रही है। भाजपा महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को दबाने के लिए जबरन विपक्षी नेताओं को फर्जी केस में फंसा रही है। अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सिर्फ चार प्रतिशत बेरोजगारी दर बताई जा रही है। इसका मतलब क्या 90 प्रतिशत बेरोजगारों को रोजगार मिल गया है? गैस सिलेंडर, दूध, आटा, दाल सब महंगा हो गया है। भाजपा के पास महंगाई कम करने का कोई भी जवाब नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का किसान छला गया है। उसको न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य मिला और न ही उसकी आय दोगुनी हुई। गन्ना किसान को बकाया भुगतान भी नहीं मिला। नौजवान का भविष्य अंधेरे में हैं। शिक्षामित्र आज भी परेशान और बेहाल हैं। अखिलेश ने कहा कि हमने प्रदेश सरकार से कई बार टाप-10 या टाप-100 माफिया की सूची जारी करने की मांग की है लेकिन भाजपा सरकार सूची जारी नहीं कर रही है। केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा ने जिस उद्योगपति को बढ़ाया था वह 20 लाख करोड़ रुपये के घाटे में चला गया है। एलआइसी और एसबीआइ जैसी सरकारी संस्थाओं का पैसा डूब गया। केंद्र सरकार कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?
बार-बार क्यों कैंसिल कर रहे हैं भर्ती विज्ञापन
लखनऊ । नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा में प्रश्नकाल में सैफई मेडिकल कॉलेज और कैंसर इंस्टीट्यूट लखनऊ में विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती के विज्ञापन बार बार कैंसिल होने का मुद्दा उठाया। अखिलेश यादव ने कहा कि भर्ती विज्ञापन कैंसिल करने का क्या कारण है? क्या किसी को खुश करने के लिए ऐसा कर रहे हैं या किसी का इंतजार कर रहे हैं कि उनका कोर्स पूरा होने के बाद भर्ती की जाए। अखिलेश यादव ने कहा कि लखनऊ कैंसर इंस्टीट्यूट प्रतिष्ठित संस्थान है। इसमें बड़ी संख्या में पद खाली है। यह पद कब तक भरे जाएंगे। कैंसर इंस्टीट्यूट और सैफई मेडिकल कॉलेज में भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला जाता है फिर उसे कैंसिल कर दिया जाता है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि उप मुख्यमंत्री को विभाग में बजट नहीं मिलने के कारण वह काम नहीं कर पा रहे है।