जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग में घरों में दरारें, परिवारों का पलायन

देहरादून। उत्तराखंड के जोशीमठ में घरों में आई दरारों के बाद बेघर हुए लोगों का दर्द अभी कम भी नहीं हुआ है कि उससे पहले ही राज्य के एक और शहर में वैसी ही दरारें देखने को मिली हैं. प्रदेश के चमोली जिले के कर्णप्रयाग क्षेत्र के कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारें देखने को मिल रही हैं. जानकारी के मुताबिक अब तक 38 घरों में दरारें देखने को मिली हैं. प्रशासन ने आनन-फानन प्रभावित हुए सभी मकानों को खाली करा करा लिया है. सभी प्रभावित 38 परिवार को नगर पालिका के रैन बसेरों और कॉलेज की कक्षाओं में शिफ्ट कर दिया गया है.
वहीं हालात पर प्रशासन करीब से नजर बनाए हुए है. इसी के ही साथ जोशीमठ में भू-धसाव को लेकर केंद्र सरकार के मंत्री विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने लोकसभा में ्रढ्ढरूढ्ढरू के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के सवाल के लिखित जवाब में कहा कि जोशीमठ में भू-धसाव से पहले तपोवन में हिमस्खलन और बाढ़ की घटनाएं हुई थीं. इसकी वजह से बिजली परियोजना का काम रोकना पड़ा था. उन्होंने कहा कि जोशीमठ और उसके आस पास कोई जल विद्युत परियोजना नहीं है.
दूसरी तरफ बद्रीनाथ हाईवे की करीब 150 मीटर सडक़ धसती जा रही है. वहीं जोशमीठ में क्षतिग्रस्त मकानों की संख्या बढक़र 720 हो गई है. जबकि 85 घरों को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है.

 

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