कांग्रेस का पीएफआई और बजरंग दल को बैन करने का वादा

कर्नाटक में जारी किया चुनाव का घोषणापत्र

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बंगलुरू। कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। घोषणापत्र में कांग्रेस ने बजरंग दल की तुलना पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से की है और कहा है कि अगर उन्हें सत्ता पर काबिज होने का अवसर मिला, तो वे इसे बैन करेंगे। कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में गृह ज्योति, गृह लक्ष्मी, अन्न भाग्य, युवा निधि एवं शक्ति की पांच गारंटी दोहराईं। बता दें कि सोमवार को भाजपा ने भी अपना घोषणा पत्र जारी किया था, जिसमें कई जनकल्याण योजनाओं के साथ-साथ गरीबों को मुफ्त अनाज देने की बात कही गई है। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार मौजूद रहे।
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में जनता से वादा किया है कि अगर वे सत्ता में आते हैं, तो गृह ज्योति के तहत 200 यूनिट निशुल्क बिजली दी जाएगी। गृह लक्ष्मी में परिवार की मुखिया को दो हजार रुपये तथा अन्न भाग्य में दस किलोग्राम अनाज देने का वादा किया गया है। इसके साथ ही कांग्रेस ने पशुपालन को बढ़ावा देने और गांवों में कम्पोस्ट खाद केंद्र स्थापित करने के लिए गाय का गोबर 3 रुपये प्रतिकिलो खरीदने का वादा किया है। कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है कि युवा निधि के तहत बेरोजगार स्नातकों को एक माह में तीन-तीन हजार रुपये तथा डिप्लोमाधारी बेरोजगारों को डेढ़-डेढ़ हजार रुपये दिए जाएंगे. वहीं, शक्ति योजना के तहत सभी महिलाओं को राज्य भर में केएसआरटीसी / बीएमटीसी बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा दी जाएगी।

गारंटी देता हूं कि सभी वादों को सरकार गठन के पहले दिन लागू किया जाएगा : खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने घोषणापत्र जारी करते हुए कहा,मैं छठी गारंटी देता हूं कि सभी वादों को सरकार गठन के पहले दिन, मंत्रिमंडल की पहली बैठक में लागू किया जाएगा। वहीं, उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा पारित किए गए अन्यायपूर्ण सभी कानूनों तथा अन्य जन विरोधी कानूनों को सत्ता में आने के एक वर्ष के भीतर ही रद्द कर दिया जाएगा।

कट्टरपंथी संगठनों का घोषणापत्र : हिमंत बिस्वा

कांग्रेस की ऐसी घोषणा पर असम के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि पीएफआई पर पहले से ही प्रतिबंध है। सिद्धारमैया सरकार ने पीएफआई के मामले वापस लिए इसलिए वे कह रहे हैं कि मुसलमानों को खुश करने के लिए वे बजरंग दल पर प्रतिबंध लगा देंगे, कांग्रेस कह रही है कि पीएफआई यह नहीं कह सकता कि हम बदला लेंगे, कांग्रेस का घोषणापत्र पीएफआई और कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों के घोषणापत्र जैसा दिखता है।

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