कोरोना काल का बकाया बिजली बिल माफ करें भाजपा सरकार : अखिलेश

लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा की डबल इंजन सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने चुनाव में कहा कि किसानों को अगले पांच साल तक बिजली बिल नहीं देना पड़ेगा पर अब कह रहे हैं कि हर एक उपभोक्ता भुगतान करे तभी आपूर्ति होगी। अखिलेश ने कहा कि ये सरकार बताए कि सपा के समय में जो उत्पादन क्षमता बढ़ी थी, उसमें इस सरकार ने कोई बढ़ोत्तरी क्यों नहीं करी। आखिर अब जनता पर बिजली संकट क्यों थोपा जा रहा। अखिलेश ने कहा प्रदेश की भाजपा सरकार अगर सच में बेकारी से जूझ रही जनता के साथ है तो उसे ‘कोरोना काल 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022Ó तक के बकाया बिजली बिल माफ करने चाहिए। गरीबों की सरकार से ये खास अपेक्षा है क्योंकि उनकी कमाई नहीं हुई है और वरिष्ठ नागरिकों की भी क्योंकि ब्याज दर आधी रह गयी है। इसके अलावा सपा प्रमुख बोले कि बढ़ती महंगाई से अब लोगों की परेशानियां भी बढ़ने लगी हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी महंगाई के खिलाफ सरकार पर तंज कस रहे हैं। अब अखिलेश यादव ने कहा है कि गैस सिलेंडर इतना महंगा हो गया है कि आम जनता की पहुंच से चाय-पकौड़ा भी बाहर हो गया है।

अखिलेश ने ट्विटर पर बढ़े गैस सिलेंडर के दाम की लिस्ट को शेयर करते हुए लिखा कि ‘देश में सिलेंडर का दाम बढ़कर ढाई हजार पार हो गया है ‘चाय-पकौड़ाÓ तक आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गया है।Ó एक अन्य ट्वीट में अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने चुनाव में कहा कि किसानों को अगले 5 साल बिजली बिल नहीं देना पड़ेगा पर अब कह रहे हैं कि हर एक उपभोक्ता भुगतान करे तभी आपूर्ति होगी। ये सरकार बताए कि सपा के समय में जो उत्पादन क्षमता बढ़ी थी, उसमें इस सरकार ने कोई बढ़ोत्तरी क्यों नहीं कर पाई?

मथुरा डीएम के नाम गैर-जमानती वारंट

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोर्ट की अवमानना मामले में मथुरा के डीएम नवनीत सिंह चहल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। अदालत ने पुलिस को मामले की अगली सुनवाई पर चहल को उसके समक्ष पेश करने का निर्देश दिया है। बृजमोहन शर्मा और तीन अन्य लोगों द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने कहा कि मथुरा के डीएम द्वारा 18 अप्रैल 2022 को पारित आदेश कुछ और नहीं, बल्कि उनका तिरस्कारपूर्ण कृत्य है, क्योंकि यह विश्वास नहीं किया जा सकता कि ऐसा अधिकारी इस अदालत की ओर से पारित आदेश की भाषा और मंशा नहीं समझ सका हो। अदालत ने छह सितंबर 2021 को 22 जुलाई 2016 के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें प्रतिवादियों ने आवेदकों को पेंशन का भुगतान इस आधार पर मना कर दिया था कि नियमित होने से पूर्व की उनकी सेवाओं को पात्रता सेवा के तौर पर नहीं गिना जाएगा, जिससे वे पुरानी पेंशन योजना का लाभ पा सकें। अदालत ने छह सितंबर 2021 के अपने आदेश में कहा था कि बहुत लंबे समय तक दी गई सेवाओं को सेवा पात्रता की गणना करते समय नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

कुमार विश्वास की गिरफ्तारी पर रोक

लखनऊ। कुमार विश्वास को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने राहत दी है। उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाने का फैसला हाईकोर्ट ने लिया है। बता दें कि विश्वास के खिलाफ पंजाब के रोपड़ में केस दर्ज हुआ था। उन पर आरोप है कि उन्होंने केजरीवाल के खालिस्तान से संबंध के गलत आरोप लगाए थे। केस दर्ज होने के बाद कुमार विश्वास ने कोर्ट में रूपनगर पुलिस के एक्शन के खिलाफ याचिका दायर की थी, कहा गया था कि उनके खिलाफ दर्ज केस राजनीति से प्रेरित है। बता दें कि विश्वास के खिलाफ आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था। विश्वास के अलावा कांग्रेस नेता अलका लांबा के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया था। लांबा पर कुमार विश्वास द्वारा की गई टिप्पणी का समर्थन करने का आरोप लगाया गया है।

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