अतीक के करीबियों पर मुसीबत: पत्नी को बसपा नहीं बनाएगी प्रत्याशी, वकील का बार ने किय पंजीकरण रद
प्रयागराज। उमेश पाल अपहरण मामले में प्रयागराज कोर्ट ने अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अतीक को सजा सुनाए जाने के बाद उसके करीबियों की मुश्किलें भी बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। अतीक के साथ उम्रकैद की सजा पाने वाले खान सौलत को यूपी बार काउंसिल की तरफ से एक झटका लगा है। यूपी बार काउंसिल ने वकील खान सौलत हनीफ का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया है। बता दें कि इस मामले में अतीक अहमद, अशरफ, खान सौलत हनीफ, मल्ली, दिनेश पासी, इसरार, जावेद, एजाज अख्तर, आबिद प्रधान और फरहान आरोपी थे।
कोर्ट ने इस मामले में अतीक अहमद, खान सौलत हनीफ और दिनेश पासी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने तीनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। खान सौलत हनीफ अतीक अहमद का वकील था। बता दें कि 1 मार्च को हनीफ ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दाखिल की थी। जिसमें अतीक ने आरोप लगाया था कि यूपी पुलिस अतीक का फेक एनकाउंटर भी कर सकती है, इसलिए उसने याचिका में अपील की थी कि अतीक को सेंट्रल फोर्स की सुरक्षा में ही उत्तर प्रदेश लाया जाए।
अतीक अहमद को सजा मिलने के बाद बहुजन समाज पार्टी ने उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन के सिर से अपना हाथ खींच लिया है। उमेश पाल की हत्या से पहले पार्टी ने शाइस्ता परवीन को अपना मेयर पद का प्रत्याशी बनाया था, लेकिन अब पार्टी ने अपना फैसला बदलते हुए प्रत्याशी भी बदल दिया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रयागरात की मेयर सीट चाहे आरक्षित हो या नहीं, लेकिन पार्टी शाइस्ता को इस पद पर अपना प्रत्याक्षी नहीं बनाएगी। अब मेयर पद के लिए बसपा से शाइस्ता की जगह कोई और प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरेगा।
हालांकि बसपा ने अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है, कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही पार्टी इसे लेकर घोषणा कर देगी। बता दें कि शाइस्ता परवीन और उनका छोटा बेटा लंबे समय से फरार चल रहे है, पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही है।