लखनऊ: हंगामेदार रहा नगर निगम सदन का समापन सत्र, फूटा गुस्सा

सदन में महापौर की अध्यक्षता में लिए गए प्रमुख निर्णय

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लखनऊ नगर निगम का समापन सत्र हंगामे और आरोपों के बीच समाप्त हो गया। विपक्षी पार्षदो के अलावा भाजपाई पार्षद भी इस मौके पर नगर निगम प्रशासन को घेरते नजÞर आए। लगभग सभी पार्षदो ने एक स्वर से सड़कों के गड्ढे, जलभराव, गंदे पानी और सफाई कर्मियों की कमी को लेकर नगर निगम प्रशासन की मौजूदा कार्यशैली पर गम्भीर सवाल उठाये।
वहीं कई भाजपाई पार्षदों ने सदन के बीच में उठकर कहा कि न आपने खुद पांच साल कोई काम किया न हमें करने दिया। अब हम किस मुंह से अपने वार्ड की जनता के पास दोबारा वोट मांगने जाएगे। इस दौरान विपक्षी पार्षदों ने सभी मुद्दों पर मुखर होकर अपनी बात रखी। सदन में महापौर संयुक्ता भाटिया, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, अपर नगर आयुक्त पंकज सिंह व अभय कुमार पांडेय शोर-शराबे के बीच असहज बैठे नजर आते रहे। सदन में नगर निगम के सफाईकर्मियों की 25 प्रतिशत कटौती का मुद्ïदा दिनभर गूंजता रहा। नगर निगम सदन में पार्षदों ंके भारी विरोध के बाद दो बड़े फैसले लिये गये, जिनमें पहला राजधानी में 25 प्रतिशत सफाईकर्मियों की कटौती में 15 प्रतिशत सफाई कर्मियों की वापसी और दूसरा ईको ग्रीन कंपनी को चुनावों के बाद हटाने का फैसला सदन की अध्यक्ष महापौर संयुक्ता भाटिया द्वारा लिया गया। बता दें कि शहर के कई क्षेत्रों के व्यापारियों समेत अन्य शहरवासियों ने भवन कर निर्धारण पर अपत्तिया दर्ज कराई थी। इसीलिए जीएसआई सर्वे के साथ ही बकायेदारों के भवनों की कुर्की की कार्यवाही को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। महापौर ने कहा कि व्यापारियों का आरोप है कि सुबह जब दुकानें बंद होती है तो उन्हें सील कर दिया जाता है।

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