गजब ! भाजपा नेता ने ली स्कूल के नाम करोड़ों की जमीन और बना दिया कमर्शियल कॉम्प्लेक्स
स्कूल के नाम पर मेरठ विकास प्राधिकरण से कौडिय़ों के भाव ली थी करोड़ों की जमीन
- भाजपा किसान मोर्चा के जिला महामंत्री विक्रांत चौधरी का सामने आया काला कारनामा
- बेशकीमती जमीन के बदले एमडीए अफसरों ने भरी अपनी जेबें
- सत्ता की हनक के आगे नतमस्तक हैं अफसर
चेतन गुप्ता
लखनऊ। श्रीकांत त्यागी के बाद एक और भाजपा नेता का काला कारनामा सामने आया है। एक ओर पीएम मोदी और सीएम योगी शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटे हैं वहीं मेरठ भाजपा किसान मोर्चा के जिला महामंत्री चौधरी विक्रांत अहलावत उर्फ आदित्य ने स्कूल निर्माण के नाम पर मेरठ विकास प्राधिकरण से करोड़ों की जमीन कौडिय़ों के भाव खरीद कर उस पर दो मंजिला अवैध मार्केट बना दिया है। वहीं सत्ता की हनक के आगे अब एमडीए के अफसर भी नतमस्तक हैं और कार्रवाई के नाम पर महज कागजी खानापूर्ति कर रहे हैं।
भाजपा नेता चौधरी विक्रांत अहलावत ने पूरी योजना बनाकर सरकार की आंख में धूल झोंकने का काम किया। उसने पहले मेरठ विकास प्राधिकरण से स्कूल के नाम पर करोड़ों की बेशकीमती जमीन कौडिय़ों के भाव खरीदी और फिर उस पर अवैध ढंग से कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बना दिया। हैरानी की बात यह है कि मेरठ विकास प्राधिकरण के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी अपनी आंखें मूंदे हैं। विक्रांत को न तो योगी बाबा के बुलडोजर का भय है और न किसी भी प्रकार की प्रशासनिक कार्रवाई का। लिहाजा भाजपा नेता इस जमीन पर अवैध निर्माण करा चुका है और लाखों रुपए में निर्मित दुकानों को बेचकर करोड़ों रुपए के वारे-न्यारे कर रहा है। स्थानीय स्तर पर इसकी शिकायतें भी की गईं लेकिन सत्ता की हनक के आगे विरोध की आवाजें दबकर रह गयीं। स्थानीय भाजपा नेता के इस काले कारनामे से सरकार की फजीहत हो रही है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार जो जमीन स्कूल बनाने के लिए दी गई थी उस पर व्यवसायिक निर्माण कैसे हो गया? इसका नक्शा तक पास नहीं कराया गया फिर भी एमडीए अफसरों ने कोई कार्रवाई अब तक क्यों नहीं की? अब मामला शासन तक पहुंचा है। देखना यह है कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी ही पार्टी के इस नेता के खिलाफ क्या कार्रवाई करते हैं?
तीस से चालीस लाख में बेची एक-एक दुकान
भाजपा नेता ने अपने अवैध बहुमंजिला मॉर्केट की एक-एक दुकान 30 से 40 लाख रुपए में बेची। दो मंजिला कॉम्प्लेक्स में ऐसी करीब 50 से ज्यादा दुकानें हैं और यह 2019 में बनकर तैयार हो गया था। यही नहीं विक्रांत ने यहां से कमाए पैसे से ठीक बगल में दूसरी मार्केट भी बना दी है।
क्या कहना है एमडीए सचिव का
इस मामले में जब मेरठ विकास प्राधिकरण के सचिव सीपी तिवारी से बात की गयी तो उन्होंने टालमटोल वाले अंदाज में उत्तर दिया। उन्होंने शासन में प्रकरण लंबित होने और उपाध्यक्ष द्वारा पक्ष रखे जाने की बात कह कर किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
पूरे मेरठ में कायम है विक्रांत की चौधराहट
विक्रांत की चौधराहट उसके फेसबुक प्रोफाइल से साफ दिखती है। चौधरी विक्रांत उर्फ आदित्य चौधरी मौजूदा समय में भाजपा किसान मोर्चा मेरठ का जिला महामंत्री है। मेरठ का कोई भी ऐसा बड़ा नेता नहीं है जो उसके संपर्क में नहीं है। विक्रांत के रसूख का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि 15 अगस्त पर हर घर तिरंगा मुहिम के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मेरठ पहुंचे थे तो उनके स्वागत के लिए पूरे शहर में जो होर्डिंग्स लगी थी उसमें केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, प्रदेश महामंत्री व एमएलसी अश्वनी त्यागी व क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनिवाल के साथ उसकी फोटो लगी थी। भाजपा के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह राजनाथ सिंह के पुत्र व विधायक पंकज सिंह, सांसद राजेंद्र अग्रवाल, विधायक धर्मेंद्र भारद्वाज समेत तमाम भाजपा नेताओं के साथ उसकी फोटो उसके रसूख को दर्शाती है।
शिकायतों को भी अफसरों ने किया दरकिनार
मेरठ विकास प्राधिकरण में इसकी शिकायतें भी दर्ज कराईं गई लेकिन अफसरों ने इस अवैध निर्माण को नजरअंदाज कर दिया। बाद में जब स्थानीय लोगों ने स्कूल न खुलने पर आपत्ति जताई तो दिखावे के लिए एमडीए अफसरों ने विक्रांत की उसी मार्केट से सटी दूसरी मार्केट को कागजों में सील कर दिया।
आरटीआई के जरिए एमडीए से मांगा जवाब
मेरठ के एरा गार्डन निवासी एमएस चौधरी व पल्लवपुरम निवासी अमित शर्मा ने मेरठ विकास प्राधिकरण में मामले की शिकायत कर कार्रवाई की मांग की लेकिन अफसरों ने इसको अनसुना कर दिया। इस पर एमएस चौधरी ने सूचना के अधिकार कानून के तहत कई सूचनाएं मांगी है। मसलन उक्त जमीन का भू-उपयोग, लेआउट प्लान स्वीकृत है या नहीं, मौजूदा वास्तविक उपयोग क्या हो रहा है, मानचित्र संख्या तिथि, सीलिंग की कार्रवाई की तिथि, शमन शुल्क या ध्वस्तीकरण तिथि जैसे बिंदुओं पर एमडीए से जवाब मांगा है। इससे अफसरों में हडक़ंप है।
क्या है मामला
मेरठ विकास प्राधिकरण में पल्लवपुरम आवासीय योजना के तहत 978 वर्ग मीटर का एक शैक्षिक भूखंड 2014 में नीलामी में निकाला गया था। 25 अगस्त को इसके टेंडर पड़े और 28 अगस्त को न्यूनतम रेट 11000 प्रति वर्ग मीटर की तुलना में सबसे ज्यादा 11,150 प्रति वर्ग मीटर पर यह प्लॉट लेने के लिए सजल शिक्षण संस्थान ग्राम पोहल्ली, डॉ. दवथुआ मेरठ ने बोली लगाई और उनके नाम 9 सितंबर 2014 को यह प्लॉट आवंटित कर दिया गया। पूरे प्लाट की कीमत 1 करोड़ 9लाख 4 हजार 7 सौ रुपए थी। 25 फीसदी आवंटन के वक्त जमा करने के बाद 75 फीसदी पैसा अगले 5 सालों में सामान पांच किस्तों में देना था जिसका भुगतान सजल शिक्षण संस्थान द्वारा समय पर किया गया। जिस जमीन को 11,150 प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मेरठ विकास प्राधिकरण ने सजल शिक्षा संस्थान को बेचा था, उस जमीन की वास्तविक कीमत उससे कई गुना ज्यादा थी लेकिन नियम कानूनों की आड़ में शिक्षण संस्थान के लिए रियायती दरों पर यह जमीन दी गई। पहले तो इस जमीन पर कोई निर्माण नहीं किया गया लेकिन जैसे ही सूबे में भाजपा की सरकार बनी इस जमीन पर स्कूल की जगह कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनना शुरू हो गया। इसके कर्ताधर्ता भाजपा मेरठ के किसान मोर्चा के महामंत्री विक्रांत अहलावत उर्फ आदित्य पुत्र धर्मराज सिंह हैं। विक्रांत चौधरी बड़े-बड़े भाजपा नेताओं से संबंध होने का अफसरों और स्थानीय लोगों पर रौब गांठता है। वह सजल शिक्षण संस्थान का भी सर्वेसर्वा है। उसने बिना किसी रोक-टोक के इस जमीन पर दो मंजिला व्यावसायिक परिसर का निर्माण करा दिया। यहां स्कूल तो नहीं बना अलबत्ता अवैध दो मंजिला मार्केट जरूरी बना दी गयी। यही नहीं इसके लिए न तो नक्शा पास कराया गया और न ही किसी भी प्रकार की कोई अन्य औपचारिकता पूरी की गई। फिलहाल इस व्यावसायिक क्षेत्र से घिरे इलाके में जमीनों के दाम आसमान छू रहे। एक लाख रूपए प्रति वर्ग मीटर के रेट वाली जमीन को कौडिय़ों के भाव विक्रांत ने हथिया लिया और नियम कानूनों को ताक पर रखते हुए स्कूल प्रोजेक्ट को ठपकर व्यावसायिक इमारत खड़ी कर दी।