भाजपा की कुनीतियों ने प्रदेश को कर दिया बर्बाद: अखिलेश यादव

नफरत की राजनीति कर रही भाजपा

बेची जा रही सरकारी संपत्तियां, आसमान पर पहुंची महंगाई
किसानों पर हो रहा अत्याचार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा प्रोपगंडा की मास्टर है। एक झूठ ऊपर से बोला जाता है और वही नीचे तक चलता है। उसकी भेदभाव और नफरत की राजनीति से सभीनाराज हैं। हर स्तर पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। भाजपा सरकार में किसानों के धान की लूट हो रही है। बड़े पैमाने पर बेरोजगारी है। सरकारी संपत्तियां बेची जा रही है। महंगाई बढ़ी है। भाजपा के खिलाफ जनता में भारी आक्रोश है। समाजवादी साइकिल ही अब उत्तर प्रदेश को विकास के रास्ते पर ले जाएगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के गलत फैसलों से अर्थव्यवस्था की हालत खराब हो गई है। नोटबंदी के दौरान लोगों को अपने पैसों के लिए लाठियां खानी पड़ी। अपमानित होना पड़ा। लोगों की जानें चली गई। नोटबंदी करते समय भाजपा सरकार ने भरोसा दिलाया था कि काला धन आएगा, भ्रष्टाचार खत्म होगा। भाजपा सरकार बताए कि काला धन लेकर कौन चला गया? भाजपा सरकार ने सभी संस्थाओं को नष्ट कर दिया है। भाजपा ने यूपी को बर्बाद कर दिया। आज किसान व्यापारी, नौजवान, छात्र आत्महत्या करने पर विवश है। भाजपा सरकार ने नोटबंदी बड़े लोगों और उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने, जनता को परेशान करने और अपनी तानाशाही जताने के लिए किया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार के रहते किसानों को न्याय नहीं मिलेगा। हर वर्ग भाजपा से परेशान है। उत्तर प्रदेश सरकार पर आज किसी को भरोसा नहीं है। मुख्यमंत्री को अपना काम बताना चाहिए। यह सरकार अभी तक समाजवादी सरकार के कार्यों का ही उद्घाटन कर रही है। मेट्रो सपा सरकार में ही चली। 2022 में बदलाव होना तय है। समाजवादी पार्टी पर जनता का भरोसा है। अगली सरकार समाजवादी पार्टी की ही बनना तय है।

विधायक ने खत्म की भूख हड़ताल

सपा प्रमुख अखिलेश यादव की अपील पर अमेठी के गौरीगंज विधान सभा क्षेत्र के समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह नेे नेता विरोधी दल विधान सभा रामगोविन्द चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, पूर्व मंत्री योगेश प्रताप सिंह तथा एमएलसी सुनील सिंह साजन के हाथों से जूस पीकर अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी। राकेश प्रताप सिंह को लखनऊ में हजरतगंज स्थित जीपीओ पार्क स्थित गांधी प्रतिमा स्थल से जबरन उठाकर पुलिस ने सिविल अस्पताल में भर्ती करा दिया था। वहां भी वे आमरण अनशन पर थे। उनकी दशा निरन्तर बिगड़ रही थी। राकेश प्रताप सिंह ने अपने जनपद की दो मुख्य सड़कों के न बनाए जाने के विरोध में लखनऊ में धरना -प्रदर्शन शुरू किया था। भाजपा सरकार में सुनवाई न होने पर वे आमरण अनशन पर बैठ गए थे।

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