अध्यक्ष गांधी परिवार से नहीं बना तो टूट सकती है कांग्रेस : प्रमोद तिवारी

जयपुर। कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य और वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने गांधी परिवार से ही पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने की बात कही है। उन्होंने गांधी परिवार के बाहर के व्यक्ति को अध्यक्ष बनाए जाने पर पार्टी में टूट होने की आशंका जताई है। जयपुर स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव कार्यक्रम घोषित हो गया है, जो भी चाहे नामांकन पत्र दाखिल कर सकता है। लेकिन मेरी व्यक्तिगत राय है कि गांधी परिवार को ही पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष गांधी परिवार से बने, क्योंकि ऐसा नहीं होगा तो विखंडन हो सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा निकालने की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि एक आदमी ने इस देश को बहुत सपने दिखाए, लेकिन दो बड़े उद्योगपतियों को छोड़कर किसी के सपने पूरे नहीं हुए। उन्होंने कहा कि भाजपा ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह काम कर रही है। दोनों के बीच बहुत सी समानता है। पैसों के बल और केंद्रीय एजेंसियों के दम पर सरकार गिराने का खेल चल रहा है। आठ साल में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी है। इस बीच राजस्थान युवक कांग्रेस में एक दिन पहले हुई नियुक्ति को लेकर विवाद हो गया है।

राज्य सरकार में युवा बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम लांबा ने नियुक्तियों पर सवाल उठाया है। लांबा ने युवक कांग्रेस के राष्टï्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी को पत्र लिखकर कहा कि जो व्यक्ति संगठन का प्राथमिक सदस्य नहीं है उसे प्रदेश का वरिष्ठ उपाध्यक्ष बना दिया गया है। यह निष्ठावान युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय है। मालूम हो कि गुजरात कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा के पुत्र सागर शर्मा और नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के भांजे दुष्यंत राज सिंह को वरिष्ठ उपाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं सागर ने संगठन में अब तक कोई काम नहीं किया है। वह युवक कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य भी नहीं है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान युवक कांग्रेस के प्रभारी हरपाल सिंह चुड़ासमा ने 14 नियुक्तियां की थी। इनमें चार वरिष्ठ उपाध्यक्ष, नौ उपाध्यक्ष और एक संगठन महामंत्री बनाया गया था।

राजनाथ सिंह व विदेश मंत्री जयशंकर होंगे टोक्यो रवाना

नई दिल्ली। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर 7 से 10 सितंबर 2022 तक दूसरी भारत-जापान 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक के लिए जापान की आधिकारिक यात्रा करेंगे। भारत-जापान 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक कल यानि (बुधवार) से शुरू हो रही है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यात्रा के दौरान दोनों मंत्री अपने समकक्षों के साथ रक्षा मंत्री स्तरीय बैठक और विदेश मंत्रियों की रणनीतिक वार्ता भी करेंगे। इस यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह अपने जापानी समकक्ष यासुकाजू हमदा से मुलाकात करेंगे। जबकि जयशंकर यात्रा के दौरान जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी से मुलाकात करेंगे। भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के सम्मान के साझा मूल्यों पर आधारित है। यात्रा के दौरान भारत और जापान साझेदारी को मजबूत करने के लिए नई पहल की तलाश करेंगे। बता दें कि भारत-जापान 2+2 दोनों देशों के बीच इस तरह की दूसरी बैठक होगी। इससे पहले भारत-जापान विदेश और रक्षा मंत्रिस्तरीय वार्ता (2+2) की उद्घाटन बैठक 30 नवंबर, 2019 को नई दिल्ली में हुई थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जापान के तत्कालीन विदेश मंत्री मोतेगी तोशिमित्सु और जापान के तत्कालीन रक्षा मंत्री कोनो तारो से मुलाकात की थी। इस बैठक के बारे में मंत्रियों ने बताया था कि यह वार्ता द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग की रणनीतिक गहराई को और बढ़ाएगी। चुनौतियों को स्वीकार करते हुए मंत्रियों ने सुरक्षा सहयोग पर 2008 की संयुक्त घोषणा और सुरक्षा सहयोग के लिए 2009 की कार्य योजना के आधार पर द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी।

जौनपुर में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की कार्रवाई

जौनपुर। मेडिकल स्टोर पर जिला अस्पताल की सरकारी दवाइयों के मिलने के मामले में डिप्टी सीएम स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने जिला अस्पताल के तीन फार्मासिस्टों को निलंबित कर दिया है। साथ ही यहां के जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया है। इसकी जानकारी स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने अपने ट्विट कर साझा किया है, जिन फार्मासिस्टों को निलंबित किया गया है उनमें संजय कुमार सिंह, वीरेंद्र मौर्य, अखिलेश उपाध्याय शामिल हैं। बता दें कि जून के महीने में सिद्दीकपुर स्थित एक मेडिकल स्टोर और मकान में भारी मात्रा में मिली दवाइयों पर जिला अस्पताल की मुहर लगी थी। इस मामले में मुकदमा दर्ज कराने के बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट जांच कर रहे थे। उन्होंने अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी थी। रिपोर्ट में जांच अधिकारी ने तीन फार्मासिस्ट के निलंबन की संस्तुति करते हुए जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाया था। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सीएमएस ने अपने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरती। तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को किसी ने सूचना दी थी कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने स्थित आरएम मेडिकल स्टोर संचालक सरकारी अस्पतालों में आपूर्ति की गई दवाओं को नीमहकीम और ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों पर बेचता है। इस कारोबार में स्वास्थ्य विभाग के कई कर्मचारी और अधिकारियों की भी संलिप्तता बताई गई। चार जून को छापा मारकर मेडिकल स्टोर और मकान से लाखों रुपये की सरकारी दवा बरामद किया था। मामले में दो लोगों के खिलाफ सरायख्वाजा थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था।

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