भाजपा का दावा, विपक्षी दलों के विधायकों ने मुर्मू के पक्ष में किया मतदान

  • एनडीए के सभी विधायकों का मत द्रौपदी मुर्मू को मिला
  • राष्टï्रपति चुनाव में यूपी में 396 विधायकों ने डाले वोट

लखनऊ। राष्टï्रपति चुनाव में समाजवादी पार्टी के विधायकों की क्रॉस वोटिंग के बीच राजधानी में 403 में से 396 विधायकों ने मतदान किया। भाजपा के 255 में से 253, अपना दल (एस) के 12 में से 12, निषाद पार्टी के छह विधायकों सहित एनडीए के सभी 270 विधायकों ने मतदान किया। सपा के 111 में से 109 विधायकों ने मतदान किया। रालोद के आठ में से सात, सुभासपा के छह में से पांच, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो, कांग्रेस के दो और बसपा के एक मात्र विधायक ने मतदान किया। जेल में बंद कैराना से सपा विधायक नाहिद हसन और एक मामले में फरार चल रहे सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी ने मतदान नहीं किया। राष्टï्रपति चुनाव के लिए एनडीए की ओर से द्रौपदी मुर्मू और यूपीए की ओर से यशवंत सिन्हा प्रत्याशी है। सोमवार को मतदान का समय शुरू होते ही सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानभवन स्थित मतदान कक्ष तिलक हॉल पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले मतदान किया। मुख्यमंत्री के बाद संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और उनके बाद जेवर से भाजपा विधायक धीरेंद्र सिंह ने मतदान किया। इसके बाद मतदान करने के लिए विधायकों की लंबी कतार लग गई। मतदान के अंतिम समय शाम पांच बजे तक राजधानी में 403 में से 396 विधायकों ने मताधिकार का उपयोग किया। एक विधायक ने केरल और चार विधायकों ने संसद भवन में मतदान करने की अनुमति ली थी। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि एनडीए के सभी विधायकों का मत द्रौपदी मुर्मू को मिला है।

उन्होंने दावा किया कि एक आदिवासी बेटी को राष्ट्रपति बनाने के लिए विपक्षी दलों के विधायकों ने अंतरात्मा की आवाज पर राजनीति की दीवार तोड़कर द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया है। राष्टï्रपति चुनाव में मतदान के बाद मतदान पेटियों को भारी सुरक्षा के बीच हवाईजहाज से दिल्ली के लिए रवाना किया गया। मतदान के बाद सहायक रिटर्निंग अधिकारी ब्रजभूषण दुबे ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में मतपेटियों को सीलबंद कराया। विधानभवन से पुलिस सुरक्षा के बीच मतपेटियों को एयरपोर्ट तक ले जाया गया। एयरपोर्ट से हवाईजहाज के जरिये उन्हें दिल्ली के लिए रवाना किया गया।

सपा में हुई क्रॉस वोटिंग
सपा विधायक शिवपाल यादव ने एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में मतदान किया। वहीं बरेली में पेट्रोल पंप पर बुलडोजर चलने के कारण चर्चा में आए सपा विधायक सहजिल इस्लाम की ओर से भी क्रॉस वोट करने की आशंका जताई है। सहजिल मतदान से पहले और मतदान के बाद भी द्रौपदी मुर्मू समर्थक शिवपाल यादव के साथ नजर आए थे। वहीं पिछली सरकार में मंत्री सहित करीब आधा दर्जन से अधिक सपा विधायकों की ओर से क्रॉस वोटिंग करने की आशंका जताई जा रही है। सरकार के मंत्रियों और भाजपा के नेताओं ने सपा के करीब एक दर्जन से अधिक विधायकों से क्रॅास वोटिंग के लिए संपर्क किया था। पार्टी सूत्रों का कहना है कि करीब आधा दर्जन से अधिक विधायकों को वह तोड़ने में सफल रहे हैं।

एक विधायक ने केरल, चार ने संसद भवन में मतदान किया
सेवापुरी से अपना दल एस के विधायक नीलरतन पटेल ने केरल में मतदान किया। वहीं भाजपा विधायक नकुड़ से भाजपा मुकेश चौधरी, सदाबाद से रालोद विधायक प्रदीप कुमार सिंह, चरखारी से भाजपा विधायक ब्रजभूषण राजपूत और कुंदरकी से सपा विधायक जियाउर्रहमान ने संसद भवन में मतदान किया। सपा विधायक आजम खान ने कहा कि राष्टï्रपति चुनाव में यदि कांटे की लड़ाई होती तो विपक्ष में एकजुटता होती। उन्होंने कहा कि सच बोलने के लिए हिम्मत चाहिए इसलिए भाजपा में सच नहीं बोला जाता है। उन्होंने कहा कि सत्तारुढ़ दल में भी सभी लोग संतुष्ट नहीं होंगे, लेकिन हालात ऐसे हैं कि वह असंतुष्ट भी होंगे तो जाहिर नहीं करेंगे। राजभर के मुद्दे पर आजम ने कहा कि उनकी ओमप्रकाश से कोई नाराजगी नहीं है लेकिन किसे साथ रहना है किसे नहीं रहना है इस पर कोई जबरदस्ती नहीं कर सकते है।

एनआईए की विशेष अदालत में पेश हुए मंत्री असीम अरुण

लखनऊ। हत्या व आतंकी गतिविधियों के एक मामले में एनआईए/एटीएस की विशेष अदालत में प्रदेश सरकार के मंत्री असीम अरुण जिरह के लिए पेश हुए। यह मामला वर्ष 2017 का है। इस दौरान असीम अरुण एटीएस में पुलिस महानिरीक्षक के पद पर तैनात थे। इस मामले में अभियुक्त आतिफ मुजफ्फर, नसीम व फैसल निरुद्ध हैं। इस मामले में असीम अरुण की गवाही दर्ज हो चुकी है। सोमवार को उनसे बचाव पक्ष की तरफ से जिरह की गई, जो अभी जारी है। विशेष जज अनुरोध मिश्रा ने शेष जिरह के लिए 19 जुलाई की तारीख तय की है। उस रोज सुबह 10 बजे से जिरह शुरू होगी। एनआईए के विशेष लोक अभियोजक कौशल किशोर शर्मा के मुताबिक 24 अक्टूबर, 2016 को कानपुर में जूनियर हाईस्कूल के प्राचार्य रमेश बाबु शुक्ला की हत्या हुई थी। इस मामले की एफआईआर उनके बेटे अक्षय शुक्ला ने थाना चकेरी मे अज्ञात में दर्ज कराई थी।

इधर, आठ मार्च, 2017 को लखनऊ में सैफुल्लाह का एन्काउंटर हुआ। सैफुल्लाह के घर से आठ रिवाल्वर व बुलेट बरामद हुए थे। इस मामले की एफआईआर असीम अरुण ने थाना एटीएस में दर्ज कराई थी। बाद में विवेचना एनआईए को सौंप दी गई। विवेचना में मालुम हुआ कि जिस रिवाल्वर व बुलेट से प्राचार्य की हत्या हुई थी, वह इनमें से ही एक था। हत्या में सैफुल्लाह के अलावा अभियुक्त आतिफ मुजफ्फर, नसीम व फैसल का नाम भी सामने आया। इनके मोबाइल की लोकेशन हत्या वाली जगह पर पाई गई थी। इन्होंने आईएस के अपने आकाओं को यह बताने के लिए हमलोग भी कुछ कर सकते हैं, इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। विवेचना के पश्चात अभियुक्तों के खिलाफ हत्या के अलावा आंतकी गतिविधियों के मामले में भी आरोप पत्र दाखिल हुआ था।

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