नगर निकाय चुनाव में ’दम‘ के सहारे बसपा

मायावती ने बड़ी तादाद में उतारे मुस्लिम प्रत्याशी

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बसपा ने सभी नगर निगमों में मेयर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। बसपा प्रमुख मायावती ने जिस तरह से 11 मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है, उससे उनका राजनीतिक संदेश बेहद साफ है। वह दलित(द) व मुस्लिमों (म)के सहारे नगर निकायों में काबहज होने की कोशिश में जुटी हैं।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो उनके ऐसा करने की बड़ी वजह, मुस्लिम वोटरों को अपने पाले में लाना है। जो पिछले विधान सभा चुनाव में उनसे छिटक गया था जबकि अगर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बसपा को बेहतर प्रदर्शन करना है तो उन्हें इस वोटबैंक की दरकार है। बसपा का कोर वोट बैंक दलित-मुस्लिम गठजोड़ ही रहा है। जब-जब दोनों वर्ग ने बसपा के पक्ष में वोट किया तो उसे बड़ा राजनीतिक लाभ मिला। हालांकि अगर पिछले विधानसभा चुनाव को देखें तो मुस्लिम वर्ग पूरी तरह से सपा के साथ हो गया था। इसका सपा को बड़े पैमाने पर लाभ भी मिला था। जबकि बसपा केवल एक सीट पर ही सिमट गई थी।

अखिलेश की उहापोह से भी मिला लाभ
विधान सभा चुनाव में मुस्लिमों का एक तरफ वोट आने की वजह से सपा को अच्छा फायदा हुआ था। मुख्य विपक्षी दल के तौर पर वह अपनी मजबूत स्थिति पाने में सफल रही थी। हालांकि चुनाव बाद अखिलेश यादव मुस्लिमों के मसले पर कुछ अलग-थलग दिखाई देने लगे थे। जबकि मायावती ने परिणाम के बाद से ही मुस्लिमों के मामले उठाने शुरू कर दिए थे। राजनीतिक जानकारों की मानें तो इसका लाभ भी मायावती को मिला और जबकि अब उन्होंने बड़ी संख्या में मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं तो वह फिर से मुस्लिम-दलित गठजोड़ तैयार करने में सफल हो सकती हैं।

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