लोकसभा में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 पेश, जानिए फायदें 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया है। सहकारी बैंकों के प्रावधानों में अस्पष्टता की वजह से विपक्षी सांसद इस विधेयक के खिलाफ हैं...

4PM न्यूज़ नेटवर्क: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया है। सहकारी बैंकों के प्रावधानों में अस्पष्टता की वजह से विपक्षी सांसद इस विधेयक के खिलाफ हैं। दरअसल, इस विधेयक में बैंक खाताधारकों को अपने बैंक खाते के लिए अधिकतम 4 नॉमिनी बनाने का विकल्प दिया जाएगा। केंद्र सरकार शुक्रवार (9 अगस्त) को संसद के निचले सदन लोकसभा में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश करेगी। इस विधेयक के तहत देश के प्रत्येक बैंक खाताधारकों द्वारा बनाए जाने वाले नॉमिनी की संख्या को एक से बढ़ाकर चार करने का प्रावधान किया गया है। इससे देश के आम बैंक खाताधारकों को काफी सहूलियत मिलेगी और वे अपने बैंक खाते के लिए 1 से ज्यादा नॉमिनी बना सकेंगे।

आपको बता दें कि इस नई सुविधा के साथ कोई खाताधारक अपनी पत्नी/पति के अलावा माता-पिता, भाई-बहन आदि रिश्तेदारों को भी नॉमिनी बना सकता है।  ऐसे में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को पिछले शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी, जिसके तहत भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम, 1955, बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1970 और बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1980 में संशोधन का प्रस्ताव है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट भाषण में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 की घोषणा की थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि ”बैंक प्रशासन में सुधार और निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए बैंकिंग विनियमन अधिनियम, बैंकिंग कंपनी अधिनियम और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में कुछ संशोधनों का प्रस्ताव है।”

महत्वपूर्ण बिंदु

  • इस विधेयक में नॉमिनी को बढ़ाने के प्रस्‍ताव के पीछे मकसद है अनक्‍लेम्‍ड अमाउंट।
  • मार्च 2024 तक बैंकों में 78,000 करोड़ रुपये ऐसे हैं, जिन पर दावा करने वाला कोई नहीं है।
  • वहीं सरकार का मानना है कि एक से ज्‍यादा नॉमिनी होने से अनक्‍लेम्‍ड मनी की समस्‍या में काफी कमी आ सकती है और ये पैसा सही उत्‍तराधिकारी तक पहुंच पाएगा।

 

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