किस नियम के तहत खत्म की नेता प्रतिपक्ष की मान्यता : हाईकोर्ट
- एमएलसी की याचिका पर सुनवाई अब 20 को
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने विधान परिषद के सभापति व प्रमुख सचिव से पूछा है कि किस नियम के तहत विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के पद की मान्यता समाप्त की गई? न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने यह सवाल सपा एमएलसी व विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष रहे लाल बिहारी यादव की याचिका पर किए। यादव का कहना है कि कानूनी तौर पर उन्हें इस पद से नहीं हटाया जा सकता। लेकिन परिषद में सपा के सदस्यों की संख्या 10 से कम होने का हवाला देकर नेता विरोधी दल की मान्यता समाप्त कर दी थी। याची का कहना है कि वह 2020 से विधान परिषद के निर्वाचित सदस्य हैं और उन्हें इस वर्ष 27 मई को सदन में विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता दी गई थी। याची ने विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता वापस लेने वाली अधिसूचना को रद्द किए जाने या उस पर रोक लगाए जाने का आग्रह किया है। बीती सात जुलाई को विधान परिषद के प्रमुख सचिव कार्यालय ने यादव की मान्यता रद्द करने के संबंध में अधिसूचना जारी की थी। मामले में अगली सुनवाई 20 जुलाई को नियत की गई है। याचिका में विधान परिषद के सभापति व प्रमुख सचिव को पक्षकार बनाया गया है और उन्हीं से कोर्ट ने जवाब मांगा है।
भ्रष्टाचार मामले में हटाए गए जितिन प्रसाद के ओएसडी
लखनऊ। पीडब्ल्यूडी में हुए स्थानांतरण घोटाले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े रुख के बाद दोषी अधिकारियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। पहली गाज पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) अनिल कुमार पांडेय पर गिरी है। सचिवालय प्रशासन विभाग ने सोमवार को उन्हें कार्यमुक्त करते हुए उनके मूल विभाग में वापस भेजनेे के आदेश जारी कर दिए हैं। साथ ही पांडेय के खिलाफ सतर्कता जांच और अनुशासनिक कार्रवाई की सिफारिश भी की गई है। पांडेय पर विभागीय स्थानांतरण में भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप है। बता दें कि केंद्रीय उपभोक्ता मामले व खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में अवर सचिव रहे पांडेय को प्रतिनियुक्ति पर प्रदेश सरकार में तैनात किया गया था। मौजूदा समय में पांडेय पीडब्ल्यूडी मंत्री के ओएसडी के पद पर तैनात थे। तबादला घोटाले में पांडेय की भूमिका पर गंभीर सवाल उठे थे। प्रथमदृष्टया आरोपों की पुष्टि होने के बाद पांडेय के खिलाफ कार्रवाई की गई। सचिवालय प्रशासन विभाग के विशेष सचिव अरुण प्रकाश की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।
आप की महिला विंग की प्रदेश कार्यकारिणी घोषित
लखनऊ। आम आदमी पार्टी (आप) के सांगठनिक ढांचे को मजबूत करते हुए महिला विंग की प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा की गई है। आप विंग की प्रदेश अध्यक्ष नीलम यादव ने 15 जिलों में अध्यक्षों के साथ ही 4 महानगरों के भी अध्यक्षों की घोषणा की है। साथ ही वाराणसी की रेखा जायसवाल को प्रदेश महासिचव बनाया गया है। महिला विंग की घोषित नई सूची में प्रीति उपाध्याय, नर्गिस खां, निशा निगम, दीप्ति वर्मा, सुल्ताना हनीफ, सुशीला वर्मा को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसी प्रकार शिवाली मिश्रा, निरमेश त्यागी, महजबी फारूक़ी, ऊषा राय, रश्मि पांडेय, मंजू गौतम, जसमीत कौर, राजकुमारी यादव, पुष्पा सिंह, रीता सिंह प्रदेश सचिव बनाया गया है। इसके अतिरिक्त 15 महिला जिलाध्यक्ष भी बनाई गई हैं, जिसमें नीतू को अलीगढ़, ज्योत्सना गोयल को उन्नाव, पिंकी यादव को कन्नौज, शशिबाला दूबे को गोरखपुर, रंजना अग्रवाल को जालौन, अनिती मिश्रा को जौनपुर, सरोज श्रीवास्तव को प्रतापगढ़, सुधा सिंह को बुलंदशहर, गजाला सिद्दकी को मुज्जफरनगर, अमिता मौर्या को मऊ, पूजा तिवारी को संभल, हरिबाई राजपूत को ललितपुर, अर्चना गुप्ता को हमीरपुर, तारा यादव को शाहजहांपुर और सुमन विश्वकर्मा को चित्रकूट का महिला जिलाध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा पल्लवी मालवीय को प्रयागराज, शाहीन को अलीगढ़, शारदा टंडन को वाराणसी और वसुधा अवस्थी को शाहजहांपुर का महानगर अध्यक्ष बनाया गया है।