‘खिचड़ी चोर’ पर मचा घमासान, भाजपा हुई परेशान !

देश में लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर है... सभी दल चुनाव प्रचार की तैयारियों में जुटे हुए है.... और जगह-जगह चुनावी जनसभाएं कर रहे है....

4पीएम न्यूज नेटवर्कः देश में लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर है… सभी दल चुनाव प्रचार की तैयारियों में जुटे हुए है…. और जगह-जगह चुनावी जनसभाएं कर रहे है…. और अपने पार्टी की जीत के लिए कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ रहें है… इसी कड़ी में महाराष्ट्र की सियासत में एक नय़ा मुद्दा निकलकर सामने आ रहा रहा है… जिसकी महाराष्ट्र की राजनीति में खूब चर्चा हो रही है…. बता दें हाल ही में बीजेपी में शामिल गुए संजय निरूपम ने महाराष्ट्र की सियासत में एक नया ट्विस्ट ला दिया है… वहीं महाराष्ट्र की सियासत में लोकसभा चुनाव से पहले कथित ‘खिचड़ी घोटाले’ की खूब चर्चा हो रही है…. जिसको लेकर सत्ताधारी पार्टी विपक्ष पर जमकर हमलावर है…. बता दें कि खिचड़ी घोटाले की चर्चा इन दिनों महाराष्ट्र की जाजनीति में छाई हुई है…. जिसको लेकर सत्तापक्ष को विपक्ष को घेरने के लिए एक मौका मिल गया है…. लोकसभा चुनाव से पहले ऐसे तमाम मुद्दे सामने आते है… वहीं चुनाव के बाद सरकार बनते ही सभी मुद्दे शांत हो जाते हैं…. वहीं मौजूदा बीजेपी सरकार विपक्ष को घेरने के लिए रोज नए- नए मुद्दे की खोज में जुटी हुई है… जिससे वह विपक्ष को घेरने में सफल हो सके…. वहीं बीजेपी की मनसूबे को जनता समझ चुकी है… जिसको देखते हुए बीजेपी लोकसभा चुनाव को लेकर डरी हुई है…. और विपक्ष को छोटी-छोटी बातों को लेकर घेरने का काम कर रही है…. वहीं विपक्ष की मजबूती को देख बीजेपी डरी हुई है….

संजय निरूपम संजय राउत पर बोला हमला

बता दें कि सत्ताधारी पार्टी से लेकर विपक्षी नेता तक इस कथित घोटाले को लेकर एक दूसरे पर जमकर हमला कर रहे हैं…. वहीं इस मामले की गूंज तब सुनाई दी… जब निष्कासित कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए शिवसेना (यूबीटी) पर निशाना साधा… और उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने जिस अमोल कीर्तिकर को मुंबई उत्तर पश्चिम सीट सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है…. वह ‘खिचड़ी चोर’ हैं…..

‘अमोल कीर्तिकर से एड ने पूछताछ की’ 

आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने शिवसेना (यूबीटी) नेता अमोल कीर्तिकर से कोविड महामारी के दौरान BMC द्वारा खिचड़ी वितरण में कथित अनियमितताओं के संबंध में पूछताछ भी की थी…. वहीं कथित घोटाले में उनकी भूमिका की जांच करते हुए…. जांच एजेंसी के अधिकारियों ने अपने मुंबई कार्यालय में कीर्तिकर से लगभग आठ घंटे तक पूछताछ की…. इस कथित घोटाले के दौरान अमोल कीर्तिकर के बैंक खाते में लेनदेन हुआ था…. जहां उन्होंने कथित तौर पर खिचड़ी ठेका फर्म से 1 करोड़ 65 लाख रुपये प्राप्त किए थे….

खिचड़ी वितरण योजना से आया ‘खिचड़ी घोटाला’ का नाम

गौरतलब है कि ‘खिचड़ी घोटाला’ नाम खिचड़ी वितरण योजना से आया है…. जिसे बीएमसी द्वारा कोविड लॉकडाउन के दौरान (अप्रैल 2020) में जरूरतमंद दिहाड़ी मजदूरों…. और गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया गया था…. वहीं लॉकडाउन के दौरान इन मजदूरों और गरीबों के पास पास भोजन प्राप्त करने के लिए कोई काम या अन्य साधन नहीं था…. इसलिए इन्हें बीएमसी द्वारा खिचड़ी उपलब्ध कराई गई…. जिसको बांटने को लेकर कुछ अनियमितताएं देखने को मिली थी…. जिसको लेकर संजय निरूपम विपक्ष पर हमलावर हैं….

‘खाते में ट्रांसफर हुई 8 करोड़ की राशि’

जानकारी के अनुसार खिचड़ी बनाने का ठेका देने के लिए यह शर्त रखी गई… कि जो पांच हजार से फूड पैकेट बना सकता है…. उसे ही यह ठेका दिया जा सकता है…. इसके अलावा यह तय किया गया कि एनजीओ, चैरिटेबल संस्थाओं और कम्युनिटी किचन को ठेका दिया जाएगा… और इसके लिए उन्हें लाइसेंस दिया जाएगा…. जिसके बाद में यह बात सामने निकलकर कि नियमों को ताक पर रखकर ठेका दिया गया…. और बकायदा रिश्वत तक ली गई…. वहीं जांच एजेंसी ने बताया कि खिचड़ी पैकेट की आपूर्ति के लिए बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) द्वारा ‘फोर्स वन मल्टी सर्विसेज’ (जिसके पास ‘खिचड़ी’ का ठेका गया था) के बैंक खाते में 8 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की गई थी….

‘मजदूरों को दी गई 125 ग्राम खिचड़ी’

इसके अलावा यह बात भी सामने निकलकर आई की मजदूरों को जो 250 ग्राम खिचड़ी दी जानी थी… वह केवल 125 ग्राम ही दी गई…. यानी खिचड़ी बांटने में भी घोटाला हुआ… जिसको लेकर अब चुनाव के समय में ऐसे मुद्दे निकलकर सामने आ रहे है… जिसको लेकर सत्तापक्ष विपक्ष को घेरने की कोशिश में जुटा हुआ है…. इसका मुख्य कारण है कि चुनवा के समय में जनता को गुमराह करके उसके असल मुद्दे का भटका दिया जाए…. जिससे बीजेपी को चुनाव जीतने के लिए राह आसान हो जाए….

‘भाजपा नेता किरीट सोमैया ने मामले में व्हिसलब्लोअर हैं’

वहीं भाजपा नेता किरीट सोमैया ने इस मामले में व्हिसलब्लोअर हैं…. जिन्होंने शुरू में एक मामला दर्ज करवाया था… और इसकी जांच मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने की थी…. बता दें कि शिकायत में 2020 में कोविड महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में बृहन्मुंबई नगर निगम द्वारा कुछ ठेकेदारों को खिचड़ी के ठेके देने में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था….

‘खिचड़ी की आपूर्ति के लिए ठेकेदारों से धन मिला’

भाजपा नेता किरीट सोमैया द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार, सेना यूबीटी नेता संजय राउत के भाई और बेटी को भी लॉकडाउन अवधि के दौरान खिचड़ी की आपूर्ति के लिए ठेकेदारों से धन मिला…. जिसके बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने मामले में संजय राउत का बयान दर्ज किया…. और इस मामले के आरोपी  अमोल कीर्तिकर ने कहा कि शुरुआती एफआईआर में उनका नाम नहीं था… और उन्होंने कहा कि कुछ लेनदेन हुए थे…. लेकिन उनका किसी आपराधिक कृत्य से कोई संबंध नहीं था…. आपको बता दें कि सोमवार को ईडी कार्यालय छोड़ने के बाद कीर्तिकर ने कहा कि ‘मैंने एजेंसी के अधिकारियों के साथ सहयोग किया है… और उनके सवालों का जवाब दिया है…. और उन्होंने मुझे दोबारा नहीं बुलाया है…. लेकिन जब भी मुझे बुलाया जाएगा मैं सहयोग करूंगा…..

‘सुजीत पाटकर सहित कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज’

आपको बता दें कि सितंबर 2023 में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के सहयोगी सुजीत पाटकर सहित कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की…. वहीं अन्य आरोपियों में सुनील उर्फ बाला कदम, सह्याद्री रिफ्रेशमेंट के राजीव सालुंखे के साथ फोर्स वन मल्टी सर्विसेज और स्नेहा कैटरर्स के कुछ कर्मचारी और साझेदार शामिल थे…. मामले में तत्कालीन सहायक नगर आयुक्त (योजना) और BMC अधिकारियों पर भी मामला दर्ज किया गया था…. बता दें कि आर्थिक अपराध शाखा में केस दर्ज होने के बाद केन्द्रीय जांच एजेंसी ED ने भी कथित घोटाले के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया….

‘अनुबंधों को प्रभावित किया और रिश्वत प्राप्त की’

आपको बता दें कि किरीट सोमैया ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि बीएमसी ने कुछ नेताओं के करीबी विक्रेताओं को भोजन पैकेट वितरण का ठेका दे दिया था…. वहीं एफआईआर के अनुसार, शिवसेना यूबीटी नेता सूरज चव्हाण… और अमोल कीर्तिकर ही थे… जिन्होंने कथित तौर पर अनुबंधों को प्रभावित किया और रिश्वत प्राप्त की…..  जानकारी के अनुसार सूरज चव्हाण आदित्य ठाकरे का करीबी है… सूरज को जनवरी में ईडी ने गिरफ्तार किया था… और उनके खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया गया है…. चव्हाण को कथित तौर पर एक ठेकेदार से 1.35 करोड़ रुपये मिले थे… जिसे उन्होंने परामर्श शुल्क के रूप में दिखाने की कोशिश की थी…. सूरज चव्हाण ने ईडी अधिकारियों को बताया था कि लॉकडाउन के दौरान जिस फर्म को भोजन के पैकेट वितरित करने का ठेका दिया गया था…. उस फर्म को उन्होंने ही मेनपावर मुहैया करवाई थी…. जिसके बाद में पता चला कि सूरज च्वहाण ने फर्म के साथ मैनपावर मुहैया करवाने के अनुबंध संबंधी दस्तावेज ईडी के समन मिलने के बाद बनाए गए थे… और इन्हें बैकडेट में तैयार करवाया गया…. वहीं ठेका फर्म के मालिक और चव्हाण बीच हुई… वहीं बातचीत का भी पता लगाया गया…. जहां फर्म का मालिक चव्हाण से पूछ रहा था कि अनुबंध की प्रति में कौन सी तारीखें डालनी हैं और क्या-क्या लिखना है….

संजय निरुपम ने खिचड़ी घोटाले के बारे में किए कई दावे

बता दें कि कांग्रेस छोड़कर BJP में गए संजय निरुपम ने खिचड़ी घोटाले के बारे में कई दावे किए हैं…. और उन्होंने इस घोटाले का किंगपिन संजय राउत को बताया है… और उन्होंने कहा राऊत ने अपनी बेटी, भाई और पार्टनर के नाम पर पैसे लिए हैं… वहीं उन्होंने कहा कि, इस खिचड़ी घोटाले का असली सरगना शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राऊत है…. जिसको लेकर बड़ा खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि, सह्याद्रि जलपान को खिचड़ी वितरण के लिए 6 करोड़ रुपए का ठेका मिला जिसके लिए राउत के रिश्तेदारों ने 1 करोड़ रुपए का कमीशन लिया….

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