जातिगत जनगणना से खुलेगा तरक्की का रास्ता

सपा प्रमुख अखिलेश ने की नीतीश-तेजस्वी की प्रशंसा, मोदी सरकार से की पूरे देश में कराने की मांग

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बिहार सरकार ने सोमवार को जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी। अब जबसे बिहार सरकार ने जातीय जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक किए हैं तबसे देश की राजनीति में एक नई बहस छिड़ गई है। क्योंकि जाहिर है कि जातीय जनगणना 2024 के लोकसभा चुनाव में भी खेला कर सकती है। यही वजह है कि इसको लेकर सभी राजनीतिक दलों की अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। एक ओर जहां इंडिया गठबंधन पूरी तरह से जातीय जनगणना के समर्थन में खड़ा हो रहा है, तो वहीं भाजपा ने इस पूरे मसले पर अभी तक चुप्पी साध रखी है।
इस बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर नीतीश-तेजस्वी सरकार की प्रशंसा करते हुए इसे सामाजिक न्याय का गणतीय आधार बताया और कहा कि जातिगत जनगणना देश की तरक्की का रास्ता है। सपा प्रमुख ने कहा कि जातिगत जनगणना 85-15 के संघर्ष का नहीं बल्कि सहयोग का नया रास्ता खोलेगी और जो लोग प्रभुत्वकामी नहीं हैं बल्कि सबके हक के हिमायती हैं, वो इसका समर्थन भी करते हैं और स्वागत भी। पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मोदी सरकार से देश भर में इस तरह की जनगणना कराने की अपील करते हुए कहा कि जो सच में अधिकार दिलवाना चाहते हैं वो जातिगत जनगणना करवाते हैं। भाजपा सरकार राजनीति छोड़े और देशव्यापी जातिगत जनगणना करवाए। उन्होंने इस पहल की तारीफ करते हुए कहा कि जब लोगों को ये मालूम पड़ता है कि वो गिनती में कितने हैं, तब उनके बीच एक आत्मविश्वास भी जागता है और सामाजिक नाइंसाफी के खिलाफ एक सामाजिक चेतना भी, जिससे उनकी एकता बढ़ती है और वो एकजुट होकर अपनी तरक्की के रास्ते में आनेवाली बाधाओं को भी दूर करते हैं, नये रास्ते बनाते हैं। बकौल अखिलेश, सत्ताओं और समाज के परम्परागत ताकतवर लोगों द्वारा किए जा रहे अन्याय का खात्मा भी करते हैं। इससे समाज बराबरी के मार्ग पर चलता है और समेकित रूप से देश का विकास होता है। जातिगत जनगणना देश की तरक्की का रास्ता है। यहां उन्होंने यह भी कहा कि अब ये निश्चित हो गया है कि पीडीए ही भविष्य की राजनीति की दिशा तय करेगा।

बिहार ने देश के सामने पेश की नजीर : तेजस्वी यादव

इधर, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि है। उन्होंने जाति आधारित रिपोर्ट जारी होने के बाद कहा कि कम समय में जाति आधारित सर्वे के आंकड़े एकत्रित एवं उन्हें प्रकाशित कर बिहार आज फिर एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना। दशकों के संघर्ष ने एक मील का पत्थर हासिल किया। इस सर्वेक्षण ने न सिर्फ वर्षों से लंबित जातिगत आंकड़े प्रदान किए हैं बल्कि उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति का भी ठोस संदर्भ दिया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि अब सरकार त्वरित गति से वंचित वर्गों के समग्र विकास एवं हिस्सेदारी को इन आंकड़ों के आलोक में सुनिश्चित करेगी। इतिहास गवाह है भाजपा नेतृत्व ने विभिन्न माध्यमों से कितनी तरह इसमें रुकावट डालने की कोशिश की। बिहार ने देश के समक्ष एक नजीर पेश की है और एक लंबी लकीर खींच दी है। सामाजिक और आर्थिक न्याय की मंजिलों के लिए। आज बिहार में हुआ है कल पूरे देश में करवाने की आवाज उठेगी और वो कल बहुत दूर नहीं है। बिहार ने फिर देश को दिशा दिखाई है और आगे भी दिखाता रहेगी।

आर्थिक स्थिति का भी लगेगा पता : नीतीश कुमार

आंकड़े सार्वजनिक करने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई। नीतीश ने कहा कि जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था। बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी और 2 जून 2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी। इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है। जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है। इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।

जिसकी जितनी संख्या, उसकी हो उतनी हिस्सेदारी: लालू यादव

राष्ट्रीय  जनता दल के सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी जाति आधारित गणना के आंकड़े जारी होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गांधी जयंती पर इस ऐतिहासिक क्षण के हम सब साक्षी बने हैं। भाजपा की अनेकों साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम षड्यंत्र के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे को रिलीज किया। यह आंकडे वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और तरक्की के लिए समग्र योजना बनाने एवं हाशिए के समूहों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए नजीर पेश करेंगे। सरकार को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो। हमारा शुरू से मानना रहा है कि राज्य के संसाधनों पर न्यायसंगत अधिकार सभी वर्गों का हो। केंद्र में 2024 में जब हमारी सरकार बनेगी तब पूरे देश में जातिगत जनगणना करवायेंगे और दलित, मुस्लिम, पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी भाजपा को सत्ता से बेदखल करेंगे।

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