अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 25% शुल्क लगाया, विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरा

जयराम रमेश का कहना है, "पीएम मोदी ने सोचा था कि अगर वह अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत के लिए कहे गए अपमानजनक शब्दों पर चुप रहे, तो ट्रंप के हाथों भारत को विशेष दर्जा मिल जाएगा.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: जयराम रमेश का कहना है, “पीएम मोदी ने सोचा था कि अगर वह अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत के लिए कहे गए अपमानजनक शब्दों पर चुप रहे, तो ट्रंप के हाथों भारत को विशेष दर्जा मिल जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.” सांसद संजय सिंह ने कहा कि ट्रंप भारत का मजाक उड़ा रहे हैं.

अमेरिका की ओर से भारतीय वस्तुओं पर 25 फीसदी शुल्क लगाने की घोषणा के बाद विपक्षी दल आक्रामक हो गए हैं और वे मोदी सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा की गई एक-दूसरे की तारीफ का अब कोई मतलब नहीं रह गया है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि पीएम को बताना चाहिए कि अमेरिका और ट्रंप ने एकतरफा फैसला क्यों किया?

राष्ट्रपति ट्रंप ने 25 फीसदी शुल्क लगाने के फैसले के पीछे Brics ग्रुप और नई दिल्ली के साथ भारी व्यापार घाटे का हवाला दिया और कहा कि अमेरिका इस समय भारत के साथ बातचीत कर रहा है. ट्रंप ने कल व्हाइट हाउस में कहा, “हम अभी बातचीत कर रहे हैं और इसमें ब्रिक्स का मसला भी शामिल है.

आप जानते हैं, ब्रिक्स अमेरिका विरोधी देशों का एक गुट है और भारत इसका सदस्य है. यह अमेरिकी मुद्रा पर हमला है और हम किसी को भी ऐसा नहीं करने देंगे.” ट्रंप ने एक अगस्त से भारत से आने वाले सभी सामानों पर 25 फीसदी शुल्क लगाने की घोषणा की. साथ ही रूसी कच्चे तेल और सैन्य उपकरणों की खरीद पर एक अनिर्दिष्ट जुर्माना भी लगा दिया.

मोदी सरकार पर भड़के जयराम रमेश
भारत पर भारी शुल्क लगाए जाने पर विपक्ष भड़क गया है. कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने मीडिया  से बातचीत में  कहा, “तारीफ ही तारीफ में टैरिफ लग गया. अब पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा की गई एक दूसरे की तारीफ का कोई मतलब नहीं रह गया है.” पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, “राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से आयात पर 25 फीसदी शुल्क और जुर्माना लगा दिया है. अब उनके और हाउडी मोदी के बीच हुई इस सारी तारीफ का कोई मतलब नहीं रह गया है.”

उन्होंने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा, “पीएम मोदी ने सोचा था कि अगर वह अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत के लिए कहे गए अपमानजनक शब्दों पर चुप रहे, तो ट्रंप के हाथों भारत को विशेष दर्जा मिल जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ट्रंप ने ऑपरेशन सिंदूर रोकने के दावे 30 बार किए, फिर उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का मंसूबा बनाने वाले पाकिस्तानी सेना प्रमुख को अपने यहां भोज पर बुलाया. आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक से पाकिस्तान को वित्तीय पैकेज के लिए अमेरिकी समर्थन भी दिया.” इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए रमेश ने कहा कि पीएम मोदी को इंदिरा गांधी से प्रेरणा लेनी चाहिए और अमेरिकी राष्ट्रपति के सामने डटकर खड़ा होना चाहिए.

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप को खुश करने की कोशिश में “गंभीर चूक” कर दी. अब अमेरिका की ओर भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद, क्या अब पीएम हिम्मत दिखाएंगे और ट्रंप के सामने खड़े होंगे?” सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि यह फैसला देश की अर्थव्यवस्था, निर्यात, उत्पादन और बदले में नौकरियों और रोजगार को प्रभावित करेगा. कांग्रेस के ही नेता पवन खेड़ा का कहना है कि सरकार की विदेश नीति का कोई नतीजा नहीं निकला. अब इसके बाद कहने को बचता ही क्या है?

“यह कैसी विदेश नीति”
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए खेड़ा ने कहा, “कल तक हमें उम्मीद थी कि पीएम थोड़ी हिम्मत दिखाएंगे और कहेंगे कि ट्रंप सीजफायर के बारे में झूठ बोल रहे हैं. हमें लगा कि शायद उन्हें व्यापार समझौते का डर है, इसलिए वे कुछ नहीं कह रहे. लेकिन अब व्यापार समझौते का भी पर्दाफाश हो गया… यह कैसी विदेश नीति है?”

शिवसेना (उद्धव ठाकरे) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के संपर्क में थे. हमें उम्मीद थी कि जल्द ही एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होंगे. लेकिन ट्रंप ने अचानक भारत के व्यापार पर शुल्क और जुर्माना लगा दिया. अब पीएम मोदी को यह बताना चाहिए कि अमेरिका की ओर से ऐसा एकतरफा फैसला क्यों आया है.”

ट्रंप के एकतरफा ऐलान पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता मनोज झा ने कहा, “हम खुश नहीं हैं कि पीएम मोदी की अगुवाई में ऐसा हुआ. इस मुद्दे पर हम एकजुट हैं, लेकिन यह भी चाहते हैं कि हमारी सरकार उन खामियों को स्वीकार करे, जिनके कारण यह स्थिति पैदा हो गई है.” कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, “यह अमेरिका का “वास्तव में गलत कदम” है. “मोदी सरकार ट्रंप को अपना दोस्त मानती है, लेकिन उन्होंने वास्तव में हमें थप्पड़ मारा है. इससे भारतीय व्यापारियों को नुकसान होगा.”

CPM सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा, “यह चौंकाने वाला है, क्योंकि मोदी सरकार यह आश्वासन दे रही थी कि भारत और अमेरिका के बीच एक निष्पक्ष समझौता होगा. लेकिन ट्रंप ने अचानक यह कदम उठा लिया. खास बात यह है कि हम पहले से ही ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप के खराब व्यवहार पर चर्चा कर रहे थे. अब उन्होंने जुर्माना भी लगा दिया.”

आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद संजय सिंह ने दावा किया कि राष्ट्रपति ट्रंप हर दिन भारत का मजाक उड़ा रहे हैं और देश को अपमानित कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “ट्रंप ने (पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष) आसिम मुनीर और (ISI महानिदेशक) आसिम मलिक को लंच पर बुलाया. ट्रंप ने यहां तक कहा कि वह पाकिस्तान से प्रेम करते हैं. मुझे लगता है कि पीएम मोदी को इस कदम का कड़ा विरोध करना चाहिए और भारत के लिए एक मजबूत रणनीति बनानी चाहिए.”

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