डिप्रेशन में घर पर करें ये काम

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
आज के समय में लोगों की जिंदगी एक मशीन की तरह हो गई है, जो हर समय काम में लगी रहती है। कभी सोचा है यह व्यस्तता हमें कहां ले जा रही है? डिप्रेशन यानी अवसाद की ओर। अवसाद या डिप्रेशन मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा एक गंभीर रोग है। साथ ही इससे पीडि़तों की संख्या में काफी तेजी से वृद्धि देखने को मिल रही है, भारत में 3 में से एक व्यक्ति डिप्रेशन से ग्रसित है। जिसकी वजह से इसका असर उसकी सेहत पर देखने को मिल रहा है। डिप्रेशन के कारण इंसान की सोचने और समझने की क्षमता प्रभावित होती है। वर्तमान समय में डिप्रेशन के कारण लोगों के आत्महत्या के मामले चौकाने वाले हैं। इन दिनों बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी में यह समस्या देखने को मिल रही है। अगर समय रहते इसका उपचार न लिया जाए, तो यह व्यक्ति की मानसिक स्थिति और निर्णय लेने की क्षमता को कम कर, व्यक्ति को आत्महत्या की ओर भी ले जा सकती है।
क्यों होता है डिप्रेशन
लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि क्यों होता है डिप्रेशन? या इसके क्या कारण हैं? अक्सर लोग अपने जीवन में छोटी मोटी कठिनाइयों का सामना करते हैं, जिनसे उन्हें निराशा होती है और वे दुखी महसूस करते हैं। अवसाद रोग का कोई एक ज्ञात कारण नहीं है। फिर भी अवसाद के कारणों में आनुवंशिकता, बायोकेमिकल, वातावरण और मनोवैज्ञानिक संबंधी मिश्रित घटकों का समावेश होता है। अनेक शोधों के अनुसार अवसाद से संबंधित बीमारियाँ मस्तिष्क के विकार हैं।
म्यूजिक सुनें
म्यूजिक कई मायनों में सेहत के लिए फायदेमंद होता है खासकर मानसिक स्वास्थ्य के लिए गाने सुनना फायदेमंद माना जाता है। जब भी व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान हों तो उसे अपना पसंदीदा गाना सुनना चाहिए। संगीत में मूड बदलने, मन को अवसाद से निकालने की अदभुत शक्ति होती है। अगर आप स्ट्रेस या डिप्रेशन से गुजर रहे हैं तो दवा खाने या महंंगे इलाज की जगह एक बार आप म्यूजिक थैरेपी ट्राय करें, हालांकि डॉक्टर इसका बेहतर इलाज बता सकते हैं और ट्रीटमेंट के साथ-साथ आप म्यूजिक को भी अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं।
व्यायाम करें
हर किसी को अपनी सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। इसके लिए अच्छा खानपान और व्यायाम जरूरी है। व्यायाम डिप्रेशन को दूर करने का सबसे अच्छा तरीक़ा है। जब हम व्यायाम करते हैं तब सेरोटोनिन और टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन्स रिलीज़ होते हैं, जो दिमाग को स्थिर करते हैं। डिप्रेशन को बढ़ाने वाले विचार आने कम होते हैं। डिप्रेशन में पश्चिमासन करने से काफी लाभ मिलता है। इसे करने के लिए दंडासन से शुरुआत करें। सुनिश्चित करें कि घुटने थोड़े मुड़े हुए हों और पैर आगे की ओर फैले हों। बाहों को ऊपर की ओर फैलाएं और रीढ़ को सीधा रखें। सांस छोड़ें, जिससे पेट की हवा खाली हो जाए। सांस छोड़ते हुए, कूल्हे पर आगे की ओर झुकें और ऊपरी शरीर को निचले शरीर पर रखें। बाहों को नीचे करें और अपने बड़े पैर की उंगलियों को पकड़ें। घुटनों को नाक से छूने की कोशिश करें।
अच्छी नींद लें
अगर आपको डिप्रेशन है तो अनिद्रा की समस्या भी हो सकती है। अनिद्रा की समस्या का असर आपकी सेहत पर पड़ता है जिसके कारण वजन बढऩा, आंखें कमजोर होना, थकान होना, काम में मन न लगने जैसी समस्याएं हो सकती हैं इसलिए डिप्रेशन के दौरान अनिद्रा की समस्या से बचना जरूरी है। एक अच्छी और पूरी रात की नींद हमें सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है। जो लोग रोज़ाना 7 से 8 घंटे की नींद नहीं लेते हैं तो उन लोगों में डिप्रेशन का खतरा अधिक होता है। इसलिए व्यस्तता के बावजूद अपनी नींद से समझौता न करें। क्योंकि एक अच्छी नींद एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए काफी जरूरी होता है।


