सीएम आवास सील होने पर गरमाई दिल्ली की सियासत
- आप और भाजपा आमने-सामने
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सिविल लाइंस स्थित 6, फ्लैग स्टाफ रोड पर सीएम आवास के सील होने के बाद दिल्ली की सियासत गरमा गई है। मुख्यमंत्री सचिवालय की तरफ से इसे जबरन की गई कार्रवाई करार दिया गया है। साथ में आशंका जताई है कि इसे भाजपा के किसी बड़े नेता को दिया जा सकता है। सीएमओ बोले कि एलजी के आदेश पर मुख्यमंत्री आतिशी का सामान उनके आधिकारिक आवास से जबरन बाहर निकाल दिया गया। देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है, जब जनता द्वारा चुने गए मुख्यमंत्री को सीएम कैंप कार्यालय और आवास से जबरन बेदखल कर दिया गया।
पीडब्ल्यूडी ने 6 अक्तूबर को सीएम आवास की चाबी आतिशी को सौंप दी थी। इस प्रक्रिया में विभाग ने सभी नियमों और प्रोटोकॉल का पालन किया गया है। पत्ति प्रमाणपत्र भी जारी किया है। सीएम आवास खाली करने के दौरान पीडब्ल्यूडी ने आधिकारिक तौर पर पूर्व सीएम केजरीवाल के आवास खाली करने की रिपोर्ट भी दी है। बाद में पीडब्ल्यूडी ने सीएम आवास की चाबियां आतिशी को सौंप दीं। भाजपा ने एलजी से मिलीभगत कर सामान सीएम आवास से जबरन बाहर निकलवा दिया। भाजपा दिल्ली सरकार के हर अधिकार को किसी न किसी तरह से छीनने की कोशिश कर रही है। पीडब्ल्यूडी के एई के चार अक्टूबर के पत्र के जवाब में सीएमओ सतेंद्र मोहन ने कहा है कि पीडब्ल्यूडी ने पूर्व मुख्यमंत्री को जो आवास की चाबियां दी गई थीं, उसे अस्थायी तौर पर वापस लिया गया है। केजरीवाल ने 4 अक्तूबर को आधिकारिक मुख्यमंत्री आवास खाली कर दिया था और चाबी मुख्यमंत्री कैंप ऑफिस में सेक्शन ऑफिसर को सौंप दी थी। पांच अक्तूबर को मुख्यमंत्री कार्यालय ने पीडब्ल्यूडी और जीएडी को पत्र भेजकर आगे की आवश्यक कार्रवाई का अनुरोध किया था।
सीएम आवास सील करना उचित : कांग्रेस
कांग्रेस ने कहा कि आतिशी का बिना आवंटन बंगले में प्रवेश करना और आप नेताओं के बयान शराब घोटाले, अवैध निर्माण, पेड़ कटाई, स्वाति मालीवाल से मारपीट जैसे संवेदनशील मामलों के सबूत छिपे होने की पुष्टि करते हैं। सतर्कता विभाग के अधिकारियों से जवाब मांगने के लिए नोटिस जारी करना इस बात की ओर स्पष्ट इशारा करता है। अगर सरकारी भवन आतिशी को ही आवंटित किया जाना था, तो फिर आप नेता सरकारी प्रक्रिया का इंतजार क्यों नहीं कर सकते थे।
‘शीश महल’ का वीडियो बनाकर रिपोर्ट जनता के सामने रखें : सचदेवा
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास को सील करने की कार्रवाई का स्वागत किया है। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि लोकनिर्माण विभाग को इस विवादित ‘शीश महल’ को पहले ही सील कर देना चाहिए था, क्योंकि सीलिंग जन आकांक्षाओं के अनुरूप है और विभाग को इस भवन का वीडियो ग्राफिक सर्वेक्षण करवाकर रिपोर्ट दिल्ली की जनता के समक्ष रखनी चाहिए।