चंद्रबाबू नायडू ने पीवी नरसिंह राव को दी श्रद्धांजलि, कहा – “भारत के देंग शियाओपिंग”
मुख्यमंत्री नायडू ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव को हिंदी समेत 19 भाषाओं का ज्ञान था।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: देशभर में भाषा विवाद को लेकर जारी बहस के बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू का बड़ा बयान सामने आया है।
मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी बहुभाषिक क्षमता, राजनीतिक कुशलता और आर्थिक सुधारों में भूमिका की सराहना की।मुख्यमंत्री नायडू ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव को हिंदी समेत 19 भाषाओं का ज्ञान था। वे न सिर्फ एक अद्भुत प्रशासक थे, बल्कि एक असाधारण दूरदर्शी नेता भी थे, जिन्होंने 1991 में भारत के आर्थिक सुधारों की नींव रखी।” उन्होंने राव की तुलना चीन के प्रसिद्ध सुधारवादी नेता से करते हुए कहा, “नरसिंह राव भारत के देंग शियाओपिंग थे। उन्होंने देश को आर्थिक प्रगति की दिशा में अग्रसर किया।”
इस कार्यक्रम में चंद्रबाबू नायडू ने तमिलनाडु और महाराष्ट्र में हाल ही में उभरे हिंदी भाषा विवाद का भी परोक्ष रूप से जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राव की बहुभाषिकता और भाषायी समावेशन की नीति आज के समय में अनुकरणीय है।बता दें कि हाल के दिनों में तमिलनाडु और महाराष्ट्र में हिंदी को लेकर राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री का यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जो राष्ट्र की एकता में भाषाओं की भूमिका को रेखांकित करता है।
नरसिंह राव का जीवन और विरासत विषय पर व्याख्यान देते हुए नायडू ने उन्हें एक महान राजनेता और दूरदर्शी व्यक्ति के रूप में याद किया, जिन पर तेलुगु समुदाय को गर्व है. उन्होंने तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में हिंदी थोपे जाने के आरोपों पर कटाक्ष करते हुए कहा, “अब हम पूछ रहे हैं – हमें हिंदी क्यों सीखनी चाहिए?”
नरसिंह राव थे देंग शियाओपिंग
‘पूर्व प्रधानमंत्री श्री पीवी. नरसिम्हा राव का जीवन और विरासत’ विषय पर एक व्याख्यान के दौरान, नायडू ने उन्हें एक “महान राजनेता” और “दूरदर्शी” बताया. उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत का भविष्य बदल दिया. सीएम ने कहा कि स्वतंत्र भारत दो चरणों में विभाजित है. आर्थिक सुधारों से पहले का और उसके बाद का. नायडू ने 1991 के आर्थिक संकट को याद करते हुए आर्थिक सुधारों का श्रेय राव को दिया और उन्हें “भारत माता के महानतम सपूतों में से एक बताया है.
पी वी नरसिम्हा राव भारत के देंग शियाओपिंग थे. उन्होंने 1991 में अर्थव्यवस्था के खुलेपन की तुलना 1978 में देंग द्वारा चीनी अर्थव्यवस्था में किए गए बदलाव से की. नायडू ने कहा, “उन्होंने भारत का भविष्य बदल दिया और आज हम उनके सुधारों का फल भोग रहे हैं.
अल्पमत में रहने के बाद भी किया शानदार काम
सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि राव उस समय अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे थे. इसके बाद भी, अपनी राजनीतिक सूझबूझ के कारण वे विभिन्न दलों और विचारधाराओं के बीच आम सहमति बनाने में सफल रहे. यह उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि थी. नायडू ने कहा कि 1991 के आर्थिक सुधारों के कारण ही 1989 और 2014 के बीच गठबंधन सरकारें होने के बावजूद, “परिणाम पिछले दशकों में बहुमत वाली सरकारों की तुलना में बेहतर रहे हैं.
नायडू ने कहा कि पूर्व पीएम राव की तरफ से किए गए सुधारों के बाद, अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान बुनियादी अवसंरचना के निर्माण पर काम किया. नायडू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी सराहना की और भारत की आर्थिक वृद्धि का श्रेय उन्हें दिया.



