सरकारी तंत्र पर वार करने की सजा भुगत रहे अमिताभ ठाकुर

गलत कामों के खिलाफ हमेशा आवाज उठाते हैं पूर्व आईपीएस

कई बार सरकार से प्रताडि़त हो चुकेहैं अधिकार सेना केअध्यक्ष

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सरकार की नाक केनीचे हो रहे गलत कामों के खिलाफ हमेशा आवाज उठाने वाले पूर्व आईपीएस अफसर व अधिकार सेना केअध्यक्ष अमिताभ ठाकुर आज सरकारी तंत्र के शिकार बन गए हैं। उन्हें देवरिया में एक प्लाट के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। पर ऐसी जानकारी मिल रही है जिस अद्यौगिक प्लाट का ममाला है उसको संरडर करने के लिए उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने उद्योग विभाग को मौखिक सूचना दे दी थी।
उधर ऐसी खबरें आ रही हैं कि जेल में पूर्व आईपीएस अफसर की तबियत खराब हो गई परंतु प्रशासन उन पर ध्यान नहीं दे रहा है। बता दें पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव से लेकर योगी तक पर प्रहार करते रहें हैं अमिताभ ठाकुर।

कफ सिरप मामला उठाने पर सरकार का कहर

उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों में कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध स्मगलिंग, बड़े पैमाने पर नशाखोरी और मेडिकल माफिया पर गंभीर आरोप सामने आए थे। बड़े फार्मा डिस्ट्रीब्यूटर्स, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों के साथ राजनीतिक संरक्षण इस पूरे धंधे में शामिल बताया गयां। पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने इस मामले में सोशल मीडिया प्रेस और आरटीआई का इस्तेमाल करते हुए लगातार सवाल उठाए। उनके उठाये गये सवाल कि किसके संरक्षण में कोडीन वाली दवाइयां खुलेआम बिक रहीं? बड़े रैकेट को क्यों बचाया जा रहा है? एफआईआर के नाम पर केवल छोटे दवाइयों के दुकानदारों पर ही कार्रवाई क्यों की जा रही है। उनकी पोस्टें और बयानों ने सरकार को असहज किया क्योंकि मामला सीधे स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और राजनीतिक संरक्षण की तिकड़ी पर सवाल खड़े कर रहा था। मामला मीडिया में उठने लगा बात हाईकोर्ट तक पहुंची और ठाकुर बार-बार कफ सिरप माफिया शब्द का इस्तेमाल कर रहे थे। नतीजा सरकार को मजबूर होकर बड़े स्तर पर छापेमारी, सस्पेंशन और ट्रांसफर करने पड़े। यह बात कई अधिकारियों को रास नहीं आई और अमिताभ ठाकुर पर अचानक 26 साल पुराना केस एक्टिव हो गया।

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की पत्नी के प्लॉट पर कारोबारी ने बनाई लोहे की फैक्ट्री, किराए पर चलता था कारखाना

देवरिया में आद्यौगिक क्षेत्र के जिस बी-2 नंबर के प्लॉट को नूतन ठाकुर ने खरीदा था, वह उस समय खाली था। प्लॉट का आवंटन लेने वाले रामजनक शर्मा इसे सरेंडर करने के लिए उद्योग विभाग का चक्कर लगा रहे थे। वहीं नूतन ठाकुर ने भी तीन साल बाद ही इसे सरेंडर करने के लिए विभाग को मौखिक सूचना दी थी। इसके बाद साल 2003 में नूतन ठाकुर ने 618 वर्ग मीटर के इस प्लॉट शराब कारोबारी संजय सिंह को बेच दिया था। संजय सिंह उस समय इसी इलाके में किराए की जमीन पर एक फैक्टरी संचालित कर रहे थे। जमीन मिलने के बाद उन्होंने पक्का निर्माण कराकर अपना कारखाना स्थापित किया। करीब पांच साल पहले यह मामला चर्चा में आया था।

नूतन ठाकुर ने प्लॉट सरेंडर करने के लिए उद्योग विभाग को मौखिक सूचना दे दी थी

नब्बे के दशक में हर जिला मुख्यालय और बड़े कस्बों में उद्योग विभाग की तरफ से इंडस्ट्रियल एस्टेट बनवाया गया था। देवरिया में भी पूरवा चौराहे के पास इस क्षेत्र के लिए जमीन आवंटित हुई थी। इस क्षेत्र में कुछ बड़ी फर्मों ने अपने कारखाने लगाने के लिए जमीन आवंटित कराई थी। इन प्लॉटों के बीच एक बड़ा पार्क है, जिसके दूसरी तरफ उपायुक्त उद्योग का दफ्तर है। इस पार्क के सामने ही प्लॉट नंबर बी-2 है। यह प्लॉट नूतन ठाकुर के नाम से गलत तरीके से आवंटित करने का मुद्दा पांच साल पहले उठा था। तब विभाग ने जांच कराई तो यह बात सामने आई कि जिले से पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर का ट्रांसफर होने के बाद पत्नी नूतन ठाकुर ने प्लॉट सरेंडर करने के लिए उद्योग विभाग को मौखिक सूचना दे दी थी।

विभागीय लोगों ने हस्तांतरण की प्रक्रिया को पूरा कराया

विभागीय नियमों के अनुसार प्लॉट सरेंडर होने पर उसे दोबारा आवंटन के लिए लॉटरी या फिर वरियता क्रम को आधार बनाया जाता। इसमें प्लॉट किसी दूसरे को भी मिलने की संभावना होती। इससे बचने के लिए नूतन ठाकुर और संजय सिंह के बीच ही विभागीय लोगों ने हस्तांतरण की प्रक्रिया को पूरा करा दिया। पूर्व आईपीएल अमिताभ ठाकुर मार्च 1998 से मार्च 2000 तक देवरिया के एसपी रहे थे। प्लॉट पर अपनी फर्म का नाम आने के बाद संजय सिंह ने वहां पहले टिनशेड और फिर पक्का निर्माण करा लिया। किराए पर चल रहे कारखाने को भी इसमें शिफ्ट कर दिया। हालांकि वर्ष 2010 आते-आते संजय सिंह का खुद का कारोबार दिल्ली शिफ्ट हो गया और इसी के साथ प्लॉट नंबर बी-2 पर लगा कारखाना भी अधिकतर बंद रहने लगा। इस संबंध में उपायुक्त उद्योग एस. सिद्दकी ने कहा कि मामले से जुड़ी जो भी जानकारी मांगी गई थी, वह सब उपलब्ध करा दिया गया है।

रेप मामले में पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को लगा ’सुप्रीम झटका‘

मामलों को स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर करने की याचिका शीर्ष कोर्ट ने की खारिज

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हसन के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने तीन अन्य बलात्कार मामलों में लंबित मुकदमों को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की थी।
गौरतलब है कि जेडीएस से निष्कासित रेवन्ना को उनके खिलाफ दर्ज चार बलात्कार मामलों में से एक में दोषी ठहराया जा चुका है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि शेष मामलों को उस अदालत के अलावा किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित किया जाए, जिसने उन्हें दोषी ठहराया था और घरेलू सहायिका के साथ बलात्कार के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची की पीठ ने कहा कि पहले मामले में उन्हें दोषी ठहराने वाले न्यायाधीश बाकी मामलों की सुनवाई करते समय उस फैसले से प्रभावित नहीं होंगे। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि निचली अदालतों के पीठासीन अधिकारी इस तथ्य से प्रभावित हैं कि उन्होंने याचिकाकर्ता को दूसरे मामले में दोषी पाया है और जाहिर है कि लंबित मामलों में निर्णय लंबित मामलों में साक्ष्यों के आधार पर ही लिया जाएगा। पिछली सुनवाई के आधार पर याचिकाकर्ता (रेवन्ना) के खिलाफ कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए। इससे पहले, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बलात्कार मामले में दोषी ठहराए गए प्रज्वल रेवन्ना की आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने की याचिका खारिज कर दी थी।
न्यायमूर्ति के.एस. मुदागल और न्यायमूर्ति वेंकटेश नाइक टी की खंडपीठ ने कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, जमानत देना उचित नहीं है। न्यायालय ने बताया कि रेवन्ना के खिलाफ पहले से ही कई मामले लंबित हैं, जिससे गवाहों को प्रभावित करने का खतरा है। न्यायालय ने यह भी कहा कि आरोपी के व्यापक प्रभाव के कारण पिछली सुनवाई में भी उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी, और पीड़िता द्वारा घटना की सूचना देने में देरी का कारण भी यही प्रभाव था।

मेसी के कार्यक्रम में नाराज फैंस ने की तोडफ़ोड़, नाराज हुईं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में फुटबॉल सुपरस्टार लियोनल मेसी के कार्यक्रम से जल्दी जाने के बाद नाराज फैंस ने जमकर तोडफ़ोड़ की। स्टेडियम में हुए हंगामे और अव्यवस्था पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गहरा दुख और हैरानी जताई है।
उन्होंने कहा कि स्टेडियम में जिस तरह का कुप्रबंधन देखने को मिला, उससे वह बेहद आहत हैं। सीएम ममता बनर्जी ने इस पूरे मामले की जांच के लिए जांच समिति बनाने का भी एलान किया है।

यूपी में कोहरे का कहर, ग्रेटर नोएडा में एक्सप्रेसवे पर टकराईं गाडिय़ां

लगा लंबा जाम अमरोहा में एक की मौत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश तक कोहरे का असर दिखने लगा है। ग्रेटर नोएडा में घने कोहरे की वजह से ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे पर बड़ा हादसा हुआ है। यहां एक दर्जन से ज्यादा गाडिय़ां आपस में टकरा गईं। इसमें कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए और कई लोग मामूली रूप से घायल हुए।
हादसे के चलते लंबा जाम लग गया। क्षतिग्रस्त वाहनों को पुलिस टोल मैनेजमेंट क्रेन की मदद से साइड कराने में जुटी रहीं। दादरी थाना क्षेत्र के चक्रसैनपुर के पास इस हादसे के बाद ग्रामीण भी मौके पर पहुंचे। घायल यात्रियों को बाहर निकालने में मदद की। वहीं अमरोहा के नेशनल हाईवे पर भी कोहरे का कहर दिखाई दिया। यहां आधा दर्जन गाडिय़ां आपस में भिड़ गईं। गजरौला कोतवाली इलाके के नेशनल हाईवे-9 शाहबाजपुर डोर गांव के पास ये हादसा हुआ। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई। हादसे में घायल कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इससे नेशनल हाईवे-9 पर जाम लग गया। पुलिस का कहना है कि अधिक कोहरा होने की वजह से ये हादसा हुआ है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जाम को खुलवाया।

संसद पर आतंकी हमले की 24वीं बरसी पर पीएम और राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। संसद पर आतंकी हमले को 24 साल पूरे हो गए हैं। 2001 में आज ही के दिन आतंकवादियों ने देश की संसद को निशाना बनाया था, जिसमें कई वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। ऐसे में पीएम मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने बलिदान जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने सबसे पहले श्रद्धांजलि दी, जिसके बाद पीएम मोदी, राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने भी जवानों की तस्वीरों के पास पुष्प अर्पित किए। 13 दिसंबर 2001 को हुए संसद हमले की याद में आज संविधान सदन (पुरानी संसद भवन) में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। इस दौरान सीआईएसएफ के जवानों ने सम्मान गार्ड दिया, जिसके बाद कुछ मिनट का मौन भी रखा गया था। इससे पहले 2023 तक सीआरपीएपफ के जवान सलामी शस्त्र दिया करते थे। मगर अब सीआईएसएफ के जवान बलिदानों को सलामी देते हैं।

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