संयुक्त दीक्षांत समारोह में सीडीएस अनिल चौहान का संदेश, कैडेटों को दी बधाई

हैदराबाद के डुंडीगल स्थित वायु सेना अकादमी में आयोजित संयुक्त दीक्षांत समारोह में सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने स्नातक होने वाले कैडेटों को बधाई दी साथ ही परेड की सलामी भी ली.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: हैदराबाद के डुंडीगल स्थित वायु सेना अकादमी में आयोजित संयुक्त दीक्षांत समारोह में सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने स्नातक होने वाले कैडेटों को बधाई दी साथ ही परेड की सलामी भी ली. अपने संबोधन में चौहान ने कहा कि युद्ध में कोई उपविजेता नहीं होता साथ ही इस बात पर भी प्रकाश डाला कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है.

हैदराबाद के डुंडीगल स्थित वायु सेना अकादमी (एएफए) में संयुक्त दीक्षांत समारोह (सीजीपी) का आयोजन
शनिवार ( 13 दिसंबर 2025) को किया गया. यह भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की फ्लाइंग और ग्राउंड ड्यूटी
शाखाओं के फ्लाइट कैडेट्स के प्री-कमीशनिंग प्रशिक्षण के सफल समापन का प्रतीक था. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
(सीडीएस) जनरल अनिल चौहान परेड के रिव्यूइंग ऑफिसर (आरओ) थे.

इस मौके पर जनरल अनिल चौहान ने 216वें कोर्स के स्नातक फ्लाइट कैडेटों को राष्ट्रपति कमीशन प्रदान किया.
इस दिन कुल 244 फ्लाइट कैडेटों ने दीक्षांत समारोह में भाग लिया, जिनमें 215 पुरुष और 29 महिला कैडेट
शामिल थे. सीडीएस का स्वागत एयर मार्शल तेजिंदर सिंह, एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, ट्रेनिंग कमांड और
एयर मार्शल पी.के. वोहरा, कमांडेंट, एएफए ने किया. परेड द्वारा आरओ को जनरल सैल्यूट दिया गया, जिसके
बाद एक शानदार मार्च पास्ट प्रस्तुत किया गया.

परिवार के सदस्य भी रहे मौजूद
इस अवसर पर भारतीय नौसेना के 6 अधिकारियों, भारतीय तटरक्षक बल के 8 अधिकारियों और वियतनाम समाजवादी गणराज्य के 2 प्रशिक्षुओं को उड़ान प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने पर ‘विंग्स’ से सम्मानित किया गया. नेविगेशन प्रशिक्षण पूरा करने पर 5 अधिकारियों को ‘ब्रेवेट’ प्रदान किए गए. स्नातक होने वाले अधिकारियों के परिवार के सदस्य भी समारोह में उपस्थित थे.

परेड का मुख्य आकर्षण ‘कमीशनिंग समारोह’
परेड का मुख्य आकर्षण ‘कमीशनिंग समारोह’ था, जिसमें स्नातक कैडेटों को आरओ द्वारा फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में कमीशन दिया गया. स्नातक अधिकारियों को शपथ दिलाई गई, जिसमें उन्होंने देश की संप्रभुता और सम्मान की रक्षा करने का संकल्प लिया. स्नातक परेड के दौरान पिलाटस पीसी-7, हॉक, किरण और चेतक विमानों द्वारा सुव्यवस्थित और समन्वित फ्लाईपास्ट प्रस्तुत किया गया. आकाश गंगा टीम और एयर वॉरियर ड्रिल टीम (एडब्ल्यूडीटी) के रोमांचक प्रदर्शन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

CDS जनरल अनिल चौहान ने किया सम्मानित
विभिन्न प्रशिक्षण विषयों में उनके असाधारण प्रदर्शन को मान्यता देते हुए, आरओ ने फ्लाइंग शाखा के फ्लाइंग ऑफिसर तनिष्क अग्रवाल को पायलट कोर्स में समग्र योग्यता क्रम में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए प्रतिष्ठित ‘राष्ट्रपति पट्टिका’ और ‘नवानगर सम्मान तलवार’ से सम्मानित किया.फ्लाइंग ऑफिसर सक्षम डोबरियाल को नेविगेशन स्ट्रीम में समग्र योग्यता क्रम में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए ‘राष्ट्रपति पट्टिका’ से सम्मानित किया गया. वहीं फ्लाइंग ऑफिसर नितेश कुमार को ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं में समग्र योग्यता क्रम में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए ‘राष्ट्रपति पट्टिका’ से सम्मानित किया गया.

अनिल चौहान ने दी बधाई
रेड को संबोधित करते हुए, आरओ जनरल अनिल चौहान ने नवनियुक्त अधिकारियों की बेदाग वर्दी, सटीक ड्रिल
गतिविधियों और परेड के उच्चतम मानकों के पालन की सराहना की. उन्होंने स्नातक होने वाले अधिकारियों को सेना में शामिल होने और मातृभूमि की सेवा करने के लिए बधाई दी. उन्होंने अधिकारियों से अहंकार और अज्ञानता से दूर रहने और सिद्धांतों के मामले में दृढ़ रहने का आग्रह किया.

‘युद्धों में कोई उपविजेता नहीं होता’
इस अवसर पर सीडीएस जनरल चौहान ने फ्लाइट कैडेट्स को अपने संदेश में इस बात पर जोर दिया कि युद्धों में कोई उपविजेता नहीं होता और साथ ही इस बात पर भी प्रकाश डाला कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है. गलती की गुंजाइश न के बराबर है, और लापरवाही का खामियाजा भुगतना ही पड़ेगा. उन्होंने कहा कि आप ऐसे समय में वायुसेना में शामिल हो रहे हैं जब एक नया सामान्य स्वरूप मजबूती से स्थापित हो चुका है, एक ऐसा युग जो उच्च स्तर की परिचालन तत्परता द्वारा परिभाषित है.

उन्होंने कहा कि अभियानों की तीव्रता भले ही कम हो गई हो, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर जारी है. हमारी ताकत हर घंटे,
हर दिन सतर्क, चुस्त और तैयार रहने की क्षमता में निहित होगी. उन्होंने कहा कि जीत को आदत बनाना इस नए
सामान्य स्वरूप का हिस्सा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि युद्ध बयानबाजी से नहीं, बल्कि उद्देश्यपूर्ण कार्रवाई से जीते
जाते हैं.

अधिकारियों को किया प्रोत्साहित
सीडीएस जनरल चौहान ने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर, जो भारतीय वायु सेना की अद्वितीय व्यावसायिकता का प्रमाण है, एक निरंतर प्रक्रिया है जिसे जय वायु सेना (JAI) द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि संयुक्तता, आत्मनिर्भरता और नवाचार ही जय वायु सेना के मूल सिद्धांत हैं और यही भारत की युद्ध शक्ति के भविष्य को आकार देंगे. उन्होंने अधिकारियों को साहसपूर्वक सेवा करने और निडरता से नेतृत्व करने के लिए प्रोत्साहित किया.

परेड का समापन नवनियुक्त अधिकारियों के दो स्तंभों में धीमी गति से मार्च करने के साथ हुआ, जो युद्ध मार्च की धुनों की गूंजती हुई धुनों पर आधारित था. एक विशेष भावुक क्षण तब आया जब वायु सेना प्रमुख (सीएएस) एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने उनके ऊपर तीन विमानों का किरण फॉर्मेशन उड़ाया और उसका नेतृत्व किया, जबकि उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें सलामी दी.सारंग हेलीकॉप्टर डिस्प्ले टीम और सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम (SKAT) द्वारा एक आकर्षक समकालिक उड़ान प्रदर्शन सीजीपी के भव्य समापन का हिस्सा था.

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