भाजपा सरकार में ईमानदार अफसरों की उपेक्षा: अखिलेश
- सरकार ने बात न मानने पर निष्क्रिय पदों पर भेजा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। भाजपा सरकार में ईमानदार अधिकारियों की उपेक्षा की जा रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सहारनपुर की छुटमालपुर नगर पंचायत मामले में सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सरकार ईमानदार अधिकारियों को बात न मानने पर हटा रही है और उन्हें निष्क्रिय पदों पर भेज रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ईमानदार अधिकारियों को निष्क्रिय पदों पर भेजकर अपनी बेईमानी का सबूत दे रही है। सहारनपुर में 22 मतों से सपा के नगर पंचायत अध्यक्ष की जीत को दबाव के बाद भी एक सत्यनिष्ठ अधिकारी द्वारा न बदले जाने पर, उसे ही इस सरकार ने बदल दिया। सपा ईमानदारों अधिकारियों के साथ है। भाजपा सरकार ईमानदार अधिकारियों को निष्क्रिय पदों पर भेजकर अपनी बेईमानी का सबूत दे रही है। सहारनपुर में 22 मतों से सपा के नगर पंचायत अध्यक्ष की जीत को दबाव के बाद भी एक सत्यनिष्ठ अधिकारी द्वारा न बदले जाने पर, उसे ही इस सरकार ने बदल दिया। इलाके की एसडीएम रम्या आर को वहां से हटाकर डीएम ऑफिस से अटैच कर दिया गया है। यूपी नगरीय निकाय चुनाव में प्रदेश की 17 नगर निगम सीटों में से एक भी समाजवादी पार्टी के हाथ नहीं लगी।
पिछले साल अच्छा था प्रदर्शन
पिछली बार सपा ने नगर पंचायत की आठ में से पांच सीट सपा ने वर्ष 2017 में जीती थी। पिछले साल विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीन जुलाई 2022 को महानगर, जिला संगठन सहित सभी कार्यकारिणी भंग कर दी थी। संगठन भंग होने के बाद क्षेत्रों में पार्टी कार्यकर्तांओं की सक्रियता भी कम हो गई। निकाय चुनाव से ठीक पहले सपा ने जय सिंह जयंत को दोबारा जिलाध्यक्ष और सुशील दीक्षित महानगर अध्यक्ष बना दिया। इस बीच निकाय चुनाव की घोषणा हो गई। अखिलेश यादव ने पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप की अध्यक्षता में नगर निगम चुनाव प्रबंध की कमेटी बनायी। इस कमेटी के बावजूद पार्षदी के दावेदारों की सूची ने मौजूदा दोनों विधायकों और विधानसभा प्रभारियों ने महानगर संगठन से साझा ही नहीं की। यहीं कारण रहा कि नामांकन के अंतिम दिन तक कई दावेदारों के टिकट काटे गए। महानगर संगठन ने 110 में से 83 और जिला संगठन ने 26 वार्डों में प्रत्याशी उतारे।