बीजेपी सरकार ने कोरोना लहर की भयावहता से नहीं लिया कोई सबक : अखिलेश

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण फिर दस्तक दे रहा है। विशेषज्ञ चौथी लहर की आशंका जता रहे हैं। जून-जुलाई में संक्रमण का पीक आ सकता है। भाजपा सरकार ने लगता है पिछले कोरोना लहर की भयावहता से कोई सबक नहीं लिया। अखिलेश ने कहा, स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को देखते हुए दहशत के हालात बनने के आसार हैं। मुख्यमंत्री की बैठकों का जमीन पर कोई असर नहीं दिखता है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार ने कोरोना के प्रकोप में जनता को पिछले साल अनाथ छोड़ दिया था। लॉकडाउन में भी जनता को बुरे दिन देखने पड़े थे। भाजपा सरकार स्थिति की समीक्षा की नौटंकी कर रही है। वह ऐसा जता रही है जैसे कि अभी सत्ता में आई है जबकि यह तो निरंतरता की सरकार है। पिछले दिनों भी यही सरकार थी और मुख्यमंत्री भी वही हैं। अस्पतालों में न पर्याप्त डाक्टर हैं और न ही दवाओं का समुचित प्रबंध है। सच तो यह है कि भाजपा सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा एवं कानून व्यवस्था के सभी मोर्चों पर पहले से भी ज्यादा विफल साबित हो रही है। सरकार ने जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया है। बता दें कि समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल 28 अप्रैल को प्रतापगढ़ जाएगा। प्रतिनिधिमंडल यहां नदी में डूबने से मो. सलीम व जावेद की मृत्यु तथा बिजली से जलकर घायल हुए राजकुमार गौड़ उर्फ पिंटू को देखने जाएगा। प्रतापगढ़ में चार बच्चों की सड़क दुर्घटना में हुई मौत तथा विधानसभा क्षेत्र सदर के कोहकौर बाजार में गैस सिलेंडर फटने से तीन लोगों की हुई मौत की जानकारी भी यह प्रतिनिधिमंडल लेगा।

अखिलेश को झटका देने की तैयारी में आजम खां
सपा के दिग्गज नेता आजम खां ने शिवपाल यादव के बाद अब सीतापुर जेल में कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम से भी मुलाकात की है। यह मुलाकात इसलिए अहम है क्योंकि एक दिन पहले ही आजम ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर अखिलेश की ओर से भेजे गए नेताओं से मिलने से इनकार कर दिया था। अब कांग्रेस नेता से मुलाकात करके आजम खां ने सीतापुर जेल से अखिलेश को 24 घंटे के भीतर डबल झटका दिया है। अटकलें हैं कि आजम जल्द ही शिवपाल यादव के साथ किसी नए मोर्चे का ऐलान कर सकते हैं। बगावत का झंडा लेकर चल रहे शिवपाल ने आजम से सीतापुर जेल में जाकर मुलाकात की तो इसके बाद डैमेज कंट्रोल मोड में जुटे अखिलेश ने भी अपने दूत भेज दिए। लेकिन सपा अध्यक्ष को उस समय बड़ा झटका लगा जब आजम ने उनके दूतों को यह कहकर लौटा दिया कि तबीयत ठीक नहीं है।

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