कनाडा पुलिस का बड़ा आरोप, लॉरेन्स बिश्नोई गैंग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं भारतीय एजेन्ट
नई दिल्ली। भारत और कनाडा के बीच ताजा राजनयिक गतिरोध के बीच, कनाडा पुलिस ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार के एजेंट कनाडा की धरती पर आतंक फैलाने के लिए लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस की सहायक आयुक्त ब्रिगिट गौविन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, भारत दक्षिण एशियाई समुदाय को निशाना बना रहा है, लेकिन वे विशेष रूप से कनाडा में खालिस्तानी समर्थक तत्वों को निशाना बना रहे हैं… आरसीएमपी के नजरिए से हमने देखा है कि वे संगठित अपराध तत्वों का इस्तेमाल करते हैं। इसे सार्वजनिक रूप से एक संगठित अपराध समूह – बिश्नोई समूह द्वारा जिम्मेदार ठहराया गया है और इसका दावा किया गया है… हमारा मानना है कि यह समूह भारत सरकार के एजेंटों से जुड़ा हुआ है।
ये आरोप ऐसे समय में सामने आए हैं जब लॉरेंस बिश्नोई गिरोह महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या में कथित संलिप्तता के लिए भारत में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की नजर में है। गिरोह ने अभिनेता सलमान खान को कई धमकी भरे संदेश भेजे हैं और पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में भी शामिल था। गौरतलब है कि 31 वर्षीय बिश्नोई पंजाब का एक गैंगस्टर है और वर्तमान में अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल में बंद है। कनाडा पुलिस ने एक बयान में कहा, टीम को भारत सरकार के एजेंटों द्वारा संचालित आपराधिक गतिविधियों की व्यापकता और गहराई तथा कनाडाई नागरिकों और कनाडा में रहने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए उत्पन्न खतरों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।
इसने कहा कि कानून प्रवर्तन कार्रवाई के बावजूद, नुकसान जारी है। पुलिस के बयान में कहा गया है, हम एक ऐसे बिंदु पर पहुँच गए हैं जहाँ हमें लगा कि भारत सरकार से बात करना और हमारी जाँच के माध्यम से सामने आए कुछ बहुत गंभीर निष्कर्षों के बारे में जनता को सूचित करना ज़रूरी है। कनाडा में हिंसक चरमपंथ का खतरा है जिस पर कनाडा और भारत पिछले कई सालों से काम कर रहे हैं। हालाँकि, ये खतरे कनाडा और भारत की सहयोग करने की क्षमता को प्रभावित कर रहे हैं।
खालिस्तान समर्थक सिख कट्टरपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच को लेकर बढ़ते विवाद के बीच विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कार्यवाहक उच्चायुक्त स्टीवर्ट रॉस व्हीलर सहित छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करने की घोषणा की। राजनयिकों को 19 अक्टूबर (शनिवार) रात 11:59 बजे तक या उससे पहले भारत छोडऩे के लिए कहा गया है।