मुख्यमंत्री का अपने ही जिले के अपराधों पर नियंत्रण नहीं : अखिलेश

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दावों पर सवाल उठाया है। साथ ही कानून व्यवस्था को लेकर अखिलेश ने सीएम योगी को घेरा है। अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था में सुधार और बेटियों की सुरक्षा के दावे किए गए थे लेकिन हकीकत में सभी दावे निराधार पाए गए हैं। विडंबना यह है कि अपराध मुक्त प्रदेश का दावा करने वाले मुख्यमंत्री अपने ही जिले में हो रहे अपराधों को नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने गोरखपुर में घटी कुछ हालिया घटनाओं का जिक्र भी किया। सवाल उठाया कि अपराधी तत्वों पर नियंत्रण कौन करेगा जब सत्ता से ही उन्हें संरक्षण मिल रहा हो। सपा प्रमुख ने कहा कि केवल कानून व्यवस्था ही नहीं हर क्षेत्र में भाजपा सरकार में गिरावट नजर आती है। गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कालेज खुद बीमार हो गया है। पिछले करीब डेढ़ साल से मेडिकल कालेज में लगी तीन लिफ्ट बंद पड़ी हैं। बीमार लोग यहां की अव्यवस्थाओं से परेशान हैं। कहा, उत्तर प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर अत्याचार की सभी हदें पार हो गई है। उधर, पूर्व जेल में बंद सपा विधायक रमाकांत यादव से मिलने के बाद भाजपा और बसपा अखिलेश यादव पर हमलावर हो गए हैं। मायावती ने सपा को अपराधियों को संरक्षण देने वाली पार्टी बताया। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी अखिलेश पर हमला बोलते हुए कहा कि सपा की अपराधियों-गुडों से दोस्ती है। ब्रजेश पाठक ने ट्वीट कर तंज कसा कि सपा की अपराधियों-गुंडों से दोस्ती फिर उजागर हुई है। अखिलेश यादव अपने वास्तविक चरित्र व सपा की मूल प्रवृत्ति की विवशता के कारण अपराधियों से दोस्ताना नहीं छोड़ पा रहे। रामकांत यादव से जेल में उनके द्वारा की गई मुलाकात यह साबित करता है कि वह अपराधियों के प्रति अपना मोह नहीं छोड़ पा रहे। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अखिलेश अपराधियों के बल पर ही राजनीति करना चाहते हैं। प्रदेश की जनता पहले ही गुंडा, माफिया व अपराधियों की पार्टी को नकार चुकी है।

ट्रांसफर पोस्टिंंग की वजह से भाजपा के विधायक नाराज : नारद राय

बलिया। जिले से सियासी बयानबाजी का जो दौर शुरू हुआ है वह अब आपसी वाद विवाद और तंज तक आ गया है। बिहार और महाराष्ट्र के अचानक बदले समीकरणों को देखकर सपा नेताओं के सुर भी बदलने लगे हैं। ताजा मामला बलिया जिले में सपा नेता नारद राय का का है। नारद राय ने बीते दिनों चंदौली जिले में सपा का कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम में सदस्यता अभियान के दौरान प्रदेश में भाजपा सरकार के गिरने की बात कहकर सियासी आरोपों प्रत्यारोपों का दौर शुरू किया था वह अब भी जारी है। उनके बयान पर भाजपा नेता केतकी सिंह ने पलटवार किया है। नारद राय चंदौली जिले में सपा के सदस्यता अभियान के दौरान दावा किया था कि अखिलेश यादव अगर चाहें तो मात्र 15 दिन में प्रदेश में योगी सरकार को गिरा सकते हैं। इसके पक्ष में उन्होंने दावा किया था कि प्रदेश में ट्रांसफर पोस्टिंंग की वजह से भाजपा के डेढ़ सौ विधायक नाराज चल रहे हैं और सपा के पक्ष में हैं। ऐसे में अखिलेश यादव अगर चाह लें तो 15 दिन में भाजपा सरकार गिर जाएगी। इसके बाद से ही उनका बयान पूर्वांचल के सियासी हलकों में तैर रहा है। इस पर बांसडीह विधान सभा क्षेत्र की भाजपा विधायक केतकी सिंह ने सपा सरकार में मंत्री रहे नारद राय के बयान पर हमला बोला है। जिला मुख्यालय पर बुधवार को पत्रकारों से वार्ता के दौरान केतकी ने कहा कि जिस दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाह लेंगे सपा के जीते हुए सभी विधायक भाजपा में आ जाएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस गुमान में नहीं रहें।

राज्य सरकार बताए सरकारी वकीलों की नियुक्ति की प्रक्रिया : हाईकोर्ट

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने हाईकोर्ट में गत एक अगस्त को की गई सरकारी अधिवक्ताओं की नियुक्ति में दखल देने से इनकार कर दिया है। इससे पहले याचिकाकर्ताओं ने स्वयं ही कहा कि वे हालिया सूची के खिलाफ नहीं है। कोर्ट ने आगे किसी प्रकार की सूची जारी करने पर रोक लगाने की याचिकाकर्ताओं की मांग ठुकरा दी है। यह आदेश जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय व जस्टिस श्री प्रकाश सिंह की पीठ ने अधिवक्ता रमा शंकर तिवारी आदि की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि सरकारी अधिवक्ताओं की नियुक्ति में पारदर्शिता होनी चाहिए। कोर्ट ने सुनवाई के बाद राज्य सरकार से कहा कि वह छह हफ्ते में बताए कि सरकारी वकीलों की नियुक्ति की क्या प्रक्रिया है। कोर्ट प्रमुख सचिव विधि को इस केस में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।

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