फिर जहरीली शराब से दहला बिहार, अब तक लगभग 35 लोगों की मौत, 50 से ज्यादा भर्ती
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार के सिवान और सारण जिलों में भी जहरीली शराब पीने से 10 और लोगों की मौत हो गई। इससे इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़ कर लगभग 35 तक पहुंच गई है। वहीं लगभग 50 से ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आंकड़ा अभी और बढऩे की आशंका है, डॉक्टरों के अनुसार जहरीली शराब पीने की वजह से जिन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है उनकी हालत बेहद खराब है। पटना के अस्पताल में भी जिन लोगों को इलाज के लिए रेफर किया गया था उनमें से ज्यादा लोगों की भी इलाज के दौरान ही मौत हो चुकी है।
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को इस मामले की उच्चस्तरीय समीक्षा करके सभी बिंदुओं पर जांच करने का निर्देश दिए हैं। सारण रेंज के डीआईजी नीलेश कुमार ने बताया कि सिवान जिले की मगहर तथा औरिया पंचायतों में संदिग्ध अवैध शराब पीने से अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। सारण जिले के मशरख थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर इलाके में भी 7 लोगों की संदिग्ध अवैध शराब पीने से मौत हो गई है। दोनों जिलों के 25 से अधिक लोग अभी भी सीवान, सारण और पटना के विभिन्न अस्पतालों में अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीवान और सारण में संदिग्ध जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच की प्रगति के बारे में गुरुवार को जानकारी ली थी। मुख्यमंत्री ने बिहार के पुलिस महानिदेशक को व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
जिसके बाद वहां के डीआईजी ने कहा कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही पता चल पाएगा। अभी तक मृतकों और उपचाराधीन लोगों की पहचान का खुलासा नहीं किया गया है। दोनों जिलों में हुई घटनाओं के सिलसिले में पुलिस ने अब तक करीब 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। घटना के बाद दोनों जिलों के प्रशासन ने मगहर, औरिया और इब्राहिमपुर क्षेत्रों के तीन चौकीदारों को निलंबित कर दिया है। कम से कम 5 पुलिसकर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
बिहार में शराबबंदी मामले में सियासत गर्म
वहीं अब इस मामले को लेकर बिहार में सियासत भी गर्म हो गई है, शराबबंदी को लेकर पक्ष और विपक्ष में जमकर वार-पलटवार हो चल रहा है । विपक्षी दल आठ साल से अधिक समय पहले नीतीश कुमार सरकार द्वारा शराब की बिक्री और सेवन पर लगाए गए प्रतिबंध की प्रभावशीलता पर सवाल उठा रहे हैं। .इस घटना को लेकर राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्य में हुई हालिया मौतों के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए। यह एक सामूहिक हत्या है। शराबबंदी नीतीश सरकार के संस्थागत भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है। शराबबंदी को प्रभावी ढंग से लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है,शराबबंदी आज बिहार में सुपर फ्लॉप है।
बीजेपी ने घटना पर जताया दुख
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, बीजेपी नेता ने कहा कि यह घटना बहुत दुखद है और इसके लिए जिम्मेदार लोग बहुत जल्द पकड़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में राजग सरकार शराबबंदी को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। बिहार में जबतक शराब की बिक्री हुआ करती थी, तब तक महिलाओं के खिलाफ कई अपराध होते थे। जो लोग राज्य में शराबबंदी हटाने की मांग कर रहे हैं, उनकी शराब माफिया से सांठगांठ है।
इससे पहले भी जहरीली शराब ने निगली थी जिंदगियां
बिहार में जहरीली शराब से मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है, पिछले ही साल सीतामढ़ी में जहरीली शराब पीने से 6 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों के परिवारों का कहना था कि जिन लोगों की उस घटना में मौत हुई थी उन सभी एक साथ बैठकर शराब पी थी, जहरीली शराब पीने के बाद इन लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद इन्हें इलाज के लिए पास के अस्पताल लेकर जाया गया था. जहां इलाज के दौरान एक-एक कर सभी की मौत हो गई थी।
यूपी में मजाक बन गया एनकाउंटर: प्रमोद तिवारी
कहा- हमेशा आरोपियों के पैरों में ही लगती है पुलिस की गोली
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने बहराइच में हुए एनकाउंटर पर कहा कि प्रदेश में एनकाउंटर का मजाक बनाकर रख दिया गया है। हर बार गोली आरोपियों के पैर में ही लगती है।
उन्होंने कहा कि राज्य में अपराध कम होना चाहिए लेकिन यूपी में अपराध बढ़ रहे हैं। जहां भी भाजपा की सरकार है वहां पर अपराध बढ़ रहे हैं चाहे यूपी हो या फिर महाराष्ट्र। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई है। बता दें कि गुरुवार को बहराइच में हिंसा के दो आरोपियों को एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। हिंसा के पांचों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
प्रज्वल की मां को ’सुप्रीम‘ राहत
कर्नाटक हाई कोर्ट ने सशर्त दी जमानत
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कर्नाटक के चर्चित सेक्स स्कैंडल में फंसे जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत को रद्द करने से साफ इनकार कर दिया प्रज्वल रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना की अग्रिम जमानत बरकरार रहेगी।
अग्रिम जमानत के खिलाफ कर्नाटक सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी को बड़ी राहत देते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को बरकार रखा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है और भवानी रेवन्ना को दी गई अग्रिम जमानत में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
प्रज्वल रेवन्ना पर ये हैं आरोप
भवानी रेवन्ना जेडीएस नेता और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की मां हैं। प्रज्वल रेवन्ना पर कई महिलाओं के यौन शोषण का आरोप हैं। प्रज्वल पर ये भी आरोप हैं कि वे महिलाओं का यौन शौषण करते वक्त खुद ही वीडियो रिकॉर्ड करते थे और बाद में रिकॉर्डिंग दिखाकर महिलाओं को ब्लैकमेल कर बार-बार उनका शोषण करते थे। प्रज्वल रेवन्ना की ये वीडियो अप्रैल में सार्वजनिक हो गईं, जिसके बाद कर्नाटक की राजनीति में भूचाल आ गया था। वीडियो वायरल होने के बाद प्रज्वल विदेश चले गए थे, लेकिन बाद में विदेश से लौटने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। भवानी रेवन्ना पर प्रज्वल रेवन्ना के शोषण का शिकार हुई एक महिला का अपहरण करने और उसे प्रताड़ित करने का आरोप है। इसी मामले में हाईकोर्ट ने भवानी रेवन्ना को अग्रिम जमानत दी थी।
अब 13 नवंबर को नहीं होगा मिल्कीपुर उपचुनाव
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अयोध्या। मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव पर कोर्ट का फैसला टल गया है, लखनऊ हाईकोर्ट ने मिल्कीपुर सीट के लिए एक सप्ताह के लिए फैसला टाल दिया है, इस कारण मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर लंबित चुनाव याचिका को वापस लेने की अपील पर गुरुवार को फैसला नहीं हो सका।
न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने मामले की सुनवाई करते हुए एक हफ्ते में अधिकृत गजट प्रकाशित करने का आदेश जारी किया, इसके साथ ही कोर्ट ने अदालत ने साल 2022 विधानसभा चुनाव के सभी उम्मीदवारों को नोटिस भेजने का भी आदेश जारी किया, बता दें कि 2 नवंबर के बाद मामले की अगली सुनवाई होगी, वहीं सुनवाई के दौरान अवधेश प्रसाद के वकील ने याचिका पर विरोध जताते हुए सभी 6 उम्मीदवारों के वकीलों को नोटिस भेजने की मांग की और उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई सभी पक्षों को सुनने के बाद ही होनी चाहिए। मामले की अगली सुनवाई अब 2 नवंबर के बाद होगी, इस देरी के चलते मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव की तारीखों पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
बहराइच: पुलिस के साये में अदा हुई जुमे की नमाज
जिले में बाहरी लोगों की एंट्री पर लगा है प्रतिबंध
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के बहराइच में हुई हिंसा के बाद हालात काफी गंभीर बने हुए है। बहराइच में ही हिंसा के बाद से ही सुरक्षा व्यवस्था काफी तगड़ी कर दी गई है। सुरक्षा के लिए यहां रैपिड रिस्पॉन्स फोर्स के जवानों को तैनात किया गया है। नमाज के दौरान होने वाली संभावित भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए है।
बता दें कि हिंसा प्रभावित इलाकों को नौ सेक्टरों में विभाजित किया गया है। पुलिस और प्रशासन की टीमें लगातार इन इलाकों में मुस्तैदी के साथ सुरक्षा के इंतजाम देख रही है। वहीं जुम्मे की नमाज को देखते हुए प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाए है। इसके तहत बहराइच में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है।
वहीं मुख्यमंत्री ऑफिस भी लगातार पुलिस और जिला प्रशासन के संपर्क में बना हुआ है। इसके लिए कंट्रोल रुम भी बनाया गया है। वीडियो फुटेज के जरिए ही उपद्रवियों की पहचान हो रही है। पुलिस ने इस मामले में अब तक 50 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना के बाद 100 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है।
बहराइच जिले के महाराजगंज इलाके में 13 अक्टूबर को हुई साम्प्रदायिक हिंसा के पांच आरोपियों को पुलिस ने बृहस्पतिवार दोपहर मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। मुठभेड़ में दो आरोपी घायल भी हुए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार मुठभेड़ भारत—नेपाल सीमावर्ती नानपारा कोतवाली क्षेत्र में सरयू मुख्य नहर के निकट हाड़ा बसेहरी में हुई। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि 13 अक्टूबर को महाराजगंज में एक युवक की गोली मार कर हत्या के मामले में आज बहराइच पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार लोगों के नाम मोहम्मद फ़हीम, मोहम्मद तालिब उर्फ सबलू, मोहम्मद सरफराज, अब्दुल हमीद और मोहम्मद अफजाल हैं। उन्होंने बताया कि 13 अक्टूबर को एक युवक की हत्या में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी के लिए पुलिस फहीम और तालिब की निशानदेही पर उन्हें लेकर गई तो उन्होंने वहां रखे हथियारों से पुलिस दल पर गोलियां चलायीं। कुमार ने बताया कि जवाबी गोलीबारी में दोनों को गोलियां लगीं और वे गंभीर रूप से घायल हो गए।