Editorial
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स्वच्छता के दावे की हकीकत
sanjay sharmaसवाल यह है कि कोरोना काल में भी सरकारी तंत्र लोगों की सेहत को लेकर लापरवाह क्यों है? साफ-सफाई…
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महामारी में कम होती पाबंदियों के मायने
sanjay sharmaसवाल यह है कि जब देश में संक्रमण तेजी से फैल रहा है उस समय सरकार पाबंदियों को क्यों…
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सडक़ हादसों पर नियंत्रण कब?
sanjay sharmaसवाल यह है कि प्रदेश में सडक़ हादसों पर अंकुश क्यों नहीं लग पा रहा है? सडक़ सुरक्षा जागरूकता…
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आतंकवाद का बढ़ता दायरा खतरे की घंटी
sanjay sharmaसवाल यह है कि क्या उत्तर प्रदेश में आतंकवादी अपनी जड़ें तेजी से जमा रहे हैं? क्या यूपी के…
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बढ़ते अपराध और पस्त पुलिस
sanjay sharmaसवाल यह है कि ताबड़तोड़ एनकाउंटर के बाद भी अपराधियों के हौसले बुलंद क्यों हैं? क्या बदमाशों के मन…
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अर्थव्यवस्था का बदलता रूप व रोजगार के मौके
sanjay sharmaसवाल यह है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था की जरूरत क्यों पड़ी? क्या यह लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध…
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साइबर क्राइम और पुलिस तंत्र
sanja sharmaप्रदेश में साइबर अपराधों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। ये अपराधी अफसरों को भी निशाना बनाने से बाज…
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कश्मीर पर पाकिस्तान की नई चाल के मायने
sanjay sharmaसवाल यह है कि पाकिस्तान कश्मीर पर रोज नई-नई चालें क्यों चल रहा है? धारा 370 के खात्मे पर…
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रूस की वैक्सीन पर विवाद के निहितार्थ
sanjay sharmaसवाल यह है कि क्या रूस ने तीसरे चरण का ट्रायल किए बिना वैक्सीनेशन का आदेश दे दिया है?…
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बेलगाम अपराध और पुलिस तंत्र
sanjay sharmaसवाल यह है कि ताबड़तोड़ एनकाउंटर के बावजूद बदमाशों के हौसले बुलंद क्यों हैं? क्या अपराधियों के मन में…
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