महाराष्ट्र में बीजेपी की हालत खराब, अपनों ने ही कर दी बगावत, शाह भागे!
महाराष्ट्र में इसी साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं.... जिसको लेकर सभी दलों ने तैयारी शुरू कर दी है... और जनता के बीच में पहुंचकर सरकार की उपलब्धियां गिना रहें है... देखिए हमारी ये खास रिपोर्ट...
4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र में इसी साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं…. जिसको लेकर सभी दलों ने तैयारी शुरू कर दी है… और जनता के बीच में पहुंचकर सरकार की उपलब्धियां गिना रहें है… और किसानों नौजवानों को अपना शुभचिंतक बता रहें हैं…. लेकिन महाराष्ट्र में जो दावे महायुति के नेताओं के द्वारा किए जा रहें है… वो सभी दावे खोखले है… महाराष्ट्र बीजेपी में कलह जारी है… एक के बाद एक नेता बीजेपी का साथ छोड़ रहें है… जो महाराष्ट्र में बीजेपी की चिंता बढ़ा रहा है… हार के डर से मोदी ताबड़तोड़ रैलिया भी कर रहें है… लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी हार के चलते विधानसभा चुनाव में भी बड़ी हार का डर सता रहा है…. इस बीच महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राजनेताओं के इस दल से उस दल में जाने का सिलसिला जारी है….. इस बीच बीजेपी के राज्यसभा सदस्य अशोक चव्हाण को झटका देते हुए…. पूर्व सांसद भास्करराव पाटिल खतगावकर शुक्रवार को कांग्रेस में लौट आए….और उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव से ठीक पहले बीजेपी को अलविदा कह दिया है….. बता दें कि नांदेड़ जिले से तीन बार लोकसभा सदस्य रह चुके भास्करराव पाटिल खतगावकर महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष नाना पटोले…. और वरिष्ठ नेता अमित देशमुख की मौजूदगी में फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए…. खतगावकर महाराष्ट्र बीजेपी के दिग्गज नेता… और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के रिश्तेदार हैं…. उनके साथ पूर्व विधायक ओम प्रकाश पोकरणा और खतगावकर की बहू मीनल भी कांग्रेस में शामिल हो गईं….. जो विपक्षी महा विकास आघाडी का एक प्रमुख घटक है…..
इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि पूर्व राज्य मंत्री खतगावकर बिना किसी शर्त के कांग्रेस में शामिल हुए हैं….. पटोले ने कहा कि उन्हें कांग्रेस में शामिल करने का फैसला पार्टी के (नांदेड़) जिला नेतृत्व के साथ चर्चा के बाद लिया गया…. वहीं नाना पटोले ने विश्वास जताया कि खतगावकर की वापसी से कांग्रेस को नांदेड़ जिले की विधानसभा सीटों पर अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी…… जो मराठवाड़ा क्षेत्र में चव्हाण का गृह क्षेत्र है…. वहीं कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद खतगावकर ने कहा कि वह घर वापस आकर खुश हैं…. और उन्होंने स्वीकार किया कि कांग्रेस ने उन्हें उनके दशकों लंबे राजनीतिक जीवन के दौरान विधायक, सांसद और मंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर दिया… और उन्होंने आगे कहा कि कुछ समय के लिए मैं दूसरी पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गया था…. लेकिन अब मैं घर वापस आ गया हूं…. बता दें कि खतगावकर दो हजार चौदह में बीजेपी में शामिल हुए थे….. जब भाजपा ने देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र में अपनी पहली सरकार बनाई थी….
वहीं इस तरह से नेताओं के पार्टी छोड़ने को लेकर बीजेपी और मोदी की परेशानी बढ़ रही है…. बीजेपी के नेता भी मोदी की राजनीति से परेशान हो चुके है… मोदी किसी भी नेता की नहीं सुनते हैं… और सुने भी क्यों वो तो भगवान का अवतार है,… उन्हें तो जनता और अपने नेताओं की बाते बिना कहे ही समझ आ जाती हैं,,,.. और मोदी को डायरेक्ट संदेश आता है… जिसके बाद वे अपना काम करते है… जनता और अपने नेताओं के दुख दर्द से कोई लेना देना नहीं है… उन्हें तो सत्ता हासिल करने और कुर्सी पर चिपके रहने की आदत पड़ चुकी है… जो छूट नहीं रही है… वहीं लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी हार के बावजूद मोदी ने सबक नहीं लिया है… और अभी भी अनर्गल बयानवाजी देने से बाज नहीं आ रहें है…. आपको बता दें कि मोदी अपनी कमी को छुपाने के लिए मंचों से अपने संबोधन में विपक्ष पर आरोप लगाते हैं… लेकिन कभी भी यह नहीं बताते कि हमने अपने कार्यकाल में जनता के लिए क्या किया.,… वहीं देश की जनता को पता है कि मोदी ने जनता के लिए क्या किया है… मोदी ने जनता के लिए महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महिलाओं के साथ अत्याचार, गैस सिलेंडर के दाम, किसानों को मिलने वाले उर्वरक का दाम, प्रट्रोल डीजल के दाम सहित तमाम चीजों के दामों में लगातार बढ़ोत्तरी की है… साथ हीं मोदी ने दाम बढ़ाने के बाद यह कभी नहीं कहा कि मैने जनता को गर्त में पहुंचाने का काम किया है… वो हमेशा दामों में बढ़ोत्तरी करते चले आए है… और जनता को हर खऱीद पर सब्सिडी दे रहें है… लेकिन वह भी अन्य योजनाओं की तरह जुमला ही है….
मोदी के इन्ही जुमलों के चलते तमाम नेता बीजेपी का साथ छोड़ रहें है… जिससे बीजेपी की परेशानी और बढ़ रही है… महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर महाविकास अघाड़ी ने बीजेपी को हराने का पूरा प्लान सेट कर लिया है… और सीट बंटवारे को लेकर पूरा प्लान सेट हो गया है… शीट शेयरिंग का मसला पूरी तरह से हल हो चुका है…. महाराष्ट्र के विपक्षी खेमे महाविकास अघाड़ी में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला लगभग तय हो चुका है…. जानकारी के मुताबिक, राज्य की दो सौ अट्ठासी सीटों में से सौ सीटों पर उद्धव ठाकरे और सौ सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी…. शरद पवार की पार्टी को चौरासी सीटें और बची हुई चार सीटें सहयोगियों के लिए रखी गई हैं…. जानकारी के अनुसार तीनों ही पार्टियां साठ फीसदी सीटों पर एकमत हैं…. कुछ सीटों पर अभी भी पेंच है… लेकिन उन्हें जल्द ही बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा….
दरअसल, महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारे में हो रही देरी पर हाल के दिनों में बयानबाजी हुई….. उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने कांग्रेस पर ‘व्यस्त’ होने का आरोप लगाते हुए देरी के लिए जिम्मेदार ठहराया था….. विपक्षी खेमे की कोशिश है कि चुनाव से पहले ज्यादा समय न गंवाते हुए सीटों का बंटवारा तय कर लिया जाए… ताकि पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुट जाए…. वहीं एक बात तो साफ हो गई है कि उद्धव ठाकरे, कांग्रेस और शरद पवार के साथ ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे….. लोकसभा चुनाव में भी तीनों दलों की ‘तिकड़ी’ ने राज्य की सत्ता पर काबिज एनडीए की सीटों में सेंध लगा दी…. इन नतीजों के बाद से ही एमवीए के हौंसले बुलंद हैं…. और बीजेपी को पटखनी देने के लिए तैयार है… और विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तैयारी में जुट गए हैं…. और महायुति को सत्ता से उखाड़ फेंकने का पूरा प्लान तैयार कर लिया है….
महाराष्ट्र में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं…. दो हजार उन्नीस में राज्य के चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी…. बीजेपी एक सौ चौसठ सीटों पर लड़ी…. और एक सौ पांच सीटों पर जीतने में कामयाब हुई….. शिवसेना (अविभाजित) एक सौ छब्बीस सीटों पर लड़ी… और छप्पन सीटों पर पार्टी को कामयाबी हासिल हुई…. एनसीपी ने एक सौ इक्कीस सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे…. इनमें से पार्टी को चौव्वन सीटों पर जीत मिली थी…. कांग्रेस के एक सौ सैंतालीस उम्मीदवारों में से चौव्वालिस नेता ही विधायक बने…. इस बार का विधानसभा चुनाव दिलचस्प होगा….. शिवसेना में दो फाड़ हो चुका है…. एनसीपी भी दो खेमों में बंट गई है….. कांग्रेस के भी कई नेता पार्टी को छोड़ चुके हैं…. ऐसे में एमवीए और एनडीए दोनों ही गुट के लिए ये चुनाव साख की लड़ाई मानी जा रही है….
वहीं बीजेपी के द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने सियासी रणनीति तैयार कर ली है….. इस बीच बीजेपी ने महाराष्ट्र चुनाव को लेकर तेरह बाहरी नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है….. ये नेता एक एक सीट पर बीजेपी की रणनीति बनाएंगे…. दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने महाराष्ट्र में पार्टी ने नेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी दी है…. बीजेपी ने महाराष्ट्र के छह रीजन में छह राज्यों के संगठन मंत्री उतारे हैं….. सतीश डोंड को कोंकण, रत्नाकर को उत्तर महाराष्ट्र, चंद्रशेखर को ईस्ट विदर्भ, हितानंद शर्मा को वेस्ट विदर्भ, मधुकर को मराठवाड़ा जबकि अजय जामवाल को वेस्टर्न महाराष्ट्र में लगाया गया है…. और इन नेताओं ने विधानसभा चुनाव को लेकर जमावड़ा लगा रखा है… बता दें कि बीजेपी और मोदी को पता है कि महाराष्ट्र में इस बार पूरी तरह से डब्बागोल है… जिसके चलते जनता को साधने के लिए बीजेपी आलाकमान किसी भी प्रकार की कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है… बता दें कि मोदी, शाह और जेपी नड्डा लगातार महाराष्ट्र का दौरा कर रहें है… और अपने सहयोदी दलों को चुनावी रणनीति का गुरू सिखा रहैं है… और सभी को एकजुट रहने का संदेश दे रहें है… क्योंकि बीजेपी में अंतर्कलह जारी है….
इसके अलावा बीजेपी ने महाराष्ट्र के पड़ोसी राज्यों से सात वरिष्ठ बीजेपी नेताओं को यहां चुनाव जिताने का काम सौंपा है….. इनमें कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल, नर्रोतम मिश्रा सीटी रवि, अरविंद मेनन, अनिल जैन और अमित ठाकर का नाम शामिल है…. बीजेपी के ये सभी नेता रीजन वाइज विधानसभा स्तर पर सीट बाय सीट, छोटी-छोटी चीजों पर काम कर रहे हैं….. जिसमें कार्यकर्ताओं की परेशानी या नाराजगी से लेकर स्थानीय विधायक के प्रति लोगों का रुझान तक शामिल है…. बता दें कि महायुति में सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दिया जा रहा है…. बीजेपी और शिवसेना गुट के नेता दावा कर रहे हैं कि राज्य में महायुति के बीच सीट शेयरिंग का मुद्दा आसानी से सुलझ जाएगा….. साथ ही इन नेताओं का दावा है कि महाराष्ट्र में महायुति ज्यादा सीटें जीतकर आएगी…. साथ ही उन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद एनडीए की सरकार बनने जा रही है…. हालांकि अभी तक महायुति में सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है…. चुनाव नवंबर में होने की आशंका जताई जा रही है….