भाजपा कायरों की जमात, पुलिस प्रशासन का करती है दुरुपयोग: अखिलेश

  • 2024 के लोस चुनाव में जनता उखाड़ फेकेगी मोदी सराकर
  • कार्यकर्ता अपनी ताकत पहचानें और एकजुट होकर बीजेपी का हर स्तर पर करें मुकाबला

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि बीजेपी कायरों की जमात है, इसीलिये वह अपने बचाव के लिये पुलिस-प्रशासन का नाजायज इस्तेमाल करती है। सपा प्रमुख ने कार्यकर्ताओं को बीजेपी के अन्याय का हर स्तर पर संगठित होकर मुकाबला करने की हिदायत दी।
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने यहां पार्टी मुख्यालय पर एकत्र पार्टी के नवनिर्वाचित स्थानीय निकाय अध्यक्षों, सभासदों और प्रमुख नेताओं को सम्बोधित करते हुए जोर देकर कहा, बीजेपी की कोई भी ताकत वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता के सामने टिक नहीं सकती है। बीजेपी कायरों की जमात है, वह अपनी कायरता के बचाव में पुलिस-प्रशासन का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन जनता की ताकत से कोई बड़ा नहीं है। सपा प्रमुख ने कहा,बीजेपी सत्ता के दुरुपयोग और बेईमानी से चुनाव परिणाम अपने पक्ष में करने की साजिश तो रच सकती है, मगर समाजवादियों की ताकत हर तरह से बीजेपी से ज्यादा है। कार्यकर्ता और नेता अपनी ताकत पहचानें, वे एकजुट होकर बीजेपी का हर स्तर पर मुकाबला करें। बीजेपी ढलान पर है और वह समाज में बिखराव पैदाकर छल, बल से और षड्यंत्र के जरिये लोकतंत्र पर जबरन कब्जा कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता बीजेपी के अन्याय, अत्याचार के खिलाफ एकजुट हो जाएगी तो उसके सामने 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी टिक नहीं पाएगी। अगले लोकसभा चुनाव में जनता बीजेपी को उसके अहंकार, भ्रष्टाचार और झूठे वादों का करारा जवाब देगी। बीजेपी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों से अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी है, किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई, किसानों को फसलों का लागत मूल्य भी नहीं मिल पाया है। नौजवानों का भविष्य अंधेरे में है, बीजेपी पूंजीपतियों की हितैषी और गरीब विरोधी है, महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार चरम पर है, चारों तरफ अराजकता है।

एमएलसी चुनाव की राह आसान नहीं

लखनऊ। विधान परिषद की दो सीटों के उपचुनाव के लिए भाजपा के बाद सपा प्रत्याशियों ने भी बृहस्पतिवार को नामांकन कर दिया। इससे निर्विरोध नजर आ रहे उपचुनाव में मतदान तय हो गया है। संख्या बल के हिसाब से जीत की कोई गुंजाइश न नजर आने के बावजूद सपा की दावेदारी से यह उपचुनाव कई मायने में महत्वपूर्ण हो गया है। परिषद के सदस्यों का चुनाव विधानसभा के सदस्य करेंगे। सभी सदस्य दोनों ही सीटों के लिए अलग-अलग वोट करेंगे। इस तरह से हार-जीत का फैसला बहुमत से होगा। विधानसभा के 403 सदस्यीय सदन में प्रत्येक सीट के लिए मतदान में पड़े मतों में आधे से एक अधिक वोट जीत के लिए चाहिए। सभी वोट पडऩे पर जीत के लिए 202 वोट जरूरी होंगे। सत्ताधारी भाजपा व सहयोगी दलों को मिलाकर 274 सदस्य हैं। यह संख्या जीत के लिए आवश्यक मतों से बहुत ज्यादा है। इसके बावजूद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने प्रत्याशी उतार दिए। बताया जा रहा है कि सपा ने रणनीति के तहत पूर्वांचल के मऊ से अति पिछड़ा वर्ग से रामजतन राजभर और कौशांबी से अनुसूचित जाति के रामकरन निर्मल को प्रत्याशी बनाया है। रामजतन एमएलसी रह चुके हैं और निर्मल लोहिया वाहिनी के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष हैं। भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं को महत्व देते हुए रणनीति के तहत पार्टी पदाधिकारियों को मौका दिया है। दोनों ही प्रदेश संगठन में उपाध्यक्ष हैं। अवध के बहराइच से पदमसेन चौधरी पिछड़ा वर्ग के कुर्मी समाज व बुंदेलखंड के कानपुर निवासी मानवेंद्र सिंह क्षत्रिय समाज से हैं।

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